आज गंगा दशहरा है। इस बार के गंगा दशहरे पर सिद्धि एवं रवियोग बन रहा है। धर्मशास्त्रों की मान्यता और पुराणों के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगा का अवतरण हुआ था। इसलिए आज के दिन श्रद्धालुओं को तीर्थ स्नान के साथ धर्म-अनुष्ठान एवं पितरों के लिए तर्पण करना चाहिए। गंगा अवतरण के 10 योग हैं- ज्येष्ठ, शुक्ल पक्ष, दशमी, बुधवार, हस्त नक्षत्र, व्यतिपात योग, गर करण, आनंद योग, कन्या राशि का चंद्रमा, वृषभ राशि का सूर्य है। बुधवार और हस्त नक्षत्र होने से आनंद योग बनता है। इसमें दशमी और व्यतिपात मुख्य माने गए हैं।
ग्रंथों में लिखा है कि दशहरा और चारों युगादि तिथियों में उत्कर्ष नहीं। यानी गौण और मुख्य का विचार नहीं होता है। इसलिए इस दिन अपने तीर्थ में स्नान कर गंगा का पूजन करना चाहिए। ज्येष्ठ सभी बारह महीनों में सबसे बड़ा है। इस महीने के शुक्लपक्ष की दशमी तिथि पर सिद्धि और रवियोग बहुत महत्वपूर्ण है। इस योग में किए दान सिद्ध माने गए हैं।


राशि अनुसार क्या करें?
मेष – तीर्थ स्नान कर गुड़ तथा काली तिल का दान करें।
वृष- तांबे के कलश में चावल, काली तिल, मिश्री रखकर दान करें।
मिथुन- सुहाग सामग्री, सत्तु का दान ब्राह्मण को भेंट करें।
कर्क- जल से भरा घट, फल दान करें।
सिंह- तांबे के कलश में सफेद तिल तथा सोने का दाना रखकर दान करें।
कन्या- विभिन्न प्रकार के फलों का दान शिव मंदिर के पुजारी को करें।
तुला- चांदी की वस्तु या सफेद खाद्य सामग्री दान करें।
वृश्चिक- वैदिक विद्वान को धार्मिक पुस्तकें दान करें।
धनु- रूद्राभिषेक कराएं, सात तरह के धान दान करें।
मकर- कपड़े और बर्तन ब्राह्मण को दान करें।
कुंभ- जौ, मक्का सहित 8 प्रकार का धान दान करें।
मीन- किसी गरीब को भोजन कराएं, पशु-पक्षियों को भोजन दान करें।

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