दिल्लीः रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ(CDS) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुखों ने राजनाथ सिंह को घटना के बारे में विस्तार से जानकारी दी।  वहीं इस मुद्दे पर आज संसद में हंगामे के भी आसार हैं। कांग्रेस इस प्रधानमंत्री मोदी से जवाब की मांग कर रही है। विपक्षी दलों के कई सांसदों ने सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है।

वहीं न्यूज एजेंसी एएनआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से खबर दी है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह दोपहर 12 बजे लोकसभा में और 12.30 बजे राज्यसभा में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के मुद्दे पर जवाब देंगे।

उधर, सूत्रों के अनुसार, एलएसी पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों का जमावड़ा 9 दिसंबर को देखा गया था। भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सेना को वहां से हटने के लिए कहा और दृढ़ता से उन्हें आगे बढ़ने से रोका। इसके बाद हुई झड़प में दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आईं। झड़प के तत्काल बाद दोनों पक्ष अपने इलाकों में लौट गए। बताया जा रहा है कि चीनी सैनिकों की तरफ से अचानक हुए इस हमले का मुहंतोड़ जवाब दिया गया। जहां भारत की तरफ से 20 सैनिक जख्मी हुए, वहीं चीन के घायल सैनिकों का आंकड़ा लगभग दोगुने से भी ज्यादा बताया जा रहा है।

इस घटना के बाद भारत के स्थानीय कमांडर ने चीनी पक्ष के कमांडर के साथ फ्लैग मीटिंग की और पहले से तय व्यवस्था के तहत शांति और स्थिरता कायम करने पर चर्चा की। सेना के सूत्रों ने बताया कि तवांग में एलएसी के कुछ इलाके ऐसे हैं जहां दोनों ही पक्ष अपना दावा करते हैं और यहां दोनों देशों के सैनिक गश्त करते हैं। यह ट्रेंड 2006 से चल रहा है।

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