Old compass on vintage map with rope closeup. Retro stale

दिल्लीः आज से ठीक 94 साल पहले यानी 28 सितंबर 1928 को स्कॉटलैंड के वैज्ञानिक सर एलेक्जेंडर फ्लेमिंग अपनी लैब में काम कर रहे थे। एक एक्सपेरिमेंट के दौरान एक्सीडेंटली उन्हें एक फंगस दिखा। उस फंगस पर की गई रिसर्च ने पूरी दुनिया में इलाज के तरीके को बदलकर रख दिया। दरअसल सर फ्लेमिंग की उस रिसर्च से ही दुनिया को पहली एंटीबायोटिक मेडिसिन पेनिसिलिन मिली थी।

एलेक्जेंडर फ्लेमिंग के इस आविष्कार को 20वीं सदी के सबसे बड़े इन्वेंशन में गिना जाता है। 6 अगस्त 1881 को स्कॉटलैंड में जन्मे एलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने 1906 में सेंट मैरी हॉस्पिटल मेडिकल स्कूल से डिग्री ली। इसके बाद रॉयल आर्मी मेडिकल कॉर्प्स में चले गए। पहले विश्वयुद्ध के बाद 1928 में वे फिर सेंट मैरी मेडिकल स्कूल लौट आए। यहीं उन्होंने पेनिसिलिन की खोज की।

फ्लेमिंग अपनी रिसर्च के लिए एक पेट्री डिश इस्तेमाल कर रहे थे। एक दिन उन्होंने देखा कि उस डिश में पड़ी जैली में फंगस (फफूंद) लग गई थी। जहां पर भी ये फंगस थी, वहां सभी बैक्टीरिया मर गए थे। रिसर्च करने पर पता चला कि फफूंद पेनिसिलियम नोटाटम थी।

अचानक हुई इस घटना को फ्लेमिंग ने कई बार दोहराया। सबसे पहले उन्होंने पेनिसिलियम की उस दुर्लभ किस्म को उगाया। फिर इस फंगस से निकाले गए रस को बैक्टीरिया पर डालकर देखा। इससे उन्होंने पता लगाया कि फंगस से निकले रस से बैक्टीरिया मर जाते हैं।

पेनिसिलिन ही दुनिया का पहला एंटीबायोटिक है। इसे डॉक्टरों ने इंसानों को होने वाली कई संक्रामक बीमारियों के लिए जिम्मेदार बैक्टीरिया को खत्म करने के लिए प्रयोग किया। इस एंटीबायोटिक का इस्तेमाल आज भी बड़े पैमाने पर होता है।

भारत रत्न लता मंगेशकर का जन्मदिनः भारत रत्न लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को इंदौर में पंडित दीनानाथ मंगेशकर और शेवंती के घर हुआ। लता के पिता मराठी संगीतकार, शास्त्रीय गायक और थिएटर एक्टर थे, जबकि मां गुजराती थीं। बचपन से ही लता को घर में गीत-संगीत और कला का माहौल मिला और वे उसी ओर आकर्षित हुईं। पांच वर्ष की उम्र से ही लता को उनके पिता संगीत का पाठ पढ़ाने लगे।

1942 में पिता की मौत के बाद लता पर परिवार की जिम्मेदारी आ गई थी। तब लता ने हिंदी-मराठी फिल्मों में अभिनय भी किया। मराठी फिल्मों में गाना भी शुरू किया। तब से शुरू हुआ सिलसिला कुछ साल पहले तक जारी रहा। उन्होंने 20 भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा गाने गाए हैं। 2001 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

इससे पहले उन्हें पद्मभूषण (1969), दादा साहब फाल्के पुरस्कार (1989) और पद्म विभूषण (1999) से पुरस्कृत किया गया। तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार और आठ बार फिल्मफेयर पुरस्कार जीता। मध्यप्रदेश सरकार ने लता मंगेशकर के नाम पर पुरस्कार भी स्थापित किया है।

पहला प्राइवेट रॉकेट स्पेस में लॉन्चः

मौजूदा समय में ऐसा कौन होगा स्पेसएक्स के बारे में नहीं जानता है। 2002 में एलन मस्क द्वारा शुरू की गई स्पेसएक्स आज स्पेस की दुनिया में जाना माना नाम है। स्पेसएक्स के नाम पर आज के दिन 2008 में एक बड़ी उपलब्धि दर्ज हुई थी। 28 सितंबर 2008 को स्पेसएक्स ने फॉल्कन-1 को लॉन्च किया था। इसी के साथ फॉल्कन-1 धरती की कक्षा में जाने वाला दुनिया का पहला प्राइवेट रॉकेट बन गया था।

फॉल्कन-1 स्पेसएक्स का बनाया पहला रॉकेट था। ये 1 हजार किलो तक वजनी ऑब्जेक्ट्स को धरती की कक्षा में स्थापित कर सकता था। 24 मार्च 2006 को फॉल्कन-1 को पहली बार लॉन्च किया गया था। तब केवल 25 सेकेंड बाद ही इंजन में गड़बड़ी के बाद लॉन्च फेल हो गया था। इसके बाद 2007 और 2008 में भी फॉल्कन-1 के लॉन्च अटैम्प्ट किए गए, लेकिन शुरुआती तीन लॉन्च फेल हो गए।

