दिल्लीः आपको खतरा है या आपके बयान से पूरा देश खतरे में पड़ गया है। आपकी बयानबाजी राजस्थान के उदयपुर की घटना के लिए जिम्मेदार है। टेलीविजन पर आकर अपने बयान के लिए पूरे देश से माफी मांगें। ये तल्ख टिप्पणी सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार पैगंबर मोहम्मद को देशभर में दायर मुकदमों को दिल्ली स्थानांतरित करने की मांग वाली नूपुर शर्मा की याचिका पर सुनवाई के दौरान की। साथ ही कोर्ट ने कहा कि अगर टीवी एंकर ने नूपुर शर्मा को भड़काया, तो उस पर मुकदमा दर्ज क्यों न हो।

जस्टिस सूर्य कांत और जस्टिस जेबी पारदीवाला की अवकाशकालीन पीठ ने नुपूर शर्मा की ओर से उनके खिलाफ पैगंबर मोहम्मद पर दिए गए विवाद बयान को लेकर दर्ज मुकदमों को दिल्ली स्थानांतरित करने को लेकर दायर याचिक पर सुनवाई की। इस दौरान कोर्ट ने कहा कि नुपुर ने टेलीविजन पर आकर धर्म विशेष के खिलाफ उकसाने वाली टिप्पणी की। बाद में उन्होंने इस मुद्दे पर शर्तों के साथ माफी मांगी, वह भी तब, जब उनके बयान पर लोगों का गुस्सा भड़क उठा था। यह उनकी जिद और घमंड को दिखाता है।

कोर्ट ने कहा, “इससे उनके जिद्दी घमंडी चरित्र का पता चलता है। इससे क्या फर्क पड़ता है कि वे एक पार्टी की प्रवक्ता हैं। वे सोचती हैं कि उनके पास सत्ता की ताकत है और वे कानून के खिलाफ जाकर कुछ भी बोल सकती हैं।“

सुप्रीम कोर्ट ने विवादित बहस को दिखाने वाले टीवी चैनल और दिल्ली पुलिस को भी फटकार लगाई और कहा, “दिल्ली पुलिस ने क्या किया? हमें मुंह खोलने पर मजबूर मत कीजिए। टीवी डिबेट किस बारे में थी? इससे केवल एक एजेंडा सेट किया जा रहा था। उन्होंने ऐसा मुद्दा क्यों चुना, जिस पर अदालत में केस चल रहा है।“ आइए अब आपको बताते हैं कोर्ट में सुनवाई के दौरान किसने क्या कहा…

 

नूपुर के वकील: वह (नुपूर शर्मा) जांच में शामिल हो रही हैं। वह कहीं भाग नहीं रहीं।

कोर्ट: क्या आपके लिए यहां रेड कारपेट होना चाहिए। जब आप किसी के खिलाफ शिकायत करती हैं, तो उस व्यक्ति को अरेस्ट कर लिया जाता है। आपके दबदबे की वजह से कोई भी आपको छूने की हिम्मत नहीं करता।

नूपुर के वकील: नूपुर को धमकियां मिल रही हैं। उनके लिए इस समय यात्रा करना सुरक्षित नहीं है।

कोर्ट: नूपुर को धमकियां मिल रही हैं या वे खुद सुरक्षा के लिए खतरा हैं? देश में जो कुछ हो रहा है, उसके लिए वही जिम्मेदार हैं। पैगंबर के खिलाफ नूपुर शर्मा की टिप्पणी या तो सस्ते प्रचार, राजनीतिक एजेंडे या कुछ नापाक गतिविधियों के लिए की गई थी। ये धार्मिक लोग नहीं हैं और भड़काने के लिए ही बयान देते हैं। ऐसे लोग दूसरे धर्म की इज्जत नहीं करते।

कोर्ट: हमने देखा है कि बहस के दौरान नूपुर ने कैसे उकसाने वाली बात कही, उसके बाद भी वे कहती हैं कि मैं एक वकील हूं। यह शर्मनाक है। नूपुर को पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए।

कोर्ट: यह याचिका आपके घमंड को दर्शाती है। आप लोअर कोर्ट की जगह सीधे सुप्रीम कोर्ट पहुंच गईं। देशभर के मजिस्ट्रेट कोर्ट आपके लिए छोटे हैं।

सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद नूपुर शर्मा की तरफ से पेश हुए वकील मनिंदर सिंह ने कहा कि नूपुर अपने बयान पर माफी मांग चुकी हैं और उन्होंने इसे वापस भी ले लिया है। इस पर कोर्ट ने कहा कि माफी मांगने के लिए तब तक बहुत देर हो चुकी थी। इसके साथ ही कोर्ट ने नूपुर के खिलाफ दर्ज सभी मामलों को दिल्ली ट्रांसफर करने से इनकार कर दिया। इसके बाद नूपुर के वकील ने याचिका वापस लेने की इजाजत मांगी, जिसकी परमिशन कोर्ट ने दे दी।

आपको बता दें कि नूपुर के खिलाफ दिल्ली, कोलकाता, बिहार से लेकर पुणे तक कई मामले दर्ज हैं। नूपुर ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर मांग की थी कि उनके खिलाफ अलग-अलग राज्यों में जितने भी केस दर्ज हैं, उन सभी को दिल्ली ट्रांसफर कर दिया जाए।

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