दिल्लीः ईडी (ED) यानी प्रवर्तन निदेशालय ने भ्रष्टाचार तथा हवाला कारोबार के मामले में दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ्तार कर लिया है। आपको बता दें कि करप्शन और हवाला मामले में जैन के खिलाफ जांच चल रही है।

बताया जा रहा है सत्येन्द्र जैन कोलकाता की कंपनी से जुड़े मामले में ईडी के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे, जिसके कारण ईडी ने उन्हें सोमवार को गिरफ्तार कर लिया। जैन मामले से जुड़ी जानकारियां जांच एजेंसी से छुपा रहे थे। अब ईडी जैन को कोर्ट में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड मांगेगी, ताकि हवाला के इस मामले का पता लगाया जा सके।

वहीं सत्येंद्र जैन की गिरफ्तारी को लेकर राजनीतिक बयानबाजी भी शुरू हो गई है। बीजेपी ने जैन की गिरफ्तारी को लेकर दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है और कहा है कि ये हैं ईमानदार सरकार के ईमानदार नेता। दूसरी तरफ, आम आदमी पार्टी के नेता और उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने जैन की गिरफ्तारी को बदले की भावना से की गई कार्रवाई बताया है। उनका कहना है की आठ साल से झूठा केस चलाया जा रहा था। जैन हिमाचल प्रदेश में हमारे चुनाव प्रभारी हैं, इसीलिए उन्हें गिफ्तार किया गया है।

आपको बता दें कि दो महीने पहले सीबीआई की तरफ से प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) में दर्ज प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद जैन के परिवार और फर्मों से संबंधित 4.81 करोड़ रुपए की अचल संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया गया था। सीबीआई ने अगस्त 2017 में केस दर्ज किया था। बाद में ये केस ED को ट्रांसफर कर दिया गया था।

ईडी के अनुसार जांच में पाया गया था कि 2015-16 के दौरान सत्येंद्र जैन एक लोकसेवक थे, तो उनके द्वारा लाभकारी स्वामित्व वाली और नियंत्रित कंपनियों को हवाला के जरिए कोलकाता बेस्ड एंट्री ऑपरेटरों को नकद ट्रांसफर के बदले शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपए प्राप्त हुए थे। ईडी की रिपोर्ट के मुताबिक इस रकम का इस्तेमाल जमीन की सीधी खरीद या दिल्ली और उसके आसपास कृषि भूमि की खरीद को लिए गए कर्ज की अदायगी के लिए किया गया था।

आपको बता दें कि दिल्ली डेंटल काउंसलिंग के रजिस्ट्रार डॉ. ऋषि राज के घर पर पड़े सीबीआई छापे में सत्येंद्र जैन और उनकी कंपनियों से जुड़े दस्तावेज और दो करोड़ रुपए की बैंक डिपॉजिट स्लिप मिली थी। इससे पता चला था कि 2011 में जैन की कंपनियों के नाम पर दो करोड़ रुपए जमा कराए गए थे। इसके अलावा जैन के नाम पर दिल्ली के कराला गांव में 12 बीघा और 8 बीघा जमीन के बैनामा के साथ 14 बीघा जमीन की पावर ऑफ अटॉर्नी भी मिली थी।

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