चेन्नईः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को यहां 31530 करोड़ रुपये लागत की 11 परियोजनाओं को लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। मोदी तमिलनाडु में 2021 द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक) की सरकार बनने के बाद पहली बार चेन्नई पहुंचे थे। उन्होंने यहां एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री एमके स्टालिन मंच साझा किया। इस दौरान स्टालिन ने अपने भाषण के दौरान केंद्र सरकार और बीजेपी पर जमकर हमला बोला और कई आरोप लगाए। उन्होंने तमिल भाषा के साथ भेदभाव का भी आरोप लगाया,  जिसका मोदी ने मंच पर ही माकुल जवाब दिया।

इस दौरान तमिलनाडु के बीजेपी अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने भी स्टालिन पर पलटवार किया और कहा कि स्टालिन के इस व्यवहार से वह बेहद शर्मिंदा हैं। उन्होंने कहा, “नरेंद्र मोदी एक  प्रधानमंत्री के तौर पर पहुंचे थे। यह कोई भाजपा का कार्यक्रम नहीं था। हमारे मुख्यमंत्री को विनम्रता दिखानी चाहिए थी लेकिन उन्होंने अभद्रता दिखाई।“

मुख्यमंत्री स्टालिन ने अपने भाषण में कहा कि प्रधानमंत्री जी कच्चातिवु द्वीप को वापस लाएं। यह द्वीप भारत ने श्रीलंका का गिफ्ट में दे दिया था। इसपर अन्नामलाई ने जवाब देते हुए ट्वीट किया, “हमारे मुख्यमंत्री चाहते हैं कि कच्चातिवु द्वीप वापस आए लेकिन वह भूल जाते हैं कि 1974 में किसी और ने नहीं  बल्कि श्रीमती इंदिरा गांधी ने इसे श्रीलंका को गिफ्ट में दिया था। डीएमके और कांग्रेस गठबंधन बनाते हैं और मिलकर जनता को लूटते हैं। अब अचानक क्यों जाग गए?”

वहीं स्टालिन ने कहा कि केंद्र सरकार चाहती है कि राज्य सरकारें जनता की सेवा न कर पाएं। तमिलनाडु  सरकार को केंद्र से अब तक 21761 करोड़ की राशि नहीं मिली है। इसपर अन्नामलाई ने कहा कि जीएसटी के मामले में एमके स्टालिन को समझना चाहिए कि काउंसिल ने सभी की सहमति से फैसले किए थे। तमिलनाडु ने मुआवजे का जो विकल्प चुना था उसके तहत जुलाई 2022 के बाद उसे धनराशि मिलनी चाहिए। वे फालतू का मुद्दा बना रहे हैं। अब, जब जीएसटी कलेक्शन बढ़ा है तो तमिलनाडु को भी ज्यादा फायदा हो रहा है। वे तथ्यों को छोड़कर केवल राजनीति करना चाहते हैं।

मुख्य़मंत्री स्टालिन ने मंच पर पीएम मोदी से मांग की थी कि तमिल का आधिकारिक और न्यायालय की भाषा बनाया जाए। उसे हिंदी के समान दर्जा दिया जाए। इसपर प्रधानमंत्री मोदी ने मंच से ही जवाब देते हुए कहा था कि तमिल शाश्वत और  वैश्विक भाषा है। तमिल भाषा , संस्कृति के लिए भारत सरकार प्रतिबद्ध है। भारत सरकार इसके लिए फंड भी जारी करती है। वहीं के अन्नामलाई ने भी जवाब दिया और कहा कि पीएम मोदी ने तमिल भाषा के प्रति अपना लगाव प्रकट किया। मुझे नहीं लगता कि स्टालिन को अब कोई जवाब देना चाहिए क्योंकि वे केवल तुच्छ राजनीति में यकीन करते हैं।

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