दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के जहांगीरपुरी में हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा के दौरान हुई हिंसा की पुलिस जांच कर रही है। इसके लिए दिल्ली पुलिस ने 10 टीमें गठित की हैं। वहीं इस घटना को लेकर अब सियासत भी तेज हो गई है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री एवं हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतनराम मांझी ने जहांगीरपुरी हिंसा को लेकर बयान दिया है और धार्मिक जुलूस पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने इसे देश की एकता और अखंडता के लिए खतरा बताया है।

मांझी ने ट्वीट कर कहा कि ‘अब वक्त आ गया है,  जब देश में हर तरह के धार्मिक जूलूस पर रोक लगा दी जाए। धार्मिक जूलूसों के कारण देश की एकता और अखंडता खतरे में पड़ती दिखाई दे रही है। इसे तुरंत रोकना होगा।  उन्होंने अपने ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को टैग किया है। मांझी के इस ट्वीट ने धार्मिक जुलूस को लेकर एक नई बहस को जन्म दे दिया है।

आपको बता दें कि हम एनडीए का सहयोगी दल है। इसके साथ ही यह भी बता दें कि मांझी इससे पहले भी कई बार अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहे हैं। हाल ही में उन्होंने भगवान राम को लेकर विवादित बयान दिया था। मांझी ने खुद को माता सबरी का वंशज और भगवान राम को काल्पनिक पात्र बताया था।

मांझी ने कहा था कि हम तुलीदास जी को मानते हैं, वाल्मीकि जी को मानते हैं, लेकिन राम को हम नहीं मानते। राम तो हमारी मां सबरी, जिसको हम कहते हैं, देखा नहीं था, कहानी है, राम सबरी का झूठा खाए थे, आज हमारा छुआ हुआ तो खाइए आप, आज हमारा छुआ हुआ नहीं खाते हैं। यही राम की बात करते हैं आप। अपने हित में बड़े लोगों ने हम लोगों को बांट दिया है, शासन करने के लिए।

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