दिल्लीः बुधवार को संसद शीतकाली सत्र में अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प का ही मुद्दा गूंजेगा। उधर, सदन की कार्यवाही शुरू होने से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बीजेपी संसदीय बोर्ड की मीटिंग की। इस बैठक में शामिल होने के लिए पीएम मोदी पहुंचे, तो पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्यों ने ताली बजाकर उनका स्वागत किया। यह सिलसिले करीब तीन मिनट तक चला। यानी बीजेपी पार्लियामेंट्री बोर्ड के सदस्यों ने पीएम मोदी के स्वागत में तीन मिनट तक तालियां बजाईं। पीएम मोदी का ये स्वागत गुजरात में जीत के लिए किया गया।
#WATCH | PM Narendra Modi receives a warm welcome at the BJP's Parliamentary meeting which is underway at Parliament. pic.twitter.com/BxJHQodMLP
— ANI (@ANI) December 14, 2022
उधर, कांग्रेस ने भी भारत-चीन सैनिकों की झड़प पर विपक्षी दलों की हाईलेवल मीटिंग बुलाई। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे तवांग पर सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों के साथ चर्चा कर रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मंगलवार को कहा कि रक्षामंत्री संसद में आए। अपना बयान पढ़ा और बाहर चले गए। वह चर्चा करने के लिए तैयार ही नहीं थे। इसका राजीव गांधी फाउंडेशन मामले से कोई संबंध नहीं है। अगर इसमें हमारी किसी भी तरह की गलती है तो हमें फांसी पर लटका दो।
खड़गे का कहना है कि उपसभापति ने कहा था कि हमें स्पष्टीकरण का मौका दिया जाएगा, लेकिन उन्होंने नहीं दिया। हमारी बात भी सुनने को तैयार नहीं थे। यह देश के लिए अच्छा नहीं है।
एआईएमआईएम के नेता असदुद्दीन ओवैसी ने तवांग इलाके में हुई झड़प मामले में सरकार को घेरते हुए सवाल किया है। उन्होंने कहा कि भारत-चीन सैनिकों के बीच झड़प 9 दिसंबर को हुई थी। इस दौरान पार्लियामेंट चल रहा है तो सरकार ने इसकी जानकारी उसी दिन क्यों नहीं दी? हमें तीन दिन बाद मीडिया बता रही है कि हमारे बहादुर सैनिक घायल हुए हैं।
मुझे देश की आर्मी पर पूरा भरोसा है, लेकिन देश में एक कमजोर लीडरशिप है। मोदी सरकार चीन का नाम लेने से भी घबराती है।
तवांग मुद्दे पर राजनाथ सिंह के अहम बयान…
- सिंह ने कहा कि 9 दिसंबर 2022 को PLA ट्रूप्स ने तवांग में LAC का उल्लंघन कर नियम तोड़े थे। भारतीय सेना ने PLA को अतिक्रमण से रोका। उन्हें उनकी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। इस घटना में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें भी आई हैं। हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है और न कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। हमने समय से हस्तक्षेप किया। इसकी वजह से चीनी सैनिक वापस चले गए।
- इसके बाद लोकल कमांडर ने 11 दिसंबर को चाइनीज काउंटर पार्ट के साथ व्यवस्था के तहत फ्लैग मीटिंग की। चीन को ऐसे एक्शन के लिए मना किया गया और शांति बनाए रखने को कहा। कूटनीतिक स्तर पर भी मुद्दा उठाया गया। हमारी सेनाएं भौमिक अखंडता को सुरक्षित रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। किसी भी प्रयास को रोकने के लिए तत्पर हैं। विश्वास है सदन सेनाओं की वीरता और साहस को समर्थन देगा। यह संसद बिना किसी संशय के भारतीय सेना के शौर्य, पराक्रम और क्षमता का अभिनंदन करेगी।
शाह ने कांग्रेस को घेराः अरुणाचल प्रदेश के तवांग में हुई झड़प को लेकर संसद में भारी हंगामा हुआ, जिसको लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने संसद के बाहर कहा कि भारत की एक इंच जमीन पर चीन ने कब्जा नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिकों ने बहादुरी दिखाई। कांग्रेस दोहरा व्यवहार कर रही है। कांग्रेस ने प्रश्न काल चलने नहीं दिया। हमने जवाब देने की बात कह दी थी। उसके बावजूद इन्होंने संसद नहीं चलने दी।
शाह ने आरोप लगाया कि चीन पर कांग्रेस का रवैया दोहरा है। राजीव गांधी फाउंडेशन का सवाल प्रश्न काल में रखा गया था। मैं बता दूं कि इसका fcra लाइसेंस रद्द किया गया था। इसी पर सवाल था। उस फाउंडेशन को चीन से पैसे मिले। 1.38 करोड़ रुपए मिले थे। कांग्रेस शासन में 1962 में चीन ने हजारों एकड़ जमीन हड़प ली थी।