दिल्लीः उज्बेकिस्तान के समरकंद में आज से दो दिवसीय एससीओ (SCO) यानी शंघाई सहयोग संगठन की बैठक शुरू हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बैठक में शामिल होने के लिए आज शाम 6:40 बजे समरकंद के लिए रवाना हुए। वह अब से थोड़ी देर बाद यानी रात 9 बजे तक उज्बेकिस्तान पहुंच सकते हैं। वहीं, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग कल यानी 14 सितंबर को ही समरकंद पहुंच गए थे। उधर, रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ भी इस बैठक में शामिल होंगे।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी के पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ और चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग के साथ मुलाकात पर सस्पेंस बना हुआ है। आपको बता दें कि इस बैठक का सबसे अहम दिन 16 सितंबर, यानी कल होगा। इसी दौरान पीएम मोदी बैठक को संबोधित करेंगे। इस बैठक के बाद समरकंद मीटिंग से जुड़े डॉक्यूमेंट्स पर साइन किए जाएंगे।

विदेश सचिव विनय मोहन क्वात्रा ने बताया कि पीएम मोदी बहुत ही कम समय के लिए समरकंद जा रहे हैं। वे देर रात पहुंचेंगे। कल यानी 16 सितंबर को कुछ देशों के राष्ट्राध्यक्षों से द्विपक्षीय वार्ता करेंगे और रात में ही भारत वापस आ जाएंगे।

उन्होंने बताया कि पहले एससीओ सदस्य देशों की बैठक होगी। इसके बाद डायलॉग पार्टनर और ऑब्जर्वर सदस्यों की बैठक होगी। बैठक में एससीओ के सुधार और विस्तार, रीजनल सिक्योरिटी, सहयोग, कनेक्टिविटी को मजबूत करने और व्यापार को बढ़ावा देने से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी।

उधर, विशेषज्ञों का मानना है कि अगर प्रधानमंत्री मोदी चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और शाहबाज शरीफ से मिलते हैं, तो ये मुलाकात विदेश नीति के लिए बहुत अहम होगी। आपको बता दें कि भारत-चीन के बीच सीमा विवाद गहराने के बाद मोदी-जिनपिंग की ये पहली मुलाकात होगी। वहीं, पाकिस्तान में इमरान खान के पद से हटने के बाद मोदी पहली बार शाहबाज शरीफ से मिलेंगे।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी 16 सितंबर यानी कल रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से मुलाकात करेंगे। इस दौरान दोनों नेता रूस-यूक्रेन जंग और फूड सिक्योरिटी जैसे अहम मसलों पर बातचीत करेंगे। रूस की ओर से जारी बयान के मुताबिक, स्ट्रैटिजिक स्टेबिलिटी, एशिया-पैसिफिक रीजन की स्थिति से जुड़े मुद्दों पर चर्चा होगी। पीएम मोदी ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शावकत मिर्जियोयेव के साथ भी द्विपक्षीय बैठक करेंगे।

आपको बता दें कि एससीओ का गठन 2001 में हुआ था। एससीओ एक पॉलिटिकल, इकोनॉमिकल और सिक्योरिटी ऑर्गेनाइजेशन है। भारत, रूस, चीन और पाकिस्तान समेत इसके कुल 8 स्थाई सदस्य हैं। शुरुआत में एससीओ में छह सदस्य- रूस, चीन, कजाकिस्तान, तजाकिस्तान​​​​​​, किर्गिस्तान और उज्बेकिस्तान थे। 2017 में भारत और पाकिस्तान के भी इससे जुड़ने से इसके स्थाई सदस्यों की संख्या 8 हो गई। 6 देश- आर्मीनिया, अजरबैजान, कंबोडिया, नेपाल, श्रीलंका और टर्की SCO के डायलॉग पार्टनर हैं। 4 देश- अफगानिस्तान, ईरान, बेलारूस और मंगोलिया इसके ऑब्जर्वर सदस्य हैं।

भारत की प्रमुख नीतिः

  • रूस से संबंध मजबूत करना
  • पड़ोसी देशों चीन और पाकिस्तान के दबदबे पर लगाम और जवाब देना
  • सेंट्रल एशियाई देशों के साथ सहयोग बढ़ाना

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