Old compass on vintage map with rope closeup. Retro stale

दिल्लीः एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब खुद गांधी जी भी शायद ही दे पाते। यह सवाल है कि अगर मोहनदास करमचंद गांधी दक्षिण अफ्रीका न जाते तो क्या वह महात्मा बन पाते? भारत आने से पहले उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद और नस्लभेद का विरोध किया। वहां रहकर उन्होंने भारतीयों ही नहीं बल्कि अन्य वंचित तबके के लोगों को भी न्याय दिलाने के लिए संघर्ष किया। ऐसा ही एक संघर्ष था द ग्रेट मार्च, जो महात्मा गांधी के लिए विदेश में सबसे बड़ी जीत बनकर उभरा।

मार्च 1913 में केप के सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया कि जो शादियां ईसाई रीति-रिवाजों के मुताबिक नहीं हुई है, वह अवैध हैं। इसका मतलब यह हुआ कि ज्यादातर भारतीयों का विवाह अवैध हो गया। जब शादी ही अवैध तो उससे हुए बच्चे वैध कैसे रहते?

सुप्रीम कोर्ट के फैसले का असर यह होता कि भारतीय बच्चे अपने पुरखों की विरासत से ही बेदखल हो जाते, तब नागरिकों में आक्रोश फैल गया। दूसरी ओर नटाल की सरकार ने भारतीयों के खिलाफ मुकदमे चलाने शुरू कर दिए जो 3 पाउंड का वार्षिक टैक्स नहीं चुका पाए थे।

उस समय महात्मा गांधी ने नटाल और ट्रैंसवाल में सत्याग्रह शुरू किया। 6 नवंबर 1913 को दमनकारी कानून के खिलाफ द ग्रेट मार्च निकाला। 2,000 से ज्यादा लोगों ने गांधीजी के नेतृत्व में नटाल तक मार्च किया। गांधीजी गिरफ्तार हुए। जमानत पर छूटे तो फिर मार्च में शामिल हो गए। फिर गिरफ्तार किए गए।

यह सिलसिला टूटा और गांधीजी की जीत हुई। सरकार समझौते को राजी हुई। गांधीजी एवं दक्षिण अफ्रीकी सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर जनरल जॉन स्मिट्स में बातचीत हुई। भारतीय राहत विधेयक पास हुआ और भारतीय नागरिकों को काले कानून से आजादी मिली।

अब्राहम लिंकन बने अमेरिका के राष्ट्रपतिः अब्राहम लिंकन 6 नवंबर 1860 को अमेरिका के 16वें प्रेसिडेंट बने। रिपब्लिकन पार्टी के पहले प्रेसिडेंट रहे और उन्होंने न केवल अमेरिका को गृह युद्ध से उबारा बल्कि गुलामी प्रथा को बंद कर नए अमेरिका की नींव रखी। लिंकन का जन्म गरीब परिवार में हुआ था। वहां से उठकर अमेरिका जैसे देश के प्रेसिडेंट बनने तक का लिंकन का सफर बेहद मुश्किलों भरा रहा।

एक महान विचारक के तौर पर उन्हें सदियों तक जाना जाएगा। लोकतंत्र की उनकी दी परिभाषा- जनता द्वारा, जनता के लिए जनता का शासन- आज भी सर्वमान्य है। माना जाता है कि लिंकन गरीब मुवक्किलों के केस मुफ्त में भी लड़ लेते थे। इस वजह से वे कभी सफल वकील नहीं रहे। बीस साल तक असफल वकालत के दिनों के सैंकड़ों किस्से उनकी ईमानदारी और सज्जनता की गवाही देते हैं। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 06 नवम्बर को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1763: ब्रिटिश फौज ने मीर कासिम को हराकर पटना पर कब्जा किया।
1813: मैक्सिको ने स्पेन से स्वतंत्रता हासिल की।
1844: स्पेन ने डाेमिनिकन गणराज्य को स्वतंत्र किया।
1860 : अब्राहम लिंकन अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति चुने गए।
1903: अमेरिका ने पनामा की स्वतंत्रता को मान्यता प्रदान की।
1913 : महात्मा गांधी ने दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद की नीतियों के खिलाफ ‘द ग्रेट मार्च’ का नेतृत्व किया।
1913 : दक्षिण अफ्रीका में भारतीय खनन मजदूरों की रैली का नेतृत्व करने पर महात्मा गांधी को गिरफ्तार किया गया।
1935 : एडविन आर्मस्ट्राँग ने न्यूयार्क के रेडियो इंजिनियरों के सम्मेलन में अपने शोध के जरिए रेडियो सिग्नल के प्रसारण में आ रही रुकावटों को कम करने संबंधी जानकारी दी।
1937 : प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ सदस्य यशवंत सिन्हा का जन्म हुआ।
1943ः द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान जापान ने अंडमान और निकोबार द्वीप समूहों को नेताजी सुभाष चन्द्र बोस को साैंप दिया।
1949ः यूनान में गृह युद्ध समाप्त हुआ।
1973ः नासा के स्पेसक्राफ्ट पायोनियर-10 ने ज्यूपिटर के चित्र लेना शुरू किया।
1985 : प्रसिद्ध फिल्म अभिनेता संजीव कुमार का निधन हुआ।
1990ः नवाज शरीफ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने।
1994 : अफ़ग़ानिस्तान के बुरहानुद्दीन रब्बानी गुट द्वारा संयुक्त राष्ट्र अफ़ग़ान शांति योजना को स्वीकृत किया गया।
1998 : सियाचिन में युद्धविराम का भारत का प्रस्ताव पाकिस्तान को नामंजूर था।
1999ः ऑस्ट्रेलिया ने जनमत संग्रह में ब्रितानी राजतंत्र को नहीं ठुकराने का फैसला किया।
2000ः ज्योति बसु ने लगातार 23 साल पश्चिम बंगाल का मुख्यमंत्री रहने के बाद पद छोड़ा।
2004 : रूस ने क्योटो करार की पुष्टि की।
2008 : स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया ने प्रधान ब्याज दर (जीएलआर) और जमादारों के कटौती की घोषणा की।
2010 : पश्चिम बंगाल के मुख्यमंत्री रहे प्रसिद्ध राजनीतिज्ञ सिद्धार्थ शंकर राय का निधन हुआ।
2013 : सीरिया के दमिश्क में आत्मघाती विस्फोट में आठ लोग मरे, 50 घायल हो गये।
2013 : इराक की राजधानी बगदाद में आत्मघाती हमले में 15 लोगों की मौत।
2013ः सचिन तेंडुलकर और वैज्ञानिक प्रो सीएनआर राव को भारतरत्न देने की घोषणा की गई।

 

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