दिल्लीः द्रौपदी मुर्मू देश की 15वीं राष्ट्रपति बन गईं। संसद के केंद्रीय कक्ष में सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना ने मुर्मू को राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। इससे पहले वह राष्ट्रपति भवन पहुंचीं, यहां उन्होंने रामनाथ कोविंद और उनकी पत्नी से मुलाकात की। दोनों ने मुर्मू को बधाई दी। राष्ट्रपति भवन के लिए निकलने से पहले राजघाट पहुंचकर उन्होंने महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।

द्रौपदी मुर्मू के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में ओडिशा से 64 खास मेहमानों को आमंत्रित किया गया था। शपथ के बाद खास मेहमानों के लिए लंच का आयोजन राष्ट्रपति भवन में किया गया है। उसके बाद सभी को पूरा भवन घुमाया जाएगा। आपको बता दें कि मुर्मू देश की 10वीं राष्ट्रपति होंगी जो 25 जुलाई को शपथ ले रही हैं।

द्रौपदी मुर्मू के खास मेहमानः वैसे तो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शपथ समारोह में देश के सर्वोच्च पद के लोग शामिल हुए, जिसमें राजनेता, न्यायाधीश, ब्यूरोक्रेट्स, लेकिन इस समारोह में द्रौपदी ने अपने खास लोगों को निमंत्रण देकर बुलाया गया। उड़ीसा के मयूरभंज जिले से 64 लोग इस समारोह में शामिल हुए।

आपको बता दें कि मई 2015 में जब उन्होंने गवर्नर पद की शपथ ली थी तब करीब 3 हजार लोग झारखंड के रांची और उड़ीसा के मयूरभंज जिले से द्रौपदी के खास मेहमान बनकर गए थे।

चलिए अब आपको बताते हैं कि कौन-कौन हैं वे खास मेहमान, जिन्हें इस विशेष मौके पर आमंत्रित किया गया….
द्रौपदी मुर्मू के मेहमानों में उनके भाई तरणीसेन टुडू और भाभी सुकरी टुडू उपरबेड़ा इस समारोह में शामिल हुए। इनके अलावा बेटी इतिश्री, दामाद, उनकी दोनों नातिन। आपको बता दें कि द्रौपदी मुर्मू बड़ी नातिन ढाई साल की है, तो दूसरी अभी ढाई महीने की पूरी ही होने वाली है। उसके अलावा उनके खास मेहमानों में शामिल हैं, उनकी दोस्त-धानकी मुर्मू। आपको बता दें कि धानकी भुवनेश्वर में उनके साथ कॉलेज में पढ़ती थीं। द्रौपदी की यह दोस्त उनके हर दुख-सुख में साथ रहती हैं।

द्रौपदी के मौजूदा निवास स्थान रायरंगपुर के बीजेपी के कार्यकर्ताओं में बिकास महतो और उनके साथ चार और लोग समारोह में शामिल हुए। इसके अलावा जिले के विधायक और कुछ उनके गांव पहाड़पुर और उपरवाड़ा राजनीतिक लोग भी शामिल हैं।

आपको बता दें कि मुर्मू देश की 10वीं राष्ट्रपति होंगी जो 25 जुलाई को शपथ ले रही हैं। भारत के छठे राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी ने 25 जुलाई 1977 को शपथ ली थी। तब से 25 जुलाई को ज्ञानी जैल सिंह, आर. वेंकटरमण, शंकर दयाल शर्मा, के.आर. नारायणन, एपीजे अब्दुल कलाम, प्रतिभा पाटिल, प्रणब मुखर्जी और रामनाथ कोविंद ने इसी तारीख को राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी।

शपथग्रहण समारोह से पहले निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू संसद पहुंचे। इसके बाद उपराष्ट्रपति एवं राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशनों के प्रमुख, संसद सदस्य और सरकार के प्रमुख असैन्य एवं सैन्य अधिकारी समारोह में शामिल होने पहुंचे।

शपथग्रहण समारोह के समापन पर मुर्मू राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना होंगी, जहां उन्हें एक ‘इंटर-सर्विस गार्ड ऑफ ऑनर’ दिया गया और निवर्तमान राष्ट्रपति का शिष्टाचार सम्मान किया गया।

आपको बता दें कि 21 जुलाई को राष्ट्रपति चुनाव की काउंटिंग पूरी होने के बाद निर्वाचन अधिकारी परिणाम की घोषणा करते हैं। इसके बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार और चुनाव आयुक्त अनूप चंद्र पांडेय ने ‘भारत के नए राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू के निर्वाचन संबंधी प्रमाण पत्र’ पर संयुक्त रूप से हस्ताक्षर किए।

द्रौपदी मुर्मू आजादी के बाद पैदा होने वाली पहली और शीर्ष पद पर काबिज होने वाली सबसे कम उम्र की राष्ट्रपति होंगी। वह राष्ट्रपति बनने वाली दूसरी महिला भी हैं। मुर्मू (64) ने विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराया। मुर्मू ने निर्वाचक मंडल सहित सांसदों और विधायकों के 64 प्रतिशत से अधिक वैध वोट लेकर जीत दर्ज की। मुर्मू को सिन्हा के 3 लाख 80 हजार 177 वोटों के मुकाबले 6 लाख 76 हजार 803 वोट मिले थे।

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