Old compass on vintage map with rope closeup. Retro stale

दिल्लीः भारत-पाकिस्तान के बीच 3 दिसंबर 1971 को युद्ध शुरू हुआ था। इसके अगले ही दिन इंडियन नेवी ने भी पाकिस्तान पर हमला बोल दिया। इंडियन नेवी ने 4 दिसंबर को पाकिस्तान की नेवी पर पहला हमला जरूर किया था, लेकिन इसकी तैयारी कई महीनों पहले से शुरू हो गई थी।

हुआ ये था कि लड़ाई शुरू होने से पहले अक्टूबर 1971 में उस समय के नेवी प्रमुख एडमिरल एसएम नंदा प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से मिलने गए। उन्होंने प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी से पूछा, “अगर हम कराची पर हमला करें, तो क्या इससे सरकार को राजनीतिक रूप से कोई आपत्ति हो सकती है?”

इस पर प्रधानमंत्री ने पूछा कि आप ऐसा क्यों पूछ रहे हैं? इसके जवाब में एडमिरल एसएम नंदा ने कहा, “1965 में नेवी से खासतौर से कहा गया था कि वो भारतीय समुद्री सीमा से बाहर कोई कार्रवाई न करे।” इस पर इंदिरा गांधी ने कहा, “इफ देयर इज अ वॉर, देयर इज अ वॉर।” यानी अगर लड़ाई है, तो लड़ाई है।

इसके बाद 2 दिसंबर 1971 को पूरा वेस्टर्न फ्लीट मुंबई से निकल गया। इस बेड़े में INS निपात, INS वीर और INS निर्घट शामिल थे। हर बोट पर 4-4 मिसाइलें थीं। इनके ठीक पीछे INS किल्टन भी चल रहा था। 4 दिसंबर की रात ठीक 10 बजकर 40 मिनट पर INS निर्घट ने पाकिस्तान के जहाज PNS खैबर पर पहली मिसाइल दागी।

मिसाइल लगते ही खैबर हिल गया। उसमें मौजूद जवानों को पता ही नहीं चला कि हमला कहां से हुआ है? उन्हें लगा कि लड़ाकू विमान से हमला हुआ है। वो कुछ सोच पाते कि तभी थोड़ी देर बाद दूसरी मिसाइल चली और खैबर डूब गया। एक रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तानी नेवी के 222 जवान इसमें मारे गए।

रात 11 बजे INS निपात ने पाकिस्तान के MV वीनस चैलेंजर और PNS शाहजहां पर दो मिसाइल दागीं। वीनस चैलेंजर तबाह हो गया और शाहजहां को बहुत नुकसान पहुंचा। उधर 11:20 मिनट पर INS वीर ने PNS मुहाफिज पर मिसाइल दागी। मुहाफिज तुरंत डूब गई और इसमें मौजूद 33 जवानों की मौत हो गई। इसी बीच INS निपात कराची पोर्ट की तरफ बढ़ता गया।

कराची पोर्ट पाकिस्तान के लिहाज से बहुत खास था, क्योंकि इसके एक तरफ पाकिस्तान नेवी का हेडक्वार्टर था और दूसरी तरफ तेल भंडार। INS निपात ने पोर्ट की ओर दो मिसाइल दागीं। एक मिसाइल चूक गई, जबकि दूसरी सीधे तेल के टैंक में जाकर लगी। जबरदस्त विस्फोट हुआ। बताते हैं कि विस्फोट इतना जबरदस्त था कि आग की लपटों को 60 किमी की दूरी से भी देखा जा सकता था।

करीब 5 दिन तक ये पूरा ऑपरेशन चला। नेवी ने इसे “ऑपरेशन ट्राइडेंट” नाम दिया। इस पूरे ऑपरेशन में भारत को कोई नुकसान नहीं पहुंचा, जबकि पाकिस्तान के कई जवान इसमें मारे गए और उसके तेल टैंक तबाह हो गए। 4 दिसंबर को शुरू हुए इस ऑपरेशन की वजह से ही हर साल 4 दिसंबर को “नेवी डे” मनाया जाता है।

गेटवे ऑफ इंडिया का उद्घाटनः भारत की वाणिज्यिक नगरी मुंबई में 4 दिसंबर 1924 को गेटवे ऑफ इंडिया का उद्घाटन हुआ था। इसका निर्माण ब्रिटेन के राजा जॉर्ज V और क्वीन मैरी की भारत यात्रा को यादगार बनाने के लिए किया गया था। उन्होंने यहीं से भारत में प्रवेश किया था। 31 मार्च 1911 को इसे बनाने का काम शुरू हुआ था। 26 मीटर ऊंचे इस गेट को जॉर्ज विटेट ने डिजाइन किया है। 13 साल में गेटवे पूरी तरह बनकर तैयार हुआ और आज ही के दिन इसका उद्घाटन किया गया। आइए एक नजर डालते हैं 04 दिसंबर को देश और दुनिया में घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1796 – बाजीराव द्वितीय पेशवा बनाए गए।
1829 – वायसराय लार्ड विलियम बेंटिक ने सती प्रथा को समाप्त करने का ऐलान किया।
1860 – गोवा में मरगाव के निवासी अगस्टिनो लॉरेंसो ने पेरिस विश्वविद्यालय से रसायन विज्ञान में डॉक्टरेट की उपाधि ली। वह विदेशी विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि लेने वाले पहले भारतीय थे।
1952 – इंग्लैंड में स्मॉग की घनी परत छाने के कारण हजारों लोगों की जान चली गई।
1959 – भारत और नेपाल के बीच गंडक सिंचाई एवं विद्युत परियोजना पर हस्ताक्षर किए गए।
1967 – देश के पहले रॉकेट ‘रोहिणी आरएच 75’ का थुम्बा से प्रक्षेपण किया गया।
1977 – मिस्र के विरुद्ध अरब मोर्चे का गठन किया गया।
1984 – हिज्बुल्ला आतंकवादियों ने कुवैत एयरलाइन के विमान का अपहरण कर चार यात्रियों की हत्या कर दी।
1991 -लेबनान में अंतिम अमेरिकी बंधक को सात वर्ष की कैद के बाद रिहा कर दिया गया।
1996 – अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने मंगल ग्रह की सतह के अध्ययन के लिए एक और अंतरिक्ष यान ‘मार्स पाथफाउंडर’ प्रक्षेपित किया।
2006 – फिलीपीन में भीषण तूफ़ान के बाद ज़मीन धंसने से लगभग एक हज़ार लोगों की मौत।
2008 – प्रसिद्ध इतिहासकार और प्राचीन भारतीय इतिहास की अध्ययनकर्ता रोमिला थापर को क्लूज सम्मान के लिये चुना गया।
2012 – सीरिया में मोर्टार हमले में 29 लोगों की मौत

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