ब्रसेल्सः कतर में खेले जा रहे फीफा वर्ल्ड कप समाप्त होने के कगार पर है। इस टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला रविवार को अर्जेंटीना और फ्रांस के बीच खेला जाएगा। आपका बता दें कि फीफा विश्व कप शुरुआत से ही विवादों में घिरा है। अब इसके खत्म होने के एक दिन पहल कतर पर यूरोपियन यूनियन के सांसदों को करोड़ों रुपए की रिश्वत देने के आरोप लगे हैं। यह रिश्वत वर्ल्ड कप से पहले हुए निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर मजदूरों की मौतों के मामले दबाने के लिए दी गई थी। आपको बता दें कि इन मजदूरों में बड़ी संख्या भारतीयों की थी। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत के करीब साढ़े छह हजार मजदूर कतर में मारे गए हैं।
बेल्जियम पुलिस ने हाल ही में यूरोपियन पार्लियामेंट की एक मेंबर के ब्रुसेल्स स्थित घर और उनके पिता के होटल रूम पर छापा मारकर 8 करोड़ रुपए बरामद किए। इन सांसद पर आरोप है कि वर्ल्ड कप की तैयारियों में मजदूरों की मौत समेत कई विवादों को दबाने के लिए उन्होंने कतर से करोड़ों रुपए की घूस ली थी। बेल्जियम पुलिस ने जब्त की गई रकम की फोटो भी सोशल मीडिया में पोस्ट की है।
भ्रष्टाचार की जांच के लिए फेडरल पुलिस अब तक 20 जगह छापेमारी कर चुकी है। इस मामले में यूरोपियन यूनियन की संसद में भी छापा मारा जा चुका है। पहले ईयू की संसद में इन मजदूरों की मौत को बड़ा मुद्दा बनाया गया था। जिससे इंटरनेशनल लेवल पर कतर की किरकिरी हुई थी।
आपको बता दें कि एमनेस्टी इंटरनेशलनल ने 2022 में अपनी एक रिपोर्ट में बताया था कि कतर में पिछले 10 साल में 15 हजार 21 प्रवासी मजदूरों की मौत हुई है। इनमें सबसे ज्यादा 2 हजार 711 मजदूर भारतीय नागरिक थे। हालांकि रिपोर्ट में यह नहीं कहा गया है कि इनकी मौत वर्ल्ड कप से जुड़े निर्माण कार्य करने के दौरान हुई थी। इसके बाद आई मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि फीफा वर्ल्ड कप के लिए निर्माण कार्य में लगे 6 हजार 500 से ज्यादा वर्कर्स की मौत हुई।
उधर, कतर से घूस लेने के मामले में यूरोपियन संसद के ग्रीस से सदस्य एवा कायली को बेल्जियम से शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक उन्हें हिरासत में रखा जाएगा।
वहीं इटली से ईयू के सांसद एंटोनियो पंजेरी पर भी इस स्कैंडल में शामिल होने के आरोप लगे हैं। उनके घर पर रेड मार कर पुलिस ने 5 करोड़ रुपए जब्त किए थे। इसके साथ उन पर आरोप है कि वे कतर की तरफ से स्पोंसर की गई एक 87 लाख रुपए की फैमिली ट्रिप पर गए थे।
यूरोपीय संघ के सांसद कतर में प्रवासी मजदूरों के बूरे हालातों और उससे जुड़े विवादों को दबाने के मामले में काफी समय से शक के घेरे में हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कतर ने फीफा की मेजबानी के दौरान हो रही अपनी आलोचनाओं को दबाने के लिए कई यूरोपीयन लॉ मेकर्स को घूस दी थी। इन्हें पैसों के अलावा वर्ल्ड कप के टिकट और फ्री में कतर घूमने का मौका दिया गया।
पॉलिटिको के मुताबिक यूरोपीयन यूनियन के सांसदों के अलावा ब्रिटेन के सासंदों पर भी आरोप लगे हैं कि उन्होंने अक्टूबर 2021 के बाद से कई बार कतर सरकार से तोहफे लिए हैं। इस पर एमनेस्टी इंटरनेशनल के साचा देशमुख ने कहा कि किसी नेता को कतर से रुपए या फिर तोहफे नहीं लेने चाहिए। बल्कि उन्हें तो वहां हो रहे मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ कदम उठाने चाहिए।