स्पोस्ट्रस डेस्कः रेवांचल एक्सप्रेस नाम से मशहूर मध्यप्रदेश के तेज गेंदबाज ईश्वर पांडेय ने क्रिकेट को अलविदा कह दिया। पांडेय अंतरराष्ट्रीय और घरेलू क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। हालांकि पांडेय रोड सेफ्टी जैसी इंटरनेशनल लीग में खेलते रहेंगे। आपको बता दें कि पांडेय जून में पहली बार रणजी ट्रॉफी जीतने वाली एमपी की टीम के हिस्सा थे।

33 वर्षीय पांडेय ने सोमवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में अपने रिटायरमेंट की घोषणा की। वे देश के उन बदकिस्मत क्रिकेटर्स में से एक हैं, जिन्हें टीम इंडिया में तो चुना गया, लेकिन डेब्यू कैप नसीब नहीं हुई। ईश्वर 2014 में न्यूजीलैंड दौरे के लिए भारतीय टीम में चुने गए थे, लेकिन उन्हें डेब्यू करने का मौका नहीं मिला।

6 फीट 2 इंच के ईश्वर ने संन्यास के बाद कहा, “अगर धोनी एक मौका दे देते तो मेरा करियर कुछ और होता।“ उन्होंने कहा कि उस समय मैं 23-24 साल का था और मेरी फिटनेस भी बहुत अच्छी थी। अगर धोनी भाई मुझे चांस देते और मैं देश के लिए अच्छा कर जाता तो निश्चित ही मेरा करियर कुछ और होता।

पांडेय ने कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के साथ बिताए यादगार लम्हे को साझा करते हुए कहा कि एक बार हम बेंगलुरु में आरसीबी (RCB) के खिलाफ मैच खेल रहे थे। एबी डिविलियर्स बैटिंग करने आए, तो माही भाई ने मुझे बॉल थमाई और कहा कि इसे यॉर्कर मत मारना और अच्छी बॉलिंग करना। मैंने डिविलियर्स को तीन-चार बॉल बीट करा दी और पांचवीं में चौका खा गया। एक बॉल बची थी तो मैंने सोचा यॉर्कर मार दूं। मैंने यॉर्कर डाली और वह लो फुलटॉस हो गई। डिविलियर्स उसी गेंद पर आउट हो गए। विकेट मिलने के बाद धोनी मेरे पास आए और मुझे मजाकिया लहजे में डांटते हुए कहा कि तुम्हें मना किया था न कि यॉर्कर मत डालना। फिर बाद में पीठ थपथपाते हुए कहा- कोई बात नहीं, आगे ध्यान रखना।

उन्होंने कहा कि मैंने युवाओं को मौका देने के लिए संन्यास लिया है। काफी टाइम से IPL नहीं खेला है, मुझे ऐसा लगा कि फैमिली को टाइम दूं और बाहर की लीग खेलूं। मुझे लगा कि मुझे IPL खेलना नहीं है तो मैं क्यों किसी बच्चे की जगह खा रहा हूं। इससे अच्छा है मेरी जगह कोई नया लड़का खेले और इंडियन टीम तक पहुंचे।

पांडेय़ ईश्वर ने डोमेस्टिक और लीग क्रिकेट में आधा दर्जन टीमों के लिए गेंदबाजी की। उन्होंने मध्यप्रदेश, सेंट्रल जोन, इंडिया ए, चेंन्नई सुपर किंग्स, पुणे वारियर्स और राइजिंग पुणे सुपर जाएंट्स के लिए क्रिकेट खेला। ईश्वर ने डोमेस्टिक करियर में एक हजार से ज्यादा रन भी बनाए हैं।

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