दिल्लीः वाराणसी के 126 साल के स्वामी शिवानंद सहित 128 लोगों को सोमवार को राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में पद्म पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। स्वामी शिवानंद नंगे पैर पद्मश्री अवॉर्ड लेने पहुंचे और माहौल उस वक्त भावुक हो गया जब शिवानंद अवॉर्ड लेने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नमस्कार करने के लिए घुटनों के बल बैठ गए। इसके बाद पीएम मोदी भी अपनी कुर्सी से उठकर शिवानंद के सम्मान में झुक गए।
#WATCH Swami Sivananda receives Padma Shri award from President Ram Nath Kovind, for his contribution in the field of Yoga. pic.twitter.com/fMcClzmNye
— ANI (@ANI) March 21, 2022
स्वामी शिवानंद राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने भी घुटनों पर बैठ गए और राष्ट्रपति कोविंद ने उन्हें झुककर उठाया। आपको बता दें कि स्वामी शिवानंद को भारतीय जीवन पद्धति और योग के के क्षेत्र में विशिष्ट योगदान के लिए पद्मश्री सम्मान दिया गया है। 126 साल के स्वामी ने अपनी फिटनेस से राष्ट्रपति भवन में सबको चौंका दिया।
स्वामी शिवानंद का जीवन किसी चमत्कार से कम नहीं है। 1896 में जन्मे बाबा शिवानंद बंगाल से काशी पहुंचे। यहां गुरु ओंकारानंद से शिक्षा लेने के बाद वे योग और धर्म में बड़े प्रकांड पुरुष साबित हुए। 6 साल की उम्र बाबा शिवानंद बहन, मां और पिता की मौत एक महीने के अंदर ही हो गई। उन्होंने मोहवश माता-पिता को मुखाग्नि देने से ही इनकार कर दिया। कर्मकांडियों के घोर विरोध के बाद भी चरणाग्नि ही दी।
1925 में उनके गुरु ने उन्हें विश्व भ्रमण का निर्देश दिया। 29 साल के शिवा लंदन गए और लगातार 34 साल तक भ्रमण ही करते रहे। अमेरिका, यूरोप, आस्ट्रेलिया, रूस आदि देशों की यात्रा से लौटकर जब वह स्वदेश आए तो भारत तब तक अपना 9वां गणतंत्र दिवस मना रहा था। बाबा आज भी ब्रह्मचर्य के नियम का पालन करते हैं। उबला भोजन और सब्जी ही खाते हैं।
128 लोगों को मिले पद्म अवॉर्ड्स
- सेरेमनी में 4 को पद्म विभूषण, 17 को पद्म भूषण और 107 को पद्मश्री से सम्मानित किया गया।