दिल्लीः आज के ही दिन यानी 28 जुलाई 1914 को पहले विश्वयुद्ध की शुरुआत हुई थी। दरअसल सर्बिया में ऑस्ट्रिया के राजकुमार फ्रांसिस फर्डिनेंड की हत्या कर दी गई थी। इससे गुस्साए ऑस्ट्रिया ने हंगरी के साथ मिलकर सर्बिया पर हमला कर दिया था। यहीं से शुरू हुए युद्ध ने धीरे-धीरे करीब आधी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया था।
हालांकि विश्वयुद्ध की शुरुआत का ये केवल तात्कालिक कारण था। इसके अलावा भी कई कारण थे, जो प्रथम विश्वयुद्ध की वजह बने थे। इसमें यूरोपीय देशों के बीच समझौते और संधियां भी एक वजह थीं। इन संधियों में शर्त थी कि अगर किसी एक देश पर हमला होता है, तो सहयोगी देश उसे खुद पर हमले की तरह मानेगा। वह अपनी सेना को भी युद्ध मैदान में भेजेगा। इससे युद्ध में भाग ले रहे देशों की संख्या बढ़ती गई। इसके अलावा भी कई ऐसे कारण थे, जिन्होंने पहले विश्वयुद्ध को भड़काया।
सर्बिया, ऑस्ट्रिया और हंगरी के मुकाबले काफी छोटा था। उसने युद्ध में रूस से मदद मांगी। रूस मदद देने को तैयार हुआ और इस तरह रूस भी युद्ध में शामिल हो गया। रूस के युद्ध में शामिल होते ही जर्मनी भी ऑस्ट्रिया और हंगरी के साथ हो गया।
इस तरह फ्रांस, बेल्जियम, ब्रिटेन, जापान, अमेरिका युद्ध में शामिल होते गए और पूरी दुनिया दो खेमों में बंट गई। एक खेमा मित्र देशों का था, जिसमें इंग्लैंड, जापान, अमेरिका, रूस और फ्रांस शामिल थे। दूसरा खेमा धुरी या केंद्रीय देशों का था। इसमें जर्मनी, ऑस्ट्रिया-हंगरी, ऑटोमन साम्राज्य और इटली मुख्य देश थे।
भारत के सैनिक भी युद्ध में शामिल थे। भारत में उस समय ब्रिटिशर्स का शासन था इसलिए भारतीय सिपाहियों ने ब्रिटेन की ओर से दुनियाभर में अलग-अलग जगहों पर लड़ाइयां लड़ीं। 1914 से शुरू हुआ ये युद्ध कई मोर्चों पर लड़ा जा रहा था।
जर्मनी ने मित्र देशों की जलसेना से निपटने के लिए एक पनडुब्बी को तैयार किया था। ये पनडुब्बी मित्र देशों के सैनिक जहाजों पर हमले कर उन्हें डुबा देती थी। शुरुआत में इस पनडुब्बी ने सैनिक जहाजों को ही निशाना बनाया लेकिन बाद में नागरिक जहाजों पर भी हमला करना शुरू कर दिया।
1917 तक अमेरिका इस युद्ध में शामिल नहीं था, लेकिन जर्मनी की इस पनडुब्बी ने अमेरिका से यूरोप के बीच आम लोगों को ले जा रहे यात्री जहाज पर हमला कर दिया। इस हमले में जहाज में सवार करीब 1000 लोग मारे गए, इनमें कई अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। इस घटना के बाद अमेरिका भी युद्ध में कूद पड़ा।
इधर अमेरिका युद्ध में शामिल हुआ, उधर रूस में क्रांति शुरू हो गई। इस वजह से रूस ने युद्ध से खुद को बाहर कर लिया। ये दो घटनाएं युद्ध में बड़ी निर्णायक साबित हुईं। 1918 के आखिरी कुछ महीनों में बर्लिन क्रांति की वजह से जर्मनी में राजा का शासन समाप्त हो गया और गणतंत्र की शुरुआत हुई।
