दिल्लीः पश्चिम बंगाल के बीरभूम में हुए नरसंहार पर राज्यसभा में चर्चा के दौरान बीजेपी सांसद रूपा गांगुली के आंसू छलक उठे। राज्यसभा में बोलते हुए रूपा ने कहा, “हम पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की मांग करते हैं। वहां सामूहिक हत्याएं हो रही हैं, लोग वहां से भाग रहे हैं… बंगाल अब रहने लायक नहीं है।’ इससे पहले बीरभूम हत्याकांड में महिलाओं और बच्चों के साथ हुए अमानवीय व्यवहार को लेकर रूपा गांगुली ने शून्यकाल में नोटिस दिया।“
बीजेपी सांसद राज्य की ममता सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि इस बार सिर्फ 8 लोग मरे हैं। ज्यादा नहीं मरे, ज्यादा के मरने से फर्क नहीं पड़ता। बात यह है कि उन्हें जला के मारा जाता है। वहां गैरकानूनी बंदूकें रखी जाती हैं। पुलिस पर कोई भरोसा नहीं है। सिर्फ अनीस खान मरता है, तब सीबीआई की मांग की जाती है। 7 दिन में 26 पॉलिटिकल मर्डर हुए हैं। अटॉप्सी रिपोर्ट में कहा गया है कि पहले उनके हाथ पैर तोड़े, फिर कमरे में बंद करके मारकर जला दिया गया।
— राणसिंह राजपुरोहित 🙏मेरा पीएम,मेरा अभिमान 🙏 (@ransinghBJP) March 25, 2022
रूपा की ओर से बीरभूम कांड को उठाए जाने के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही कुछ समय के लिए स्थगित कर दी गई। सदन से बाहर आने के बाद रूपा ने बताया कि पश्चिम बंगाल में लोग बोल भी नहीं सकते। सरकार हत्यारों को बचा रही है। देश में ऐसा कोई दूसरा राज्य नहीं है जहां की सरकार ही चुनाव जीतने के बाद लोगों की जान लेती है। हम इंसान हैं, हम पत्थर दिल बनकर राजनीति नहीं करते।
उधर, सीबीआई (CBI) यानी केंद्रीय जांच ब्यूरो की केंद्रीय फोरेंसिक साइंस लैब डिवीजन के अधिकारियों की एक टीम शुक्रवार को बागतुई गांव पहुंची। जहां टीम ने जलाए गए घरों की जांच की। टीम ने सभी जगह से सैम्पल कलेक्ट किए। टीम में आठ लोग है, जिनके साथ पुलिस भी मौजूद रही। हालांकि, टीम ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। एक अधिकारी ने कहा, ”हम यहां सबूत जुटाने आए हैं। इस मामले में ज्यादा बात नहीं कर सकते हैं।”