दिल्लीः कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा है कि वह जिस तरह से देश को समझने की कोशिश कर रहे हैं, वह वैसी कोशिश है,  जैसे एक प्रेमी जिससे प्‍यार करता है, उसे समझना चाहता है। उन्होंने कहा कि सत्ता के बीच में पैदा होने के बावजूद उन्हें इसमें दिलचस्पी नहीं है। उन्होंने कहा कि कई लोग सुबह से लेकर रात यही सोचते रहते हैं कि उन्‍हें सत्ता कैसे मिलेगी। उन्होंने ये बातें शनिवार को भारतीय प्रशासनिक सेवा के पूर्व अधिकारी एवं कांग्रेस नेता के. राजू की पुस्तक ‘द दलित ट्रूथ: द बैटल्स फॉर रियलाइजिंग आंबेडकर्स विजन’ के विमोचन के मौके पर कही। इस दौरान कांग्रेस नेता ने दावा किया कि मायावती जांच एजेंसियों के दबाव के चलते दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ रही हैं।

राहुल ने कहा कि ऐसा करके उन्‍होंने बीजेपी को हाल के यूपी चुनाव में खुला रास्ता दे दिया। इस दौरान उन्‍होंने कई बातों को जिक्र किया। उन्होंने इस दौरान किसी का नाम लिए बगैर कहा कि कुछ लोग सुबह से लेकर रात और रात से लेकर सुबह तक सिर्फ एक बात सोचते रहते हैं। सत्ता कैसे मिलेगी। आज ऐसे लोग हिंदुस्‍तान में भरे हुए हैं। उन्होंने कहा, “अब उसमें मेरी प्रॉब्‍लम आ गई। मैं सत्‍ता के बीच में पैदा हुआ। बिल्‍कुल बीच में। और बड़ी अजीब सी बीमारी है कि मुझे उसमें इंटरेस्‍ट ही नहीं है। मैं सच में यह बात बोल रहा हूं।“

कांग्रेस नेता ने कहा, “मैं रात को सोता हूं, अपने देश को समझने की कोशिश करता हूं। सुबह उठता हूं तो भी यही करता हूं। मुझे देश से प्‍यार है। यह कोशिश वैसी ही है जैसे एक प्रेमी जिससे प्रेम करता है, उसे समझना चाहता है।“

राहुल ने अपनी चुनावी सफलताओं और विफलताओं की ओर इशारा करते हुए कहा, “मेरे देश ने जो मुझे प्यार दिया है, वो मेरे ऊपर कर्ज है। इसलिए मैं सोचता रहता हूं कि इस कर्ज को कैसे उतारूं।“ उन्होंने कहा, “देश ने मुझे सिर्फ प्यार ही नहीं दिया है, जूते भी मारे हैं। नहीं आप समझ नहीं सकते हैं। कितनी जोरों से कितनी हिंसा के साथ इस देश ने मुझे मारा-पीटा है, तो मैंने सोचा कि यह क्यों हो रहा है? और जवाब मिला कि देश मुझे सिखाना चाहता है। देश मुझे कह रहा है कि तुम सिखो, तुम समझो। दर्द हो तो कुछ नहीं तुम सीखो और समझो।“

इसी मौके पर राहुल ने यह भी बताया कि उनकी पार्टी ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की प्रमुख मायावती को उत्तर प्रदेश में गठबंधन करने और मुख्यमंत्री पद का चेहरा बनने की पेशकश की थी,  लेकिन, उन्होंने बात तक नहीं की। राहुल ने यह दावा भी किया कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और पेगासस के जरिये बनाए जा रहे दबाव के चलते मायावती दलितों की आवाज के लिए नहीं लड़ रही हैं। उन्‍होंने बीजेपी को खुला रास्ता दे दिया।

हाल में हुए यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने लगातार दूसरी बार जीत दर्ज की। कांग्रेस सिर्फ दो और बसपा एक सीट ही हासिल कर सकी।

राहुल गांधी ने मायावती पर निशाना साधते हुए कहा, “कांशीराम जी ने खून-पसीना देकर दलितों की आवाज को जगाया। हमें उससे नुकसान हुआ, वह अलग बात है। आज मायावती जी कहती हैं उस आवाज के लिए नहीं लड़ूंगी। खुला रास्ता दे दिया। इसकी वजह सीबीआई, ईडी और पेगासस है।“

उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर मैंने एक रुपया भी लिया होता तो यहां भाषण नहीं दे पाता। इस दौरान राहुल ने आरएसएस और बीजेपी पर आरोप लगाया और कहा, “संविधान हिंदुस्तान का हथियार है। मगर संस्थाओं के बिना संविधान का कोई मतलब नहीं है।“

कांग्रेस नेता ने कहा, “हम यहां संविधान लिए घूम रहे हैं, आप और हम कह रहे हैं कि संविधान की रक्षा करनी है। लेकिन संविधान की रक्षा संस्थाओं के जरिये की जाती है। आज सभी संस्थाएं आरएसएस के हाथ में हैं।“ उन्होंने दावा किया कि संविधान पर यह आक्रमण उस समय शुरू हुआ था जब राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सीने पर तीन गोलियां मारी गईं थीं।

राहुल गांधी ने दलितों के साथ भेदभाव का उल्लेख करते हुए कहा कि ‘दलित और उनके साथ होने वाले व्यवहार से सबंधित विषय मेरे दिल से जुड़ा हुआ है। यह उस वक्त से है जब मैं राजनीति में नहीं था।

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