11 नवंबर 1918 को आधिकारिक रूप से जर्मनी के सरेंडर करने के बाद युद्ध समाप्त हो गया। इसके बाद पेरिस शांति सम्मेलन की शुरुआत हुई। ये सम्मेलन करीब 5 साल तक चलता रहा जिसमें कई संधियां की गईं। इस युद्ध को मानव इतिहास की भीषण त्रासदियों में गिना जाता है। करोड़ों सैनिकों और आम लोगों की मौत हुई। इसके अलावा बीमारियों की वजह से लाखों लोग मारे गए। दुनिया इस त्रासदी से उभरने की कोशिश कर रही थी कि 20 साल बाद एक और विश्वयुद्ध की त्रासदी झेलनी पड़ी।
आज नोबेल पुरस्कार विजेता वैज्ञानिक डॉ. बरुच ब्लमबर्ग का जन्मदिवस है। उन्होंने ही हेपेटाइटिस-बी वायरस की खोज की थी और उसका टीका विकसित किया था। उन्हीं की याद में हर साल 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है।
हेपेटाइटिस एक ऐसी खतरनाक बीमारी है, जो लिवर को प्रभावित करती है। इस बीमारी की वजह से लिवर में सूजन आ जाती है, जिस वजह से लिवर ठीक तरह से काम नहीं कर पाता है। आपको बता दें कि लिवर भोजन पचाने के साथ-साथ खून में से टॉक्सिन्स को साफ करने का भी काम करता है। ये काम बखूबी नहीं होने पर लिवर कैंसर होने का भी खतरा होता है।
ये बीमारी पांच अलग-अलग वायरस की वजह से होती है। इसी आधार पर हेपेटाइटिस को भी ए, बी, सी, डी और ई कैटेगरी में बांटा गया है। WHO के मुताबिक दुनियाभर के करीब 35 करोड़ लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं। भारत में भी करीब 4 करोड़ लोग हेपेटाइटिस बी वायरस का शिकार हैं।
इस बीमारी की गंभीरता को देखते हुए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से 2010 से ही हर साल 28 जुलाई को वर्ल्ड हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 28 जुलाई को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-
1586: इंगलैंड से वापस लौटने पर सर थामस हेरिओट ने यूरोप को आलू के बारे में बताया।
1741: कैप्टन बेरिंग ने माउंट सैंट एलियास, अलास्का की खोज की।
1742: प्रशिया और आस्ट्रिया ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर किए।
1821: पेरू ने स्पेन से स्वतंत्रता की घोषणा की।
1851: पहली बार सूर्यग्रहण का फोटो क्लिक किया गया।
1858: सर विलियम जेम्स हर्शेल का जन्म हुआ, जिन्होंने फिंगर प्रिंट को पहचान का बेहतर जरिया बताया।
1866-अमेरिका में पैमाइश के लिए मीट्रिक सिस्टम का प्रयोग वैधानिक हुआ।
1914: आज ही के दिन प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत हुई थी।
1914: एस.एस. कामागाता मारू को वेंकुवर से निकाला गया और भारत रवाना कर दिया गया।
1925: हेपेटाइटिस को का टीका खोजने वाले बारुक ब्लमर्ग का जन्म हुआ था। 28 जुलाई को विश्व हेपेटाइटिस डे मनाया जाता है।
1976: चीन में रिक्टर पैमाने पर 8.3 की तीव्रता का भूकंप आने से लाखों लोगों की मौत।
1979: चरण सिंह देश के पांचवें प्रधानमंत्री बने।
1995: वियतनाम आसियान का सदस्य बना।
2001: पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री मोहम्मद सिद्दिकी ख़ान कंजू की हत्या।
2005: सौरमंडल के दसवें ग्रह की खोज का दावा।
2005: आयरिश रिपब्लिकन आर्मी (आईआरए) ने अपने सशस्त्र संघर्ष को रोकने का ऐलान किया और लोकतांत्रिक तरीके से अपना अभियान चलाने की बात कही।
2007: पाकिस्तान सरकार ने विवादास्पद लाल मस्जिद को अनिश्चितकाल तक बन्द करने की घोषणा की।