दिल्लीः आज नेताजी सुभाष चंद्र बोस की पुण्यतिथि है। आज से ठीक 77 साल पहले 18 अगस्त 1945 की मृत्यु हुई थी। जापान दूसरा विश्व युद्ध हार चुका था। अंग्रेज नेताजी के पीछे पड़े हुए थे। इसी के मद्देनजर उन्होंने रूस से मदद मांगने का मन बनाया। 18 अगस्त 1945 को उन्होंने मंचूरिया की तरफ उड़ान भरी। इसके बाद किसी को फिर वह दिखाई नहीं दिए।
टोक्यो रेडियो ने 5 दिन बाद जानकारी दी कि नेताजी जिस विमान से जा रहे थे, वह ताइहोकू हवाई अड्डे के पास क्रैश हो गया। इस हादसे में नेताजी बुरी तरह से जल गए और ताइहोकू सैनिक अस्पताल में उनका निधन हो गया। उनके साथ विमान में सवार बाकी लोग भी मारे गए। आज भी उनकी अस्थियां टोक्यो के रैंकोजी मंदिर में रखी हुई हैं।
नेताजी के निधन के 77 साल बाद भी उनकी मौत रहस्य बनी हुई है। उनकी मौत का सच जानने के लिए तीन कमेटियां बनीं। दो ने कहा कि नेताजी की मौत प्लेन क्रैश में हुई। 1999 में तीसरा आयोग मनोज कुमार मुखर्जी के नाम पर बना। इस आयोग की रिपोर्ट में ताइवान सरकार के हवाले से कहा गया कि 1945 में कोई प्लेन क्रैश की घटना ही नहीं हुई। इस प्लेन क्रैश का कोई रिकॉर्ड नहीं है। हालांकि सरकार ने इस रिपोर्ट को अस्वीकार कर दिया था।
नेताजी के निधन के बाद भी देश के कई इलाकों में उनको देखे जाने के दावे किए जाते रहे। फैजाबाद में गुमनामी बाबा से लेकर छत्तीसगढ़ में उनको देखे जाने की खबरें आईं। छत्तीसगढ़ में ये मामला राज्य सरकार के पास गया, लेकिन सरकार ने मामले में हस्तक्षेप करने से मना कर दिया।
जिन गुमनामी बाबा के नेताजी होने का दावा किया जाता है, उनके निधन के बाद उनके पास से नेताजी के परिवार की तस्वीरें, पत्र-पत्रिकाओं में छपे नेताजी से जुड़े लेख, कई अहम लोगों के पत्र, नेताजी की कथित मौत के मामले की जांच के लिए गठित शाहनवाज आयोग एवं खोसला आयोग की रिपोर्ट जैसी चीजें मिलीं।
आज ही के दिन 1868 में फ्रांस के खगोलशास्त्री जूल्स जैंसेन ने पहली बार हीलियम को ऑब्जर्व किया। भारत के गुंटूर में सूर्यग्रहण के दौरान उन्होंने सूर्य की किरणों को प्रिज्म से निकलते देखा। इस दौरान प्रिज्म से निकले स्पेक्ट्रम में एक पीली स्पेक्ट्रम लाइन दिखाई दी। शुरुआत में उन्होंने सोचा कि ये लाइन सोडियम की वजह से है।
इसी साल जोसेफ नॉर्मन ने भी सूरज की किरणों में इसी तरह की पीली लाइन को देखा। जोसेफ ने सोडियम की लाइन का अध्ययन किया और इस नतीजे पर पहुंचे कि ये लाइन सोडियम से निकलने वाली D1 और D2 लाइन से अलग है। उन्होंने इसे D3 नाम दिया। उन्होंने ये भी पता लगाया कि सूरज की रोशनी में मौजूद किसी तत्व की वजह से ये पीली लाइन दिखाई दे रही है। उन्होंने इसे हीलियम नाम दिया। ग्रीक भाषा में सूरज को हीलियम कहा जाता है।
1895 में ब्रिटिश केमिस्ट विलियम रामसे ने पहली बार धरती पर हीलियम मौजूद होने की पुष्टि की। उन्होंने देखा कि रेडियोएक्टिव मिनरल क्लेवीट को गर्म करने पर इसके स्पेक्ट्रम में एक पीली लाइन है। ये पीली लाइन सूरज की रोशनी में मौजूद स्पेक्ट्रम में भी देखी गई है। इस स्टडी के बाद उन्होंने धरती पर हीलियम के होने की पुष्टि की। आइए एक नजर डालते हैं 18 अगस्त को देश और दुनिया में घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-
1800: लार्ड वेलेजली ने कलकत्ता में फोर्ट विलियम कॉलेज की स्थापना की।
1872: महाराष्ट्र के महान संगीतज्ञ पंडित विष्णु दिगंबर का जन्म। नेत्रहीन होने के बावजूद संगीत के क्षेत्र में उन्होंने यादगार उपलब्धियां हासिल कीं।
1868: फ्रांस के खगोलविद पियरे जेनसीन ने हिलियम की खोज की।
1891: कैरिबियाई द्वीप मार्टिनीक्यु में चक्रवाती तूफान से 700 की मौत।
1900: यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली की पहली महिला अध्यक्ष विजय लक्ष्मी पंडित का जन्म हुआ।
1920: अमेरिका में महिलाओं को वोटिंग का अधिकार मिला।
1924: फ्रांस ने जर्मनी से अपनी सेनाएं वापस बुलानी शुरू की।
1934: फिल्म निर्देशक, गीतकार और कवि गुलजार का जन्म हुआ।
1940: पहली बार मौसम मानचित्र का टेलिविजन पर प्रसारण हुआ।
1945: ताइवान में तैहोकू हवाई अड्डे पर विमान दुर्घटना में नेताजी सुभाष चंद्र बोस के बुरी तरह घायल होने की खबर आई, लेकिन उसके बाद उनका क्या हुआ यह आज भी एक रहस्य है।
1949: हंगरी में संविधान लागू हुआ।
1951: पश्चिम बंगाल के खड़गपुर में भारतीय प्रोद्योगिकी संस्थान की स्थापना। यह देश का पहला IIT है।
1973: अमेरिका के बोस्टन में पहले एफ.एम. रेडियो स्टेशन के निर्माण को मंजूरी।
1999: तुर्की में भूकम्प से लगभग 45,000 लोगों की मौत।
2000: इंग्लैंड ने वेस्टइंडीज को हराकर दो दिन में टेस्ट जीतने का इतिहास रचा।
2008: पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने महाभियोग की आशंका के बीच इस्तीफा दिया।
2012: नाटो के हवाई हमले में अफ़ग़ानिस्तान के कम से कम 13 आतंकवादियों की मौत।
2013: पश्चिम बंगाल में एक बस में बम विस्फोट में छह लोग मारे गए।