बीजिंगः कोरोना वायरस से चीन में स्थिति बदतर होती जा रही है। लंदन की ग्लोबल हेल्थ इंटेलिजेंस कंपनी एयरफिनिटी के मुताबिक चीन में संक्रमण के रोजाना 10 लाख मामले दर्ज किए जा रहे हैं। साथ ही 24 घंटे में 5 हजार मौतें हो रही हैं। ऐसा ही चलता रहा तो जनवरी में डेली केसेस बढ़कर 37 लाख पर पहुंच जाएंगे। वहीं मार्च में यह आंकड़ा 42 लाख हो जाएगा।

हालांकि चीन की ओर से बुधवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों में महज 2 हजार 966 नए मामले और 10 मौतें ही बताई गई हैं। इसके पहले एयरफिनिटी ने अपने अनुमान में बताया था कि चीन में जीरो कोविड पॉलिसी खत्म होने के बाद 21 लाख मौतें हो सकती हैं।

चीन के अस्पतालों में बेड कम पड़ रहे हैं। सामूहिक अंतिम संस्कार किए जा रहे हैं। इस बीच सरकार ने एक बार फिर बॉर्डर सील करना शुरू कर दिया है। युन्नान प्रांत में म्यांमार से सटे रुइली शहर में सीमा पार करने वालों पर नजर रखने के लिए कैमरे और अलार्म लगा दिए गए हैं। इतना ही नहीं मोशन सेंसर और इलेक्ट्रिफाइड फेंसिंग भी लगाई है।

 

2021 में भी चीन ने सीमाएं सील कर दी थीं। दूसरे देशों से गैरकानूनी तरीके से आने वाले लोगों को रोकने के लिए सीमा पर पेट्रोलिंग बढ़ा दी थी। रूस से सटे शहर हीये में कोविड के जिम्मेदार लोगों की सूचना देने पर 15 लाख का इनाम तक रखा गया था।

विदेश से चीन लौटने वाले एक नागरिक ने कहा- मुझे तीन साल में कोरोना नहीं हुआ लेकिन, कुछ दिन पहले मैं बाहर से लौटा और संक्रमित हो गया। यकीन नहीं होता कि वायरस इतनी तेजी से फैल रहा है। मैं जिन्हें भी जानता हूं उन सबको कोरोना के चलते बुखार आ रहा है। अगर आप चीन से बाहर रह रहे हैं तो वहीं रहें, फिलहाल देश न लौटें।

 

उधर, जापान में भी कोरोना का खतरा बढ़ गया है। जापान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, यहां संक्रमण की 8वीं लहर आ चुकी है और ओमिक्रॉन वैरिएंट के कारण बच्चों की मौत हो रही है। यहां पर 8 महीने में 41 बच्चों की जान जा चुकी है। चीन में बिगड़ते हालात ने जापान की चिंता को बढ़ा दिया है।

विशेषज्ञों का कहना है कि ओमिक्रॉन का नया वैरिएंट जानलेवा साबित हो सकता है। ओमिक्रॉन ने अब तक 41 बच्चों की जान ली है। इनमें से 15 बच्चे पहले से बीमार नहीं थे। इन 15 में से 4 बच्चों की उम्र एक साल से कम थी। 2 बच्चों की उम्र एक से 4 साल के बीच थी और 9 बच्चे 5 साल की उम्र से ज्यादा के थे।

अमेरिका में भी कोरोना के ओमिक्रॉन वैरिएंट लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ा रहा है। जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, महामारी की शुरुआत से अब तक अमेरिका में कोरोना संक्रमितों की संख्या 10 करोड़ पार कर गया है। यहां कोरोना के 70% मामलों के लिए ओमिक्रॉन के नए सब-वैरिएंट्स को ही अहम वजह माना जा रहा है।

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