इस्‍लामाबाद: पाकिस्‍तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ पर तीखा हमला बोला। लाहौर शहर से आजादी मार्च को लेकर निकले इमरान खान ने रविवार को कहा कि शहबाज शरीफ (सेना के जनरलों के) बूट पॉलिश करने वाला है और मैं उससे बात नहीं करता हूं। पीटीआई नेता यही नहीं रूके उन्होंने दावा किया कि शहबाज शरीफ गाड़ी की डिग्‍गी में छिपकर सेना प्रमुख से मिलने जाता था ताकि कोई देख न ले। इससे पहले शहबाज शरीफ ने दावा किया था कि इमरान खान ने नए आर्मी चीफ की नियुक्ति को लेकर उनसे बात करनी चाही थी।

उन्होंने कहा, “मैं उनसे (शहबाज शरीफ) बात करूंगा जिससे मिलने के लिए शहबाज शरीफ कार की डिग्‍गी में बैठकर जाते थे।“ पूर्व पीएम इमरान ने सवाल किया कि वह क्‍यों शहबाज शरीफ को संदेश भेजेंगे। वह (इमरान) सैन्‍य तानाशाहों की नर्सरी में नहीं पले हैं। इमरान खान ने कहा, “मैं अयूब खान डैडी नहीं कहता हूं जैसाकि जुल्‍फ‍िकार अली भुट्टो कहते थे। मैं नवाज शरीफ नहीं हूं जिसने जनरल जिलानी के घर को बनाया था।“

पाकिस्‍तानी सेना पर इमरान खान के जुबानी हमले के कवरेज पर भी पीटीआई नेता भड़क उठे। उन्‍होंने कहा कि भारतीय मीडिया सुन लो, मेरी पार्टी सेना के साथ खड़ी है। मेरी सेना की आलोचना रचनात्‍मक है। इमरान ने दावा किया कि वह जनता के बल पर सत्‍ता में आए थे, न कि सेना की मदद से। उन्‍होंने कहा कि दमन के खिलाफ आवाज उठाने वालों को पत्रकार अरशद शरीफ की तरह से धमकी दी जाती है और हत्‍या कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि गुलामी को स्‍वीकार करने से अच्‍छा है कि मर जाना।

 

आपको बता दें कि पाकिस्तान के मौजूदा प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने दावा किया था कि उन्होंने इमरान खान के सेना प्रमुख की नियुक्ति के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। इसके बजाय उन्हें लोकतंत्र के चार्टर और अर्थव्यवस्था के चार्टर पर बातचीत की पेशकश की। उन्होंने कहा, “पीटीआई अध्यक्ष ने दो मुद्दों को हल करने के लिए एक पारस्परिक व्यवसायी मित्र के माध्यम से एक महीने पहले सरकार के साथ बातचीत की पेशकश की, जिनमें से एक सेना प्रमुख की नियुक्ति थी। प्रधान मंत्री शहबाज ने व्लॉगर्स को बताया, ‘इमरान खान ने बातचीत की पेशकश की।“

पीएम शहबाज ने कहा, “पहला मामला सेना प्रमुख की नियुक्ति का था और दूसरा समय से पहले चुनाव कराने का था।’ प्रधानमंत्री शहबाज ने कहा कि ‘उन्होंने एक संदेश भेजा था कि सेना प्रमुख की नियुक्ति एक संवैधानिक कर्तव्य था जिसे प्रधान मंत्री को निभाना होगा। मैंने इमरान खान को लोकतंत्र के चार्टर और अर्थव्यवस्था के चार्टर पर चर्चा करने की पेशकश की है।“ उन्होंने समझाया कि उन्हें बताया गया था कि आईएसआई प्रमुख प्रेस कॉन्फ्रेंस करना चाहते थे क्योंकि वह (आईएसआई डीजी) इमरान खान और सेना प्रमुख के बीच बैठक के चश्मदीद गवाह थे। उन्होंने कहा कि आईएसआई प्रमुख ने पूरे मामले को लोगों के सामने रखा।

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