वाशिंगटनः मंकीपॉक्स ने अमेरिका के स्वास्थ अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है। यहां पहली बार दो बच्चों में मंकीपॉक्स की पुष्टि हुई है। हेल्थ एजेंसी सीडीसी (CDC) यानी सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के मुताबिक एक बच्चा जहां कैलिफोर्निया का है। वहीं दूसरा बच्चा नवजात है और वह अमेरिका का निवासी नहीं है। आपको बता दें कि मंकीपॉक्स अब तक दुनिया के 79 देशों में फैल चुका है।

अमेरिका के स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि दोनों ही बच्चों में बीमारी के लक्षण देखे गए हैं और उनकी हालत स्थिर है। इलाज के लिए उन्हें एंटीवायरल दवा टेकोविरिमैट दी गई है। सीडीसी के अनुसार यह दवा 8 साल से छोटे बच्चों को दी जानी चाहिए,  क्योंकि उन्हें गंभीर संक्रमण का खतरा होता है।

आपको बता दें कि मंकीपॉक्स का पहला केस ब्रिटेन में इसी साल 6 मई को पाया गया था। इसके ज्यादातर मरीज वे युवा पुरुष हैं, जो पुरुषों के साथ यौन संबंध बनाते हैं। हालांकि, यह बीमारी किसी को भी अपनी चपेट में ले सकती है। मरीज से स्किन टु स्किन कॉन्टैक्ट करने से या फिर उसे खाना खिलाने से भी संक्रमण फैलता है। इसके अलावा संक्रमित व्यक्ति के कपड़े, बर्तन और बिस्तर छूने से भी मंकीपॉक्स फैल सकता है।

सीएनएन (CNN) न्यूज चैनल की की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार ने अब तक तीन लाख से ज्यादा मंकीपॉक्स वैक्सीन्स को लोगों तक पहुंचाया है। इसका मतलब जल्द ही हजारों नागरिकों को कुछ हफ्तों के अंदर वैक्सीन लगा दी जाएगी। सीडीसी के अनुसार अमेरिका में 15 लाख लोग वैक्सीन के लिए एलिजिबल हैं। सभी को Jynneos वैक्सीन की दो खुराक दी जाएंगी।

वहीं, Monkeypoxmeter.com के डेटा के मुताबिक, भारत समेत 79 देशों में 16,886 मरीजों की पुष्टि हो चुकी है। इनमें से यूरोप में सबसे ज्यादा 11,985 लोग मंकीपॉक्स की चपेट में आए हैं। वहीं, बीमारी से ग्रस्त टॉप 10 देशों में ब्रिटेन, स्पेन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, पुर्तगाल, कनाडा, नीदरलैंड्स, इटली और बेल्जियम शामिल हैं। मंकीपॉक्स से इस साल तीन लोगों की मौत हो चुकी है। भारत में भी यह संक्रमण पहुंच चुका है। इस संक्रमण से ग्रसित एक मरीज केरल में पाया गया है।

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