मुंबईः महाराष्ट्र में जारी सियासी संघर्ष के बीच शिवसेना ने बागी गूट पर निशाना साधा है। शिवसेना ने पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिंदे गुट को नचनियां करार दिया है। वहीं , शिवसेना के विधायक उदयसिंह राजपूत ने दावा किया है कि शिंदे गुट में जाने के लिए उन्हों 50 करोड़ रुपये देने का ऑफर दिया गया।
शिवसेना ने सामना में लिखा, “जिन 15 विधायकों को केंद्र की ओर से सुरक्षा दी गई है, वो लोकतंत्र के रखवाले नहीं है। ये लोग 50-50 करोड़ रुपयों में बेचे गए बैल अथवा ‘बिग बुल’ हैं, जो लोकतंत्र के लिए कलंक है। वहीं फडणवीस और शिंदे के मुलाकात पर भी निशाना साधा गया है।“
वहीं सत्ता संघर्ष में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे अकेले पड़ते जा रहे हैं। विधायक हों या मंत्री, सभी बागी शिंदे गुट का दामन थाम रहे हैं। अब उद्धव के खेमे में शिवसेना के 3 मंत्री आदित्य ठाकरे, अनिल परब और सुभाष देसाई ही बचे हैं।
देसाई और परब विधान परिषद के सदस्य हैं, जबकि एक अन्य कैबिनेट मंत्री शंकरराव गडख क्रांतिकारी शेतकारी पक्ष पार्टी से हैं। बाकी 8 मंत्री एकनाथ शिंदे के खेमें में चले गए हैं। अब आइए आपको महाराष्ट्र के सियासी संग्राम में नेताओं की ओर से दिए गए बड़े बयान बताते हैं।
आदित्य ठाकरे- एकनाथ शिंदे को 20 मई को ही मुख्यमंत्री बनने का ऑफर उद्धव ठाकरे की ओर से दिया गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने बगावत की। उन्होंने शाहरुख की फिल्म दिलवाले का डायलॉग बोला- हम शरीफ क्या हुए, सारी दुनिया बदमाश हो गई… बाला साहेब होते तो जवाब देते।
एकनाथ शिंदे- बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है, जिनका मुंबई बम विस्फोट के दोषियों, दाऊद इब्राहिम और मुंबई के निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए जिम्मेदार लोगों से सीधा संबंध था। इसलिए हमने ऐसा कदम उठाया है।
संजय राउत- गुवाहाटी में बैठे 40 बागी विधायक जिंदा लाश की तरह हैं। वे वहां छटपटा रहे हैं। ये 40 लोग जब मुंबई आएंगे तब वे मन से जिंदा नहीं होंगे, उनकी आत्मा वहीं रह जाएगी।
संजय राउत- महाराष्ट्र को तीन टुकड़े करने की साजिश रची जा रही है। शिवसेना को भी तोड़ने की कोशिश है, मगर कामयाबी नहीं मिलेगी।