दिल्लीः इंटरनेट की दुनिया बदलने वाली है। जी हां यदि आप यूट्यूब या फेसबुक पर वीडियो देखते समय बफरिंग की वजह से परेशान होते हैं?, तो जल्द ही आपको इस समस्या से निजात मिलने वाली है, क्योंकि देश में ‘5G’ इंटरनेट की सेवा जल्द ही शुरू होने वाली है।
टेलीकॉम मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने पिछले सप्ताह कहा कि अगस्त के अंत तक हर-हाल में ‘5G’ इंटरनेट लॉन्च हो जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि स्पेक्ट्रम की बिक्री शुरू हो चुकी है और जून तक ये प्रोसेस खत्म होने की संभावना है। तो चलिए आपको बताते हैं कि ‘5G’ इंटरनेट सेवा शुरू होने से आपको क्या फायदा होगा। ‘5G’ इंटरनेट सेवा क्या है और कैसे इससे जिंदगी बदलेगी।
वैष्णव ने 5G इंटरनेट लॉन्च करने को लेकर अहम जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि मई महीने के पहले सप्ताह में ऑक्शन को लेकर डीसीसी (DCC) यानी डिजिटल संचार समिति की बैठक होने वाली है। डीसीसी दूरसंचार क्षेत्र में फैसला लेने वाली सबसे बड़ी संस्था है।
उन्होंने कहा कि विभाग ट्राई (TRAI) यानी भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण की सिफारिशों का भी इंतजार कर रहा है। वैष्णव ने यह भी कहा है कि ट्राई ने 1 लाख मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम के 7.5 लाख करोड़ रुपए में ऑक्शन कराने की सरकार से सिफारिश की थी। उन्होंने यह भी कहा था कि इसकी वैलिडिटी 30 साल की होगी। यह प्रोसेस सरकारी स्तर पर शुरू हो गई है। ऑक्शन खत्म होती है 5G लॉन्च कर दी जाएगी।
इंटरनेट का ‘G’ जेनरेशन क्या होता है- इंटरनेट को लेकर यूज होने वाले ‘G’ का मतलब जेनरेशन होता है। जैसे पहले जेनरेशन के इंटरनेट को 1G कहते हैं। साल 1979 में शुरू हुए इंटरनेट को 1G जेनरेशन कहा गया था, जिसका 1984 तक दुनिया भर में विस्तार हुआ था।
इसी तरह 1991 में 2G इंटरनेट लॉन्च हुई। 1G की तुलना में 2G इंटरनेट की ज्यादा स्पीड थी। एक तरफ जहां 1G की स्पीड 2.4 Kbps थी, वहीं 2G इंटरनेट की स्पीड अब बढ़कर 64 Kbps हो गई।
इसके बाद 1998 में पहली बार 3G, 2008 में 4G और 2019 में 5G इंटरनेट लॉन्च हुई। भले ही 2019 में ही 5G इंटरनेट लॉन्च हो गई हो, लेकिन भारत में यह 11 साल बाद अब भारत में शुरू होने वाली है।
5G इंटरनेट और 4G में अंतर- इंटरनेट नेटवर्क की पांचवीं जनरेशन को 5G कहते हैं। यह एक वायरलेस ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा है, जो तरंगों के जरिए हाई स्पीड इंटरनेट सेवा उप्लब्ध कराती है। इसमें मुख्य रूस से तीन तरह के फ्रीक्वेंसी बैंड होते हैं।
– लो फ्रीक्वेंसी बैंड- एरिया कवरेज में सबसे बेहतर, इंटरनेट स्पीड 100 एमबीपीएस, इंटरनेट स्पीड कम
– मिड फ्रीक्वेंसी बैंड- इंटरनेट स्पीड लो बैंड से ज्यादा 1.5 जीबीपीएस, एरिया कवरेज लो फ्रीक्वेंसी बैंड से कम, सिग्नल के मामले में अच्छा
– हाई फ्रीक्वेंसी बैंड- इंटरनेट स्पीड सबसे ज्यादा 20 जीबीपीएस, एरिया कवर सबसे कम, सिग्नल के मामले में भी अच्छा है
क्या फायदा होने वाला है?– 5G इंटरनेट सेवा के शुरू होने से भारत में काफी कुछ बदलने वाला है। इससे न सिर्फ लोगों का काम आसान होगा, बल्कि मनोरंजन और संचार के क्षेत्र में भी काफी कुछ बदल जाएगा। 5G के लिए काम कर रही कंपनी एरिक्सन का मानना है कि 5 साल में भारत में 50 करोड़ से ज्यादा 5G इंटरनेट यूजर की संख्या होने वाली है। जानिए 5G के शुरू होने से लोगों को क्या फायदे होने वाले हैं।
- पहला फायदा तो ये होगा कि यूजर तेज स्पीड इंटरनेट इस्तेमाल कर सकेंगे।
- वीडियो गेमिंग के क्षेत्र में 5G के आने से बड़ा बदलाव होगा।
- यूट्यूब पर वीडियो बिना बफरिंग या बिना रुके चलेगा।
- वॉट्सऐप कॉल में आवाज बिना रुके और साफ-साफ आएगी।
- मूवी 20 से 25 सेकेंड में डाउनलोड हो जाएगी।
- कृषि क्षेत्र में खेतों की देखरेख में ड्रोन यूज संभव होगा।
- मेट्रो और बिना ड्राइवर चलने वाली गाड़ियों को ऑपरेट करना आसान होगा।
- वर्चुअल रियलिटी और फैक्ट्री में रोबोट यूज करना ज्यादा आसान होगा।
- यही नहीं 5G आने से इंटरनेट ऑफ थिंग्स के जरिए ज्यादा से ज्यादा कंप्यूटर सिस्टम को कनेक्ट करना आसान होगा।
किन शहरों में सबसे पहले लॉन्च हो सकता है 5G इंटरनेट?–
भारत में 5G इंटरनेट सेवा शुरू करने के लिए तीन बड़ी प्राइवेट टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल, रिलायंस जियो और वोडाफोन-आइडिया काम कर रही हैं। इन तीनों कंपनियों ने मोबाइल एसेसरीज बनाने वाली कंपनियों एरिक्सन और नोकिया के साथ मिलकर काम शुरू किया है। दिसंबर में केंद्र सरकार ने बताया था कि सबसे पहले देश के किन 13 शहरों में 5G इंटरनेट शुरू होने वाली है। सरकार ने बताया था कि इसके पीछे मुख्य तीन वजह हैं…
- नोकिया और एरिक्सन कंपनी शुरुआती फेज में इन्हीं शहरों में ट्रायल और टेस्टिंग कर रही हैं।
- इन 13 शहरों में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोग ज्यादा हैं। यहां इंटरनेट यूज भी ज्यादा है इसलिए इन्हीं शहरों को चुना गया है।
- 5G इंटरनेट सेवा की कीमत 4G की तुलना में ज्यादा है। इस हिसाब से छोटे शहरों की तुलना में 5G यूज करने वाले लोग इन 13 बड़े शहरों में ज्यादा हैं।