Old compass on vintage map with rope closeup. Retro stale

दिल्लीः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आज ही के दिन यानी 31 मई1921 को एक झंडे को अपने अनौपचारिक झंडे के तौर पर मान्यता दी थी। इस झंडे का ड्राफ्ट डिजाइन युवा स्वतंत्रता सेनानी पिंगली वेंकैया ने 1921 में कांग्रेस के विजयवाड़ा में हुए अधिवेशन में महात्मा गांधी के सामने पेश किया था। इस झंडे में लाल और हरा रंग था, जो भारत के दो प्रमुख धर्मों का प्रतिनिधित्व करता था।

पिंगली झंडे के जिस डिजाइन को लेकर गांधी जी के पास गए, उसमें उन्होंने झंडे में एक सफेद रंग और चरखे को भी लगाने की सलाह दी। सफेद रंग भारत के बाकी धर्मों और चरखा स्वदेशी आंदोलन और आत्मनिर्भर होने का प्रतिनिधित्व करता था।

इस ध्वज में बाद में लाल रंग की जगह केसरिया ने ले ली और इसमें सफेद रंग भी शामिल कर लिया गया। चरखे के चक्र की डिजाइन में भी बदलाव हुआ। इस बदले हुए झंडे को कांग्रेस ने 1931 में पार्टी के आधिकारिक झंडे के रूप में मान्यता दे दी।

झंडे के रंगों को को धर्मों से जोड़ने पर 1931 से पहले विवाद भी होने लगा। कई लोग झंडे में चरखे की जगह गदा जोड़ने की मांग करने लगे, तो कइयों ने झंडे में एक और गेरुआ रंग जोड़ने की मांग की। सिखों की मांग थी की या तो झंडे में पीला रंग जोड़ा जाए या सभी तरह के धार्मिक प्रतीकों को हटाया जाए।
इस विवाद को सुलझाने के लिए 1931 में कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने 7 लोगों की एक कमेटी बनाई। कमेटी ने सलाह दी कि झंडे को केवल एक ही रंग का बनाया जाए। कमेटी का ये सुझाव नहीं माना गया। इसी साल कांग्रेस ने पिंगली वेंकैया के बनाए झंडे को पार्टी के आधिकारिक झंडे के तौर पर मान्यता दे दी।
1947 में देश को आजादी मिलने के बाद संविधान समिति ने कांग्रेस के इसी झंडे को कुछ बदलावों के साथ भारत का झंडा यानी तिरंगा बनाने का फैसला लिया। इस झंडे में एक बड़ा बदलाव चरखे को लेकर किया गया था। कांग्रेस के झंडे के बीच में जो चरखा था, उसकी जगह तिरंगे में अशोक चक्र लगाया गया। इस झंडे को पहली बार देश की आजादी से कुछ दिनों पहले 22 जुलाई 1947 के दिन आधिकारिक तौर पर फहराया गया था।

आजादी के बाद भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश बन गया। इसलिए झंडे के रंगों की धर्म के आधार पर व्याख्या को बदल दिया गया। कहा गया कि इस झंडे के रंगों का धर्मों से कोई लेना-देना नहीं है। केसरिया को साहस और बलिदान का प्रतीक माना जाता है, सफेद रंग को शांति और सच्चाई का प्रतीक कहा जाता है जबकि हरा रंग संपन्नता का प्रतीक होता है। वहीं अशोक चक्र धर्मचक्र का प्रतीक है।
तब से अब तक भारत के झंडे में कोई बदलाव नहीं हुआ। पहले भारतीय नागरिकों को राष्ट्रीय पर्व के अलावा किसी भी दिन अपने घर और दुकानों पर झंडा फहराने की छूट नहीं थी। 2002 में इंडियन फ्लैग कोड में बदलाव किए गए और अब हर भारतीय नागरिक किसी भी दिन अपने घर, दुकान, फैक्ट्री, ऑफिस में सम्मान के साथ झंडा फहरा सकता है। आइए एक नजर डालते हैं देश और दुनिया में 31 मई को घटित हुईं महत्वपूर्ण घटनाओं पर-

