संवाददाताः नरेन्द्र कुमार वर्मा, प्रखर प्रहरी
दिल्लीः राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जब हमारे अंतःकरण में अपनत्व का भाव होगा, तभी हम दूसरों की सेवा कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि समाज सेवा के भाव से मानवता का वैभव बढ़ता है और संपूर्ण समाज में सेवा का भाव जाग्रत होता है। दिल्ली के अंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की तरफ से आयोजित सुयश के कार्यक्रम में संघ प्रमुख मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए। इस अवसर पर उन्होंने दिल्ली के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले स्वयं सेवी संगठनों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके व्दारा किए जाने वाले सामाजिक कार्यों से मानवता का कल्याण तो होता ही है साथ ही राष्ट्र को भी गति मिलती है।
डॉ. भागवत ने कहा कि सेवा का भाव मैंने किया है, में नहीं है, बल्कि समाज के लिए किया है और अपनों के लिए किया है, राष्ट्रके लिए किया है, इसी में सेवा का भाव है। उन्होंने कहा कि सेवा से समाज का हौसला बनता है और समाज खड़ा होता है एक सशक्त राष्ट्र के लिए समाज का हौसला बहुत जरूरी है। सेवा का कार्य ईश्वर का कार्य है इस भाव से जब हम समाज सेवा का काम करते है तो सभी कार्य स्वयं पूर्ण होने लगते है। भगवान स्वयं सेवा करने वालों को बल देते हैं, वास्तव में मानव मात्र की सेवा ही ईश्वर की सेवा है। उन्होंने कहा कि वास्तव में यही भारतीय दर्शन और चिंतन है। संत तुकाराम के संदेशों का उदाहरण देते हुए संघ प्रमुख ने कहा कि जो वंचित है, जो अभावग्रस्त है, जो पीड़ित है, जो उनकी सेवा करता है वही साधु है।
इस अवसर पर दिल्ली के अनेक क्षेत्रों में काम करने वाले सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों से संघ प्रमुख ने कहा कि आप जिस भी क्षेत्र में काम कर रहे है, उसमें तमाम अभावों और अड़चनों के उपरांत भी आपका सेवा भाव समाज में प्रकाश फैला रहा है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ आपके कार्यों और आपकी सभी गतिविधियों में सहयोग करेगा। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने समाज उपयोगी युवा शक्ति (सुयश) नाम से शुरू किए अपने नए प्रकल्प में दिल्ली की अनेक स्वयं सेवी संगठनों को जोड़ कर उनके कार्यों को व्यापक मंच देने की पहल की है।
इससे पूर्व सुयश कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ दिल्ली प्रांत के कार्य वाह भारत भूषण ने कहा कि कोरोना के समय में जिस तरह से संघ के कार्यकर्ताओं ने अपने जीवन की परवाह न करते हुए समाज सेवा का कार्य किया वह अनुकरणीय है। उन्होंने कहा कि समाज सेवा के लिए हमें सरकार या प्रशासन की तरफ मुंह नहीं ताकना चाहिए बल्कि स्वयं पहल करके लोगों को राहत पहुंचाने का काम करना चाहिए। भारत भूषण ने कहा कि कोरोना काल में संघ कार्यकर्ताओं ने केवल मानव जाति की सेवा ही नहीं की बल्कि पशु-पक्षियों और बेजबान जानवरों की भी सेवा करके एक मिसाल कायम करने का काम किया। उन्होंने बताया कि समाज उपयोगी युवा शक्ति नाम से जो सुयश संगठन बना है वह सामाजिक सेवा, धार्मिक क्रियाकलाप, पर्यावरण गतिविधियां, सेवा बस्तियों में सेवा कार्य जैसे कार्य करने वाले संगठनों के साथ खड़ा है। सुयश के साथ मिलकर सभी सेवा संगठन अगर समाज सेवा का काम करेंगे तो राष्ट्र उन्नति करेगा।
सुयश द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में भरतपुर राजस्थान से अपना घर नाम से स्वयं सेवी संगठन चलाने वाले डॉक्टर ब्रज मोहन भारव्दाज विशेष तौर पर शामिल हुए। डॉक्टर भारव्दाज समाज व्दारा बे सराहा छोड़े गए लोगों के लिए अपना घर नाम से संगठन चलाते है जहां सभी बेसहारा लोगों को प्रभु के नाम से संबोधित किया जाता है। इस अवसर पर डॉक्टर भारद्वाज ने बताया कि वह अपना संगठन चलाने के लिए किसी से भी किसी तरह की सहायता नहीं लेते बल्कि किसी भी मदद के लिए ठाकुरजी को पत्र लिखते है जो सैदव उनकी मदद करते आ रहे हैं। सुयश के इस कार्यक्रम में संघ के अनेक वरिष्ठ पदाधिकारियों सहित दिल्ली के अनेक स्वयं सेवी संगठनों के प्रमुखों ने हिस्सा लिया जिसमेंरेणु सिंह, रेखा पुंडिर, मोहित कुमार सम्यक जैन, अमित कुमार, मोनिका बधवार, जसपाल सिंह, वंदना वत्स, सुनील ढेडा, अरुण कुशवाह, सविता, सोनिया, संजय मिश्र, कोमल राणा, पुष्पा कोशिक, सिमरन, पंकज कुमार, साध्वी सत्य प्रिया और चंद्रशेखर शामिल थे। कार्यक्रम के अंत में दिल्ली प्रांत के सरसंघचालक कुल भूषण आहूजा ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन दिल्ली प्रांत के सह प्रचार प्रमुख सुमीत मलूजा ने किया।