कोपेनहेगनः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी यूरोप दौरे के दूसरे दिन यानी मंगलवार को डेनमार्क पहुंच गए हैं। डेनमार्क की राजधान कोपेनहेगन में एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का डेनमार्क के पीएम मेटे फ्रेडरिकसन ने स्वागत किया। पीएम मोदी ने बर्लिन से निकलने से पहले भारतीय समुदाय से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने न सिर्फ लोगों को ऑटोग्राफ दिए, बल्कि हाथ जोड़कर उनके प्रति आभार भी व्यक्त किया। वहीं, जाते-जाते लोगों ने पीएम मोदी को कहा- वी लव यू सर।

प्रधानमंत्री मोदी कोपेनहेगन में डेनमार्क की पीएम मेटे फ्रेडरिकसन के साथ मीटिंग करेंगे। ग्रीन स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप और द्विपक्षीय संबंध इस बैठक के प्रमुख मुद्दे रहेंगे। इसके साथ ही भारत-डेनमार्क राउंडटेबल मीटिंग में हिस्सा लेंगे और डेनमार्क में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे।

प्रधानमंत्री कार्यालय ने प्रेस रिलीज जारी कर बताया कि प्रधानमंत्री मोदी डेनमार्क के पीएम मेटे फ्रेडरिकसन के साथ मीटिंग के अलावा दूसरे इंडो-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में भी भाग लेंगे। इस शिखर सम्मेलन में डेनमार्क के अलावा फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन शामिल हैं।

इस इंडो-नॉर्डिक शिखर सम्मेलन में आर्थिक सुधार, जलवायु परिवर्तन, इनोवेशन, टेक्नोलॉजी, रिन्यूएबल एनर्जी और आर्कटिक क्षेत्र में भारत-नॉर्डिक सहयोग जैसे विषयों फोकस किया जाएगा। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी फिनलैंड, आइसलैंड, नॉर्वे और स्वीडन के स्टेटहेड से भी मुलाकात करेंगे।

नॉर्डिक देश भारत के लिए सस्टेनेबिलिटी, रिन्यूएबल एनर्जी, डिजिटलीकरण और इनोवेशन में महत्वपूर्ण भागीदार हैं। PM मोदी डेनमार्क की 3 और 4 मई की विजिट के बाद लौटते वक्त फ्रांस भी जाएंगे। यहां पर वो पेरिस में राष्ट्रपति​​ इमैनुएल मैक्रों को दोबारा जीत की बधाई देंगे।

आपको बपता दें कि पीएम मोदी ने सोमवार को बर्लिन में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज से मुलाकात की थी। इसके बाद दोनों नेता डेलिगेशन लेवल मीटिंग में शामिल हुए। इस दौरान भारत-जर्मनी के बीच ग्रीन एनर्जी पर अहम समझौता हुआ। पीएम मोदी ने कहा- भारत और जर्मनी मिलकर ग्रीन हाइड्रोजन टास्क फोर्स का गठन करेंगे।

विदेश मंत्रालय के मुताबिक दोनों देशों के बीच सतत विकास को लेकर एग्रीमेंट हुआ है, जिसके तहत भारत को साल 2030 तक क्लीन एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए 10.5 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता मिलेगी।

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