1577 – मुगल सम्राट जहाँगीर की पत्नी नूरजहाँ मूल नाम ‘मेहरुन्निसा’ का जन्म।
1725 – भारत की वीरांगनाओं में से एक मराठा होल्कर महारानी अहिल्याबाई होल्कर का जन्म।
1727 – फ्रांस, ब्रिटेन और नीदरलैंड ने पेरिस संधि पर हस्ताक्षर किये।
1759 – अमेरिका के उत्तर पूर्वी प्रांत पेनसिल्वेनिया में थियेटर के सभी कार्यक्रमों पर प्रतिबंध लगाया गया।
1774 – भारत में पहला डाक सेवा कार्यालय खोला गया।
1843 – मराठी रंगमंच में क्रांति लाने वाले प्रसिद्ध नाटककार अण्णा साहेब किर्लोस्कर का जन्म।
1867 – मुम्बई (तत्कालीन बंबई) में प्रार्थना समाज की स्थापना हुई।
1878 – जर्मनी के युद्धपोत एसएमएस ग्रोसर करफर्स्ट के डूबने से 284 लोगों की मौत।
1878 – अमेरिकी कांग्रेस ने डॉलर के सर्कुलेशन को घटाया।
1889 – अमेरिका के पेनसिल्वेनिया स्थित जॉन्सटाउन में भीषण बाढ़ से लगभग 2209 लोगों की मौत ।
1900 – लार्ड राबर्ट्स के नेतृत्व में ब्रिटिश सैनिकों ने जाेहानसबर्ग पर कब्जा किया।
1907 – अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में पहली बार टैक्सी सेवा शुरू की गयी।
1921 – भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के झंडे को अंगीकार किया गया।
1927 – फोर्ड मोटर ने टिन लिजी मॉडल की अंतिम गाड़ी बनाई और मॉडल ए की शुरुआत की।
1929 – पहली बार मिकी माउस का बोलता हुआ कार्टून कार्निवाल किड रिलीज किया गया।
1935 – पाकिस्तान के क्वेटा शहर में भीषण भूकंप से 50 हजार से अधिक लोगों की मौत हुई।
1957 – चर्चित अमेरिकी नाटककार ऑर्थर मिलर को अवमानना का दोषी पाया गया।
1959 – बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा को तिब्बत से निर्वासन के बाद भारत में शरण दी गई।
1961- दक्षिण अफ्रीका स्वतंत्र देश बना।
1962- एडोल्फ आइकमन को इजराइल ने फांसी पर लटकाया। आइकमन ने हजारों यहूदियों की हत्या की थी।
1964 – मुम्बई (तत्कालीन बंबई) में इलेक्ट्रिक ट्राम अंतिम बार चली।
1966 – दक्षिणी वियतनाम में तत्कालीन सरकार के विरोध में ह्यू शहर में वियतनाम की बौद्ध युवती ने खुद को आग लगाकर जान दे दी। आग की लपटों से घिरी युवती की तस्वीर ने दुनियाभर में तहलका मचा दिया।
1977 – भारतीय सेना के एक दल ने पहली बार विश्व के तीसरे सबसे ऊंचे पर्वत शिखर कंचनजंगा पर चढाई की।
1984 – वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज विवियन रिचडर्स ने इंग्लैंड के खिलाफ ओल्ड ट्रैफर्ड वनडे में 170 गेंदों पर 189 रन की ऐतिहासिक पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई।
1985 – फुटबॉल एसोसिएशन ने इंग्लिश क्लबों के यूरोप में खेलने पर प्रतिबंध लगा दिया।
1987- पहली बार WHO के सदस्य देशों ने वर्ल्ड नो टोबैको डे की शुरुआत की थी।
1994 – दक्षिण अफ़्रीका गुट निरपेक्ष आन्दोलन का 109वाँ सदस्य राष्ट्र बना।
1996 – बेंजामिन नेतान्याहू इजरायल के प्रधानमंत्री बने।
1999 – कृष्ण प्रसाद भट्टराई ने नेपाल के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली।
2003 – प्रसिद्ध संगीतकार अनिल विश्वास का निधन।
2008 – विश्व के सबसे तेज धावक उसैन बोल्ट ने 100 मीटर दौड़ 9.72 सेकेंड में पूरी कर विश्व रिकॉर्ड बनाया।
2012- भारत में पेट्रोल-डीजल के बढ़ते दामों के विरोध में देशव्यापी हड़ताल की गई।
2017 – अफगानिस्तान के काबुल में जर्मन दूतावास के समीप कार बम विस्फोट में 90 लोग मारे गये और 400 से अधिक घायल हुए।

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