दिल्लीः रेलवे बोर्ड के चेयरमैन विनोद कुमार यादव ने कहा है एक मई से शुरू की गईं श्रमिक ट्रेनों से अब तक 45 लाख प्रवासी श्रमिक  सफर कर चुके हैं। इनमें 80 प्रतिश श्रमिक यूपी-बिहार के थे। उन्होंने 23 मई को ट्रेनों की आवाजाही को लेकर स्थिति स्पष्ट की और बताया कि ट्रेन परिवहवन की स्थितियां सामान्य करने के लिए रेलवे अगले 10 दिन में 2600 ट्रेनें शुरू करेगा।

उन्होंने बताया कि इनमें 36 लाख लोग सफर करेंगे। यह श्रमिक स्पेशल ट्रेनें आंध्र से असम, बिहार से बिहार, छत्तीसगढ़ से छत्तीसगढ़, दिल्ली से गुजरात, गोवा से जम्मू-कश्मीर, गुजरात से कर्नाटक, हरियाणा से झारखंड, जम्मू-कश्मीर से केरल, कर्नाटक से मणिपुर, केरल से ओडिशा, मध्य प्रदेश से राजस्थान, महाराष्ट्र से उत्तराखंड, पंजाब से उत्तराखंड, राजस्थान से त्रिपुरा, तमिलनाडु से उत्तर प्रदेश, तेलंगाना से पश्चिम बंगाल के बीच चलाई जाएंगी। इनके अलावा त्रिपुरा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में भी ट्रेनें  चलाई जाएंगी।

क्या की गई है व्यवस्थाः-

  • एक जून से 200 मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें शुरू की जाएंगी। लोग 30 दिन पहले एडवांस में रिजर्वेशन करा सकेंगे।
  • आरएसी यानी रिजर्वेशन अगेंस्ट कैंसिलेशन को परमिशन दी गई है। वेटिंग लिस्ट के यात्री जर्नी नहीं कर सकेंगे।
  • अभी रोजाना 200 से ज्यादा श्रमिक ट्रेनें चल रही हैं। 200 में 190 ट्रेनों में बुकिंग उपलब्ध है। सिर्फ 30 प्रतिशत टिकट बुक हुए।
  • श्रमिक स्पेशल ट्रेनों का 85 फीसदी खर्च केंद्र उठा रहा है। 15 राज्य सरकारे किराये के रूप दे रहीं हैं।  
  • लॉकडाउन के दौरान अब तक 45 लाख लोगों ने श्रमिक ट्रेनों में सफर किया। इनमें से 80 फीसदी यूपी और बिहार के थे।


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