दिल्लीः केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ श्रमिक संघों ने दो दिवसीय भारत बंद का आह्वान किया है। यानी सोमवार और मंगलवार को भारत बंद रहेगा। भारत बंद का आह्वान कोयला, इस्पात, तेल, दूरसंचार, डाक, आयकर, तांबा, बैंक और बीमा सहित क्षेत्रों के श्रमिक संघों ने किया है। ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस के अनुसार, हड़ताल में औपचारिक और अनौपचारिक दोनों क्षेत्रों के 20 करोड़ से अधिक श्रमिकों की भागीदारी की उम्मीद है।

श्रमिक संघों का कहना है कि केंद्र सरकार की नीतियों का कर्मचारियों, किसानों और आम लोगों बुरा इसर पड़ रहा है। ट्रेड यूनियनों ने अपने संयुक्त बयान में रविवार को कहा, “हमारी हड़ताल में रोडवेज, ट्रांसपोर्ट और बिजली कर्मचारी भी शामिल हो गए हैं। कोयला, रेलवे, इंश्योरेंस, डिफेंस, टेलिकॉम, तेल, पोस्टल जैसे अन्य कर्मचारी संगठनों का भी सहयोग मिला है।“ हड़ताल को मिले समर्थन को देखते हुए आम लोगों को दिक्कत हो सकती है। बैंकिंग, ट्रांसपोर्ट और दूसरी सेवाओं पर असर पड़ सकता है। एसबीआई ने कहा कि दोनों दिन सरकारी बैंकों का कामकाज प्रभावित होगा। उधर, ऊर्जा मंत्रालय ने क्षेत्रीय और राज्‍य कंट्रोल रूम्‍स को हाई अलर्ट पर रखा है। सभी राज्‍यों और इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटीज को एडवायजरी जारी कहा गया है कि हड़ताल के दौरान ग्रिड की मेंटनेंस और स्थिरता बनाए रखें।

केंद्रीय ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मंच केंद्र सरकार की कई नीतियों के खिलाफ 28 और 29 मार्च को दो दिवसीय भारत बंद (राष्ट्रव्यापी बंद) का आह्वान कर रहा है। संयुक्त मंच में ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC), इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस (INTUC), सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन्स (CITU), ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर (AIUTUC), ट्रेड यूनियन कोऑर्डिनेशन सेंटर सहित कई ट्रेड यूनियन शामिल हैं।

इनके अलावा (टीयूसीसी), स्व-नियोजित महिला संघ (सेवा), ऑल इंडिया सेंट्रल काउंसिल ऑफ ट्रेड यूनियन्स (एआईसीसीटीयू), लेबर प्रोग्रेसिव फेडरेशन (एलपीएफ) और यूनाइटेड ट्रेड यूनियन कांग्रेस (यूटीयूसी) ने हड़ताल का आह्वान किया है।आई ने कहा है कि उनकी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं।

कौन सी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं?

  • बैंक, परिवहन, रेलवे और बिजली सहित आवश्यक सेवाएं प्रभावित होने की आशंका है।
  • बिजली मंत्रालय द्वारा सभी राज्य सरकार और बिजली अधिकारियों को बिना किसी व्यवधान के आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए एक एडवाइजरी जारी की गई थी।
  • रक्षा क्षेत्र में रेलवे कर्मचारियों और कर्मचारियों के भी बड़े पैमाने पर जुटने की उम्मीद है।

भारत बंद : क्‍या खुला, क्‍या बंद रहेगा?

  • बैंक बंद रहेंगे। अन्‍य बैंकिंग सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं।
  • ट्रांसपोर्ट सविर्सिज में दिक्‍कत आ सकती है।
  • बिजली सप्‍लाई प्रभावित हो सकती है।
  • स्‍कूल-कॉलेज खुले रहेंगे।
  • आपातकालीन सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रहेंगी।

क्या सरकारी इंतजाम?

ऊर्जा मंत्रालय ने रविवार को सभी राज्यों को पत्र भेजकर बिजली सप्लाई सामान्य रूप से जारी रखने को कहा है। आपात स्थिति को संभालने के लिए पावर स्टेशनों पर अतिरिक्त मैनपावर तैनात करने को कहा गया है। हॉस्पिटल, डिफेंस इंफ्रास्ट्रक्चर और रेलवे जैसी जरूरी सेवाओं की बिजली सप्लाई जारी रखने के लिए सभी कंट्रोल रूम को अलर्ट पर रहने के निर्देश हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि कर्मचारी संगठन अभी स्ट्राइक टाल दें। वे इसे भविष्य में किसी अनुकूल तारीख के दिन रख सकते हैं। उधर, पश्चिम बंगाल सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी सरकारी कर्मचारियों की सोमवार और मंगलवार को दफ्तरों में अटेंडेंस जरूरी कर दी है। नहीं आने पर सैलरी काटी जाएगी।

आपको बता दें कि सरकारी बैंकों के प्राइवेटाइजेशन को लेकर बैंक यूनियन लगातार प्रदर्शन कर रही हैं। 22 मार्च को हुई एक बैठक में विभिन्न ट्रेड यूनियन ने भी बैंक कर्मियों का साथ देने का ऐलान किया। दोनों पक्षों ने मिलकर सभी कर्मचारी संगठनों से साथ आने की अपील करते हुए 48 घंटे के देशव्यापी बंद की घोषणा की थी।

उधर, कामगार संगठन संयुक्त कृति समिति के संयोजक विश्वास उटगी ने कहा कि किसान आंदोलन के बाद कृषि कानूनों की तरह सरकार को कई मजदूर विरोधी कानूनों को भी वापस लेना होगा। चार लेबर कोड कुछ पूंजीपतियों के हित के लिए लाए गए है। निजीकरण से मजदूरों के हित प्रभावित होंगे। संगठित क्षेत्र में 20 करोड़ और असंगठित क्षेत्र में 16 करोड़ मजदूर हैं।

क्या है बैंकों में इंतजाम

एसबीआई और पीएनबी ने कहा है कि हड़ताल की वजह से सेवाओं पर कुछ हद तक असर पड़ सकता है। बैंक कर्मचारियों और अधिकारियों के संगठनों एआईबीईए, बीईएफआई और एआईबीओए ने हड़ताल का नोटिस दिया है। हालांकि सभी शाखाओं और कार्यालयों में सामान्य कामकाज सुनिश्चित करने के लिए जरूरी इंतजाम किए गए हैं।

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