कोलंबोः भीषण आर्थिक संकट की वजह से श्रीलंका में लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। आए दिन सरकार के खिलाफ मार्च निकाले जा रहे हैं। बीते रोज भी प्रदर्शनकारियों से संसद को घेरने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिन ने इन्हें रोकने के लिए आंसू गैस के गोले दागे।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गुरुवार को प्रदर्शनकारियों के एक ग्रुप ने संसद के पास मौजूद पोल्डुवा जंक्शन पर बैरिकेडिंग को हटाने की कोशिश की। जिसके बाद इनके खिलाफ एक्शन लिया गया।

1948 में ब्रिटेन से आजादी मिलने के बाद श्रीलंका अब तक के सबसे गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। इसकी वजह से यहां पेट्रोल और डीजल की भी किल्लत हो रही है। सीलोन पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (CPC) ने एक नोटिफिकेशन जारी कर पेट्रोल भरवाने की लिमिट तय कर दी है। अब मोटरसाइकिल में 2,000 रुपए, तिपहिया वाहन में 3000 रुपए, कार, ​​वैन और जीप में 8000 रुपए तक का ही पेट्रोल भरवा सकते हैं। हालांकि, बसों, लॉरियों और कमर्शियल वाहनों को छूट दी गई है।

संकट की इस घड़ी में भारत लगातार श्रीलंका की मदद कर रहा है। क्रेडिट लाइनों और क्रेडिट स्वैप के तहत भारत जनवरी से अब तक करीब 23 हजार करोड़ रुपए की मदद कर चुका है। श्रीलंका आर्थिक संकट की वजह से खाद्य पदार्थ और ईंधन के आयात के लिए भी भुगतान नहीं कर पा रहा है।

वहीं, तमिलनाडु सरकार ने भी श्रीलंका की मदद के लिए एक प्रस्ताव पास किया है। इसके तहत राज्य सरकार श्रीलंका को खाना और जीवन रक्षक दवाएं भेजना चाहती है। प्रदेश बीजेपी ने एक पत्र लिखकर सरकार की इस पहल का स्वागत किया है, साथ ही सवाल भी उठाए हैं। पत्र में कहा गया है कि तमिलनाडु सरकार की कुछ हालिया कार्रवाइयां सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए थीं, विशेषकर ऑपरेशन गंगा के दौरान। इसलिए हम सिर्फ इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यह प्रस्ताव भी ऐसी ही कवायद न बन जाए।

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