प्रखर प्रहरी डेस्क

दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 31 मई को सुबह 11 बजे रेडियो पर मन की बात की। स दौरान उन्होंने वैश्विक महामारी कोरोना के काल में देशभर में श्रमिकों को हुई पीड़ा का उल्लेख किया। उन्होंने श्रमिकों के प्रति सहानुभूति जताते हुए कहा कि कि इन श्रमिकों के बाहुबल से पूर्वी भारत के विकास की विशाल संभावनाएं भी खुली हैं तथा सरकार ने इस दिशा में कदम उठाना शुरू कर दिया है।
पीएम ने कहा कि कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई का रास्ता लंबा है। यह एक ऐसी आपदा है, जिसका पूरी दुनिया के पास कोई इलाज ही नहीं है। जिसका कोई पहले का अनुभव ही नहीं है। ऐसे में नई-नई चुनौतियों और परेशानियों हम अनुभव कर रहें हैं।।  उन्होंने कहा कि हमारे देश में भी कोई वर्ग ऐसा नहीं है जो कठिनाई में न हो। परेशानी में न हो और इस संकट की सबसे बड़ी चोट, अगर किसी पर पड़ी है, तो, हमारे गरीब, मजदूर, श्रमिक वर्ग पर पड़ी है। उनकी तकलीफ एवं उनकी पीड़ा शब्दों में नहीं कही जा सकती है। हम में से कौन ऐसा होगा जो उनकी और उनके परिवार की तकलीफों को अनुभव न कर रहा हो। हम सब मिलकर उनकी तकलीफ एवं पीड़ा को बांटने का प्रयास कर रहे हैं।  

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