देहरादूनः उत्तराखंड में वैदिक मंत्रोच्चार और सेना बैंड की धुन के साथ रविवर को बद्रीनाथ धाम के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस दौरान भगवान महादेव के दरबार में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे। मंदिर को फूलों और लाइट्स से सजाया गया है। आपको बता दें कि अलकनंदा नदी के किनारे चमोली जिले की पहाड़ियों पर स्थित बद्रीनाथ मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है।
#WATCH | Uttarakhand: The doors of Badrinath Dham opened for devotees with rituals and chanting and the tunes of army band with a large number of devotees present in Badrinath Dham. pic.twitter.com/LiCTexcbJu
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 8, 2022
यह मंदिर उत्तराखंड के चार प्राचीन तीर्थ स्थलों में से एक है, जिन्हें ‘चार धाम’ कहा जाता है। इसमें यमुनोत्री, गंगोत्री और केदारनाथ भी शामिल हैं। यह मंदिर उत्तराखंड के बद्रीनाथ शहर में स्थित है। भगवान बद्रीनाथ का कपाट हर साल छह महीने (अप्रैल के अंत और नवंबर की शुरुआत के बीच) भक्तों के लिए खुला रहता है। आपको बता दें कि केदारनाथ मंदिर के कपाट शुक्रवार सुबह श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए थे।
#WATCH Devotees sing and dance as the portals of Shri Badrinath Dham, Uttarakhand open today pic.twitter.com/E3eBLsCYUE
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) May 8, 2022
वार्षिक चारधाम यात्रा 3 मई को अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री और यमुनोत्री मंदिरों के कपाट खुलने के साथ शुरू हुई। इस महीने की शुरुआत में, राज्य सरकार ने चार धाम आने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या को सीमित कर दिया था।
इस साल बद्रीनाथ में रोजाना 15,000, केदारनाथ में 12,000, गंगोत्री में 7,000 और यमुनोत्री में 4,000 तीर्थयात्रियों को अनुमति दी जाएगी। यह व्यवस्था 45 दिनों के लिए की गई है। इस साल, तीर्थयात्रियों के लिए कोविड-19 निगेटिव टेस्ट रिपोर्ट या टीकाकरण प्रमाण पत्र लाना अनिवार्य नहीं है। चार धाम में हर साल देश-विदेश से लाखों पर्यटक और श्रद्धालु आते हैं। उधर, वरिष्ठ अधिकारियों ने ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों को अतिरिक्त सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं।