दिल्लीः टेलीकॉम सेक्टर में अब रिलायंस तथा एयरटेल को कड़ी टक्कर मिलने वाली है। दरअसल एशिया के सबसे अमीर कारोबारी गौतम अडानी (Gautam Adani) अब टेलीकॉम सेक्टर (Telecom sector) में एंट्री करने की तैयारी कर रहे हैं। अडानी समूह टेलीकॉम सेक्टर में अपना दबदबा बनाने के लिए एक नई योजना बना रही है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक गौतम अडानी ग्रुप (Adani group) इस महीने के अंत में होने वाली आगामी 5G स्पेक्ट्रम (5G specturm) नीलामी में भाग लेने लिए आवेदन किया है। आपको बता दें अडानी ग्रुप का मुकाबला सीधे मुकेश अंबानी (Mukesh ambani) की रिलायंस जियो (Reliance Jio) और इस सेक्टर के दिग्गज सुनील भारती मित्तल की एयरटेल (Airtel) से होगा।
आपको बता दें कि 5G टेलीकॉम सर्विसेज जैसे अधिक हाई स्पीड वाला इंटरनेट संपर्क प्रदान करने में सक्षम इन एयरवेव की नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन शुक्रवार को कम से कम चार आवेदकों के साथ बंद हुए। अडानी ग्रुप ने 8 जुलाई को अपना आवेदन जमा किया। ये नीलामी 26 जुलाई को होनी है। मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने बताया कि दूरसंचार क्षेत्र की तीन निजी कंपनियों – जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया ने आवेदन किया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक चौथा आवेदक अडानी ग्रुप है। समूह ने हाल ही में राष्ट्रीय लंबी दूरी (एनएलडी) और अंतरराष्ट्रीय लंबी दूरी (आईएलडी) के लिए लाइसेंस हासिल किया था। लेकिन, स्वतंत्र रूप से इस दावे की पुष्टि नहीं हो सकी है। इस संबंध में अडानी समूह ने अब तक ऑफिशियली कोई बयान नहीं दिया है।
5G नीलामी की समय सीमा के अनुसार आवेदकों के स्वामित्व का विवरण 12 जुलाई को प्रकाशित किया जाएगा। दूरसंचार स्पेक्ट्रम की नीलामी 26 जुलाई, 2022 से शुरू हो रही है। इस दौरान कम से कम 4.3 लाख करोड़ रुपये के कुल 72,097.85 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम की पेशकश की जाएगी।
मुकेश अंबानी और गौतम अडानी दोनों ही गुजरात के रहने वाले हैं और उन्होंने बड़े कारोबारी समूह बनाए हैं। हालांकि, अभी तक दोनों का किसी व्यवसाय में सीधा आमना-सामना नहीं हुआ था। अंबानी का कारोबार तेल और पेट्रोकेमिकल से दूरसंचार और रिटेल सेक्टर तक फैला है, वहीं अडानी बंदरगाह से लेकर कोयला, ऊर्जा वितरण और विमानन क्षेत्र में विस्तार किया। हालांकि, कुछ लोगों का कहना है कि दोनों के हित काफी व्यापक होते जा रहे हैं, और अब उनके बीच संघर्ष के लिए मंच तैयार है। अडानी ने हाल के महीनों में पेट्रोकेमिकल कारोबार में प्रवेश के लिए एक सहायक कंपनी बनाई है। दूसरी ओर अंबानी ने भी ऊर्जा कारोबार में कई अरब डॉलर की योजनाओं की घोषणा की है।