न्यूयॉर्कः भारत एक बार फिर रूस के खिलाफ मतदान करने से दूरी बनाई और बुधवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के एक प्रस्ताव पर मतदान में हिस्‍सा नहीं लिया। संरा महासभा द्वारा पारित इस प्रस्ताव में यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की कड़ी निंदा की गई। यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा करने वाले संरा महासभा के इस प्रस्‍ताव के पक्ष में 141 सदस्‍यों ने मतदान किया। वहीं, पांच ने इसके विरोध में वोट डाला, जबकि भारत सहित 35 देशों ने इस प्रस्‍ताव से दूरी बनाई।

भारत के अलावा पाकिस्तान, चीन, श्रीलंका तथा बंगलादेश ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया, जबकि नेपाल और अफगानिस्तान ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया।

रूस-यूक्रेन में जारी युद्ध के बीच यह लगातार तीसरा मौका है, जब भारत ने रूस के खिलाफ आए प्रस्ताव पर मतदान करने से दूरी रखी। भारत ने शुरू से इस मामले में तटस्थ रुख रखते हुए मामले का हल कूटनीतिक रास्ते से निकालने की बात कही है। वहीं रूस के समर्थन में कोरिया, बेलारूस जैसे देश आए हैं।

संरा महासभा में 193 सदस्‍य हैं। महासभा ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त सीमाओं के भीतर यूक्रेन की संप्रभुता, स्वतंत्रता, एकता और क्षेत्रीय अखंडता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करने के लिए मतदान किया और यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की कड़े शब्दों में निंदा की।

इस प्रस्ताव के पक्ष में 141 वोट पड़े,  जबकि 35 सदस्यों ने मतदान में भाग नहीं लिया। वहीं पांच सदस्यों ने प्रस्ताव के खिलाफ वोट दिया। प्रस्ताव पारित होने पर महासभा में उपस्थित सदस्यों ने तालियां बजाई।

आपको बता दें कि प्रस्ताव के महासभा में पारित होने के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होती है। प्रस्ताव में परमाणु बलों को मुस्तैद करने के रूस के फैसले की भी निंदा की गई। इसके साथ ही यूक्रेन के खिलाफ बल के इस ‘गैरकानूनी उपयोग’ में बेलारूस की भागीदारी की भी निंदा की गई। प्रस्ताव में राजनीतिक वार्ता, मध्यस्थता और अन्य शांतिपूर्ण तरीकों से रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष के तत्काल शांतिपूर्ण समाधान का आग्रह किया गया है।

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