दिल्लीः गुजरात के कर्णावती (अहमदाबाद) में आरएसएस (RSS) राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक 11 से 13 मार्च तक आयोजित की जायेगी। संघ से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक तीन दिनों तक चलने वाली इस बैठक में संगठन के विस्तार तथा संघ के शताब्दी वर्ष के मौके आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा के बारे में विस्तृत चर्चा होगी।

आपको बता दें कि संघ की यह महत्वपूर्ण बैठक उत्तरप्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर में विधानसभा चुनाव नतीजे घोषित हेने के एक दिन बाद शुरू हो रही है।

सूत्रों ने कहा, ‘‘संघ विस्तार की योजना पर काम कर रहा है। 25 में आरएसएस की स्थापना के सौ साल पूरे हो रहे हैं और आरएसएस अपने शताब्दी वर्ष तक अपने केंद्रों का विस्तार करके एक लाख करने की योजना पर काम कर रहा है। संघ इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए अपने सहयोगी संगठनों के समन्वय से से समाज के विभिन्न वर्गों में अपनी पैठ मजबूत करना चाहता है।’’

सूत्रों ने बताया कि शताब्दी वर्ष को लेकर कार्यकर्ताओं को विशेष जिम्मेदारी सौंपी जायेगी और उनसे विशेष तौर पर संगठन के कार्य के लिये समय देने को कहा जाएगा।

मौजूदा समय में आरएसएस देश के 55 हजार स्थानों पर नियमित रूप से शाखाएं संचालित करता है और इसे दोगुना बढ़ाकर लगभग एक लाख स्थानों पर नियमित रूप से शाखाएं संचालिक करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। सूत्रों के मुताबिक 11 से 13 मार्च तक गुजरात के कर्णावती (अहमदाबाद) में आयोजित होने वाली संघ के प्रतिनिधि सभा की बैठक इस लक्ष्य को हासिल करने को लेकर रूपरेखा तैयार की जाएगी।

सूत्रों ने बताया कि अपेक्षित केंद्रों तक पहुंचने की योजना पूरी करने के लिए विशेष कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी जाएगी, जो शताब्दी वर्ष यानी अगलतीन साल तक संगठन के लिए काम करेंगे।

सूत्रों ने बताया कि प्रतिनिधि सभा की बैठक में मूल संगठन और अनुषांगिक संगठनों के 1490 सदस्यों के शामिल होने की उम्मीद है, लेकिन इस बारे में अंतिम फैसला वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की स्थिति पर निर्भर करेगा। यदि कोविड-19 की स्थिति सही रही, तो प्रतिनिधि सभा में शामिल होने वाले सदस्यों की संख्या अधिक भी हो सकती है। आपको बता दें कि संक्रमण के कारण उत्पन्न स्थिति के मद्देनजर गत वर्ष संघ की प्रतिनिधि सभा की बैठक में सिर्फ 500 सदस्य उपस्थित हुए थे और सदस्य ऑनलाइन माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए थे।

सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक संघ अगले दो से तीन दिनों में यह तय कर लेगा कि इस साल 11 से 13 मार्च तक आयोजित होने वाली प्रतिनिधि सभा के बैठक में शामिल होने वाले सदस्यों की संख्या कितनी होगी।

सूत्रों के मुताबिक प्रतिनिधि सभा की बैठक में एक-दो प्रस्ताव भी पारित किये जायेंगे तथा राष्ट्रीय महत्व एवं समसामयिक विषयों पर चर्चा भी की जायेगी।

2025 में आरएसएस की स्थापना के सौ साल पूरे हो रहे हैं। ऐसे में इस बैठक में संघ के शताब्दी वर्ष के मौके पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों तथा संघ के विस्तार की योजना पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

सूत्रों ने बताया कि संघ के जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, पूर्वोत्तर राज्यों, तमिलनाडु तथा पर्वतीय क्षेत्रों में विस्तार पर काम कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि संघ की योजना समाज के सभी वर्गों तक सर्वस्पर्शी संपर्क स्थापित करने की है। इसके लिए समाज के सभी वर्गों में पढ़े-लिखे और योग्य लोगों से संपर्क स्थापित कर उन्हें समाज सेवा के विभिन्न कार्यों से जोड़ा जा रहा है। आने वाले दिनों में यह प्रयास और तेज किये जाने की संभावना है।

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