दिल्ली डेस्कः गुजरात के मोरबी हादसे में मरने वालों की संख्या सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 134 पहुंच गई है। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरबी हादसे पर उच्च-स्तरीय बैठक की साथ ही राहत-बचाव कार्यों की समीक्षा भी की। मामले में मेंटीनेंस कंपनी के 9 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पीएम मोदी आज मोरबी भी जाएंगे। इस दौरान पीएम मोदी पुल हादसे में जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों से मुलाकात करेंगे। वह मोरबी सिविल अस्पताल का दौरा भी करेंगे और यहां घायलों का हालचाल जानेंगे।
उधर, हादसे के तीसरे दिन मंगलवार को नेवी और NDRF की टीमों ने एक बार फिर मच्छू नदी में शवों की तलाश शुरू कर दी है। वहीं गुजरात में बुधवार को एक दिन का राजकीय शोक घोषित किया गया है। आपको बता दें कि पीएम मोदी गुजरात के तीन दिवसीय दौरे पर हैं। वह आज मोरबी में मृतकों के परिजनों और घायलों से मुलाकात करेंगे। पीएम मोदी के दौरे से पहले रातोंरात यहां के सरकारी अस्पताल का रंग-रोगन और मरम्मत की गई है।
इस मुद्दे को लेकर विपक्षी कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने राज्य सरकार पर तंज कसा है और कहा कि बीजेपी इवेंट मैनेजमेंट में जुटी है ताकि प्रधानमंत्री का फोटोशूट हो सके।
आपको बता दें कि ब्रिज के मेंटेनेंस की जिम्मेदारी ओरेवा ग्रुप के पास है। इस ग्रुप ने मार्च 2022 से मार्च 2037 यानी 15 साल के लिए मोरबी नगर पालिका के साथ एक समझौता किया है। गुजरात पुलिस ने कहा कि 50 लोगों की टीम पुल हादसे की जांच में जुटी है। जिम्मेदारों पर धारा 304, 308 और 114 के तहत केस दर्ज किया गया है। IG ने कहा कि अभी तक जिनकी भूमिका सामने आई, उन्हें गिरफ्तार किया गया। जैसे-जैसे नाम सामने आते जाएंगे और गिरफ्तारियां होती जाएंगी। अब तक 9 लोग गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें ओरेवा कंपनी के अफसर भी शामिल हैं। इसी कंपनी को ब्रिज की जिम्मेदारी दी गई है।
गुजरात के मोरबी का केबल सस्पेंशन ब्रिज 20 फरवरी 1879 को शुरू किया गया था। 143 साल पुराना होने से इसकी कई बार मरम्मत हो चुकी है। हाल ही में 2 करोड़ रुपए की लागत से 6 महीने तक ब्रिज का रेनोवेशन हुआ था। गुजराती नव वर्ष यानी 26 अक्टूबर को ही यह दोबारा खुला था, लेकिन बिना फिटनेस सर्टिफिकेट के इसे खोला गया। फोरेंसिक सूत्र के अनुसार, ब्रिज का पुराना केबल भारी दबाव के कारण टूट गया।