आखिरकार, 28 सितंबर 2008 को फॉल्कन-1 पहली बार सफलतापूर्वक लॉन्च किया गया। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 28 सितंबर को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं के बारे में-

1542 : केलिफोर्निया के खोजकर्ता रोड्रिग्ज कैब्रिलो ने सान दिएगो कहे जाने वाले इलाके के नजदीक आज ही के दिन कदम रखा था और वेस्ट कोस्ट पहुंचने वाले पहले यूरोपीय बने।
1837 : बहादुर शाह जफर को मुगल सम्राट बनाया गया। हालांकि उस समय तक मुगल सल्तनत काफी बिखर चुकी थी और वह नाम के ही सम्राट रह गए थे।
1887ः चीन के ह्वांग-हो नदी में बाढ़ से करीब 15 लाख लोग मरे।
1920 : शिकागो व्हाइट सॉक्स बेसबाल टीम के आठ सदस्यों को निर्णायक मंडल ने 1919 की विश्व श्रृंखला में घूस लेकर सिनसिनार्टी रेड्स से हार जाने का दोषी ठहराया।
1923ः इथोपिया ने राष्ट्र संघ की सदस्यता छोड़ी।
1928ः अमेरिका ने चीन की राष्ट्रवादी च्यांग काई-शेक की सरकार को मान्यता दी।
1929 : स्वर कोकिला लता मंगेशकर का इंदौर में जन्म। अपनी बेहतरीन आवाज के दम पर वह पिछले आठ दशक से देश में गायकी का पर्याय हैं और अपने गीतों के मोतियों से संगीत के खजाने को समृद्ध बना रही हैं।
1947 : आवामी लीग की नेता और बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना वाजिद का जन्म।
1950ः इंडोनेशिया संयुक्त राष्ट्र का 60वां सदस्य बना।
1958ः फ्रांस में संविधान लागू हुआ।
1977 : एडमंड हिलेरी नंदप्रयाग के अपने अभियान पर रवाना हुए।
1977: जापानी रेड आर्मी ने जापान एयरलाइंस के एक विमान को भारत के ऊपर हाईजैक कर लिया। 156 लोग उसमें सवार थे।
1982ः भारतीय निशानेबाज अभिनव बिंद्रा का जन्म। अगस्त-2008 में बीजिंग ओलिंपिक में व्‍यक्तिगत स्‍वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी बने।
1994ः एतोमिया के जल पोत के तुर्क सागर में डूब जाने से 800 लोगों की मृत्यु।
1997ः अमेरिकी अंतरिक्ष शटल अटलांटिक रूसी अंतरिक्ष केन्द्र ‘मीर’ से जुड़ा।
2000 : इस्राइल के कट्टरपंथी विपक्षी नेता एरियल शेरोन के अल अक्सा मस्जिद आने से नाराज पूर्वी येरूशलम के फलस्तीनियों ने विरोध स्वरूप पुलिस के साथ संघर्ष किया।
2000ः सिडनी ओलिंपिक में 200 मीटर की दौड़ के स्वर्ण पदक का ख़िताब मोरियाना जोंस तथा केंटेरिस ने जीता।
2001ः अमेरिका तथा ब्रिटिश सेना एवं सहयोगियों ने ‘ऑपरेशन एंड्योरिंग फ़्रीडम’ प्रारंभ किया।
2002: लखनऊ में राजनीतिक रैली में भाग लेकर लौट रहे हजारों लोगों के बीच रेलवे स्टेशन पर भगदड़। 14 लोगों की मौत।
2003ः यान रूस की धरती पर सुरक्षित उतरा।
2004ः विश्व बैंक ने भारत को विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहा।
2006ः जापान के नव निर्वाचित एवं 90वें प्रधानमंत्री के रूप में शिंजो आबे ने शपथ ली।
2008 : स्पेसएक्स ने फाल्कन एक को अंतरिक्ष में सफलतापूर्वक प्रक्षेपित किया। यह पहली ऐसी निजी कंपनी थी, जिसने तरल ईंधन वाले रॉकेट को अंतरिक्ष में भेजने में सफलता हासिल की।
2015: भारत ने अपनी पहली स्पेस ऑब्जर्वेटरी और 6 सैटेलाइट्स को लॉन्च किया।
2016ः अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान और भारत ने इस्लामाबाद में नवंबर 2016 में होने वाले सार्क सम्मेलन में भाग लेने से इनकार किया।
2016 : पोलैंड में जन्मे इस्राइल के पूर्व प्रधानमंत्री शिमोन पेरेज का निधन। पेरेज को 1993 में इस्राइल सरकार और फलस्तीन मुक्ति संगठन के बीच हुई ओस्लो संधि में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए 1994 में नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
2018 : उच्चतम न्यायालय ने केरल के सबरीमाला स्थित अय्यप्पा स्वामी मंदिर में एक खास आयुवर्ग की महिलाओं के प्रवेश पर लगी पाबंदी हटाते हुए सभी उम्र की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी।

 

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