चंडीगढ़ः फरलो पर जेल से बाहर रह रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह सुरक्षा बढ़ा दी गई है। राम रहीम अब Z प्लस सुरक्षा में रखा जाएगा। हरियाणा सरकार ने यह फैसला लिया है।

इस संबंध में एडीजी-सीआईडी  (ADG CID) की तरफ से रोहतक रेंज कमिश्नर को पत्र लिखा गया था। पत्र में बताया गया है कि उनको गृह मंत्रालय से इनपुट मिले हैं कि राम रहीम को खालिस्तान समर्थित आतंकवादियों से खतरा है और सजा से पहले भी उसको धमकियां मिलती रही हैं। इसी खतरे को देखते हुए गुरमीत राम रहीम की सुरक्षा को कड़ा किया जाना जरूरी है।

पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या और डेरा के दो शिष्यों के बलात्कार के मामले में राम रहीम आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं और मौजूदा समय में रोहतक की सुनारिया जेल से 21 दिन की छुट्टी पर 7 फरवरी को रिहा हुए हैं। इस मामले में पंचकूला की विशेष सीबीआई अदालत ने 2017 में राम रहीम को दोषी ठहराया था। आपको बता दें कि गुरमीत को फरलो दिए जाने के विरोध में हाईकोर्ट में 23 फरवरी को सुनवाई होनी है।

इस बीच राम रहीम को फरलो दिए जाने के मामले में भी बड़ा खुलासा हुआ है। राम रहीम ने रोहतक की सुनारिया जेल के सुप्रिटेंडेंट को 31 जनवरी को पत्र लिखकर तीन सप्ताह की फरलो दिए जाने की मांग की थी और अपने परिवार के साथ गुरुग्राम में रहने की इच्छा जताई थी।

राम रहीम के अनुसार, वह 4 साल 4 महीने से जेल में बंद है और परिवार से मिलने के लिए 21 दिन की फरलो छुट्‌टी चाहता है। राम रहीम की फरलो की मांग पर रोहतक कमिश्नर की तरफ से गुरुग्राम कलेक्टर से सुरक्षा व अन्य कारणों पर उनका पक्ष मांगा गया था।

गुरुग्राