दिल्लीः ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटर शेन वॉर्न ने 29 साल पहले आज ही के दिन इंग्लैंड के खिलाफ मैनचेस्टर में एशेज सीरीज के दौरान ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ डाली थी। इस टेस्ट मैच में वॉर्न ने इंग्लैंड के बल्लेबाज माइक गैटिंग की गिल्लियां बिखेर कर रख दी थीं।
4 जून 1993 को इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के बीच एशेज सीरीज का मैच चल रहा था। इस मैच से पहले तक शेन वॉर्न की पहचान एक एवरेज स्पिनर के तौर पर खेल जगत थी, लेकिन साल एशेज के शुरुआती मुकाबले में शेन वॉर्न ने एक ऐसी गेंद डाली, जिसे देखकर दुनिया दंग रह गई।
इस गेंद के बाद से ही वॉर्न की गिनती चोटी के स्पिनर्स में होने लगी। कहा जाता है कि शेन वॉर्न की ये गेंद 90 डिग्री तक घूमी थी। लिहाजा इसे बॉल ऑफ द सेंचुरी का दर्जा दिया गया। उस समय शेन वॉर्न की उम्र 23 साल थी। वॉर्न जैसी गेंद किसी गेंदबाज ने आज तक नहीं डाली।
ऑस्ट्रेलिया के लेग स्पिनर शेन वॉर्न ने टेस्ट क्रिकेट में 708 विकेट अपने नाम किए। हर विकेट की अलग कहानी है। हालांकि, इन सबमें ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ की वजह से क्रिकेट के इतिहास में वॉर्न का नाम दर्ज है।
स्पिन के सबसे बड़े जादूगर शेन वॉर्न इस साल हमारे बीच नहीं रहे। यह बात फैंस अब तक स्वीकार नहीं कर पाए हैं। उन्होंने क्रिकेट फील्ड पर इतने कारनामे किए, शायद ही सदियों तक उन्हें भूला जा सकेगा।
1993 – Ball of the Century 1.0 to dismiss Mike Gatting
2005 – Ball of the Century 2.0 to dismiss Andrew StraussRIP Shane Warne 🌹#ripshanewarne #shanewarne #Cricket #ballofthecentury #Legend pic.twitter.com/O65Sc28ufW
— Basil Thankachan (@basil_9119) March 4, 2022
शेन वॉर्न ने एशेज सीरीज में अपने पहले ही ओवर में यह करिश्माई गेंद फेंकी थी, जिसकी चर्चा आज तक होती है। सीरीज के पहले टेस्ट में इंग्लैंड ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी का फैसला किया। ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम पहली पारी में 289 रन पर ऑल आउट हो गई थी।
वहीं, इंग्लैंड की टीम से ओपनिंग करने के लिए ग्राहम गूच और माइक आर्थटन आए। दोनों की जोड़ी ने 71 रन बनाए और इसके बाद आर्थटन आउट हो गए। आर्थटन के आउट होने के बाद माइक गैटिंग बल्लेबाजी करने के लिए आए थे। शेन वॉर्न को ओवर डालने के लिए कहा गया। इस मैच में वॉर्न का यह पहला ओवर था।
शेन वॉर्न ने माइक गैटिंग को फ्लाइटेड गेंद फेंकी, जो लेग स्टम्प के बाहर गिरी। सभी को लगा कि बॉल लेग स्टम्प के बाहर निकल जाएगी, लेकिन गेंद ऑफ स्टम्प पर लगी। इसे देखकर सभी आश्चर्यचकित रह गए। बाद में इस गेंद को सदी की सबसे महान गेंद का खिताब दिया गया।
आपको बता दें कि शेन वॉर्न ने अपना टेस्ट डेब्यू वर्ष 1992 में सिडनी में भारत के खिलाफ किया था। हालांकि पहले टेस्ट में शेन वॉर्न कुछ कमाल नहीं दिखा पाए थे। उन्हें इस टेस्ट मैच में सिर्फ एक विकेट मिल सका था।
वहीं एशेज सीरीज में डेब्यू करने से पहले शेन वॉर्न के नाम 11 टेस्ट में 32 विकेट दर्ज दर्ज थे।1992 के बॉक्सिंग डे टेस्ट में वॉर्न ने वेस्टइंडीज के खिलाफ मैच में 52 रन देकर 7 विकेट लिए थे। एशेज सीरीज में वॉर्न ने शानदार प्रदर्शन किया था। इस सीरीज में उन्होंने 5 टेस्ट में 29 विकेट लिए थे।
गैटिंग का कहना है कि उन्हें भी यह लम्हा हमेशा याद रहेगा क्योंकि वे भी इस बॉल के जरिए इतिहास का हिस्सा बन गए।
वहीं, शेन वॉर्न ने कहा था कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वह ऐसी गेंद भी फेंक सकते हैं। वॉर्न का कहना था कि वे बस लेग ब्रेक कराने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन गेंद 90 डिग्री तक घूम गई जो कि एक अजूबा था।
शेन वॉर्न ने आगे बताया था, ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ बिल्कुल वैसी ही गेंद थी, जो सभी लेग स्पिन गेंदबाज डालने की कोशिश करते हैं। इस गेंद ने मैदान के अंदर और बाहर की मेरी जिंदगी बदल कर रख दी। मुझे बहुत गर्व है कि मैंने ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ डाली थी।’
वॉर्न को खुशी इसलिए और भी अधिक थी, क्योंकि गैटिंग इंग्लिश टीम में स्पिन खेलने वाले सबसे माहिर खिलाड़ी थे। शेन वॉर्न ने ‘बॉल ऑफ द सेंचुरी’ को अपनी लाइफ का सबसे खास पल भी बताया था।