कोलंबोः श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे अगले हफ्ते देश वापस लौट सकते हैं। श्रीलंका के अखबार डेली मिरर ने गोटबाया के चचेरे भाई के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि वे 24 अगस्त को देश लौट आएंगे। आपको बता दें कि भीषण आर्थिक संकट का सामना कर रहे श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटबाया विरोध-प्रदर्शनों के कारण कोलंबो छोड़कर सिंगापुर भागे थे और उन्होंने वहीं से राष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था।

उधर, रूस में 2006 से 2015 तक श्रीलंका के राजदूत रहे वीरातुंगा ने बताया कि गोटबाया ने मुझसे फोन पर बात की। मैं आपको बता सकता हूं कि वह अगले हफ्ते देश लौट आएंगे। उन्हें देश लौट ही आना चाहिए। लोग उनका स्वागत करेंगे। लेकिन वो राजनीति में नहीं रहेंगे। उनमें महिंदा राजपक्षे जैसी कोई बात ही नहीं है। वो राजनीति के लिए सही व्यक्तिव नहीं हैं।

आपको बता दें कि श्रीलंका के लोगों में गोटबाया के प्रति गुस्सा है। लोग उन्हें देश की बदहाली के लिए जिम्मेदार मानते हैं। इसी के मद्देनजर सत्ताधारी पार्टी ने श्रीलंका के नए राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे से गोटबाया राजपक्षे की वापसी पर उन्हें सुरक्षा और अन्य मदद देने की मांग की है। हालांकि न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, विक्रमसिंघे को गोटबाया के वापस आने की कोई खबर नहीं है।

आपको बता दें कि श्रीलंका की आम जनता ने 9 जुलाई को राष्ट्रपति आवास और प्रधानमंत्री आवास पर कब्जा जमा लिया। गोटबाया अपना सरकारी घर छोड़कर भाग खड़े हुए। 13 जुलाई को परिवार समेत गोटबाया पहले मालदीव भागे। इसके बाद सिंगापुर पहुंचे। सिंगापुर में 28 दिन रहने के बाद 12 अगस्त को वे थाईलैंड पहुंचे थे।

थाईलैंड सरकार ने साफ कर दिया था कि श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति ने देश आने की मंजूरी मांगी थी। उन्हें फिलहाल विजिटिंग वीजा दिया गया है। बयान में ये भी कहा गया है कि मानवीय आधार पर 73 साल के राजपक्षे को विजिटिंग वीजा दिया गया है। खास बात यह है कि थाईलैंड का वीजा सशर्त दिया गया है। बयान के मुताबिक- राजपक्षे यहां रहकर किसी दूसरे देश में स्थायी शरण पाने के लिए कोशिश कर सकते हैं, लेकिन वो यहां से श्रीलंका से जुड़ी किसी पॉलिटिकल एक्टिविटी में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

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