प्रखर प्रहरी डेस्क

दिल्लीः दो महीने के अंतराल के बाद 25 मई यानी सोमवार से घरेलू उड़ानें शुरू हो रही है। इसकी तैयारियों के बारे में दिल्ली हवाई अड्डे का संचालन करने वाली कंपनी डायल यानी दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड ने 23 मई को मीडिया को जानकारी दी। डायल के मुताबिक शरीर के तापमान की जाँच, हाथों और जूतों के तलवों के सेनिटाइजेशन, सामान के विसंक्रमण, आरोग्य सेतु ऐप में हरा सिग्नल और बोर्डिंग पास का प्रिंटआउट लेने के बाद ही यात्रियों को टर्मिनल बिल्डिंग में प्रवेश दिया जायेगा। साथ ही शरीर का तापमान 94.6 डिग्री फॉरेनहाइट से 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट के बीच होना चाहिए।
डायल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विदेह कुमार जयपुरियार ने बताया कि घरेलू उड़ानों पर प्रतिबंध समाप्त होने के बाद 25 मई से पहली उड़ान सुबह 4.30 बजे रवाना होगी। उन्होंने बताया कि सरकार ने एक-तिहाई उड़ानों के परिचालन की ही अनुमति दी है। दिल्ली हवाई अड्डे से रोजाना 190 उड़ानें रवाना होंगी और इतनी ही यहां उतरेंगी। प्रतिदिन लगभग 20 हजार यात्रियों के आने और 20 हजार यात्रियों के जाने की उम्मीद है। सभी उड़ानों का परिचालन अंतरराष्ट्रीय टर्मिनल टी-3 से होगा। इतने यात्रियों के लिए इस टर्मिनल पर पर्याप्त सुविधा मौजूद है।  सोशल डिस्टेंसिंग का अच्छी तरह पालन किया जा सकेगा।
कोरोना वायरस कोविड-19 के मद्देनजर देश में नियमित यात्री उड़ानों का परिचालन 25 मार्च से पूरी तरह बंद है। दो महीने बाद 25 मई से कई प्रकार एहतियाती शर्तों के साथ एक-तिहाई उड़ानों के परिचालन की अनुमति दी गयी है।

किसको मिलेगी प्रवेश की अनुमति और क्या क्या की गई हैं व्यवस्थाएः-

  • शारीरिक तामान 98.6 डिग्री फॉरेनहाइट से अधिक होने पर प्रवेश की अनुमति नहीं होगी।
  • आरोग्य सेतु ऐप में हरा सिग्नल दिखना जरूरी, हरा सिग्नल नहीं दिखने पर प्रवेश की अनुमति नहीं।
  • टर्मिनल के अंदर की हवा को स्वच्छ बनाये रखने के लिए हर 10 मिनट पर पूरी हवा बदली जा रही है।
  • हवा को विसंक्रमित कर टर्मिनल के अंदर आने दिया जा रहा है।
  • हवा को पहले पराबैंगनी किरणों से विसंक्रमित किया जाता है, फिर हेप्टा फिल्टर से साफ किया जाता है।
  • प्रवेश से पहले थर्मल स्कैनर से ललाट के तापमान की जांच
  • यात्रियों के साथ हवाई अड्डा तथा एयरलाइंस के कर्मचारियों का संपर्क कम से कम हो इसके लिए कई उपाय किये गये हैं।
  • टर्मिनल भवन के बाहर ही 24 ‘स्कैन एंड फ्लाई’ मशीनें रखी गई हैं।
  • यदि कोई यात्री बोर्डिंग पास का प्रिंट लेकर नहीं आता है तो वहाँ यहाँ अपना ई-बोर्डिंग पास स्कैन कर प्रिंट ले सकता है।
  • इसके बाद शरीर के तापमान की जांच होगी।
  • यात्री को अपने हाथों को सेनिटाइज करना होगा।
  • ऑटो मेटेड सेनिटाइजर मशीनें लगाई गयी हैं जिनके नीचे हाथ ले जाते ही सेनिटाइजर हो जाएगा।
  • बोर्डिंग पास और पहचान पत्र की जाँच के लिए दरवाजे के पास केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल का कर्मचारी होगा जो एक शीशे की दीवार के पीछे खड़ा होगा।
  • दरवाजे से प्रवेश करने के बाद करीब 15-20 मीटर पर एक और दरवाजा है।
  • दोनों दरवाजों के बीच जूतों के तलवों को विसंक्रमित करने के लिए फर्श पर सेनिटाइजर में भिगोये हुये स्पंज बिछे हैं।
  • इसके बाद एक और बार शरीर का तापमान लिया जायेगा और हाथों में सेनिटाइजर लगाना होगा।
  • सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए बैठने की जगहों पर कुछ दूरी पर ‘एक्स’ के निशान बने हैं। यात्रियों को एक्स के निशान के बीच ही बैठना होगा।
  • चेक्डइन बैगेज के लिए टैग यात्रियों को स्वयं प्रिंट करना होगा जिसमें संबंधित विमान सेवा कंपनी के कर्मचारी सहयोग करेंगे।
  • टैग नहीं प्रिंट कर सकने की स्थिति में यात्री एक सादे कागज पर अपना नाम और पीएनआर लिखकर बैगेज पर चिपका सकता है या काउंटर पर ई-बोर्डिंग पास दिखाने से एयरलाइंस कर्मचारी टैग प्रिंट कर बैगेज पर लगा देगा।
  • यात्री को काउंटरफोइल देने की बजाय उसके पास एसएमएस आयेगा।
  • काउंटर के सामने और सुरक्षा जाँच काउंटर पर भी फर्श पर चार-पाँच फुट पर निशान बनाये गये हैं।
  • पीने के पानी के प्वाइंट पर पहले हाथ से बटन दबाना होता था जिसकी जगह अब पैर से दबाने वाली युक्ति लगाई गई है।
  • टर्मिनल के भीतर करीब 400 सेनिटाइजिंग प्वाइंट हैं। इनमें ज्यादातर ऑटोमेटेड हैं जबकि कुछ को पैर से दबाकर संचालित करने की व्यवस्था है।
  • टर्मिनल में प्रवेश से पहले और प्रवेश के बाद एक ही गेट के सामने अधिक यात्री एकत्र न हो इसके लिए हर एयरलाइंस के यात्रियों के प्रवेश के लिए अलग-अलग गेट तय किये गये हैं।
  • विस्तारा और स्पाइसजेट के यात्री गेट संख्या एक और दो से, एयर एशिया और एयर इंडिया के तीन और चार से तथा गो एयर और इंडिगो के पाँच और छह से प्रवेश करेंगे।
  • अन्य सभी घरेलू यात्रियों को भी गेट संख्या पाँच और छह से प्रवेश दिया जायेगा।
  • विशेष विमानों से विदेश जाने वाले यात्री गेट संख्या सात और आठ का प्रयोग कर सकेंगे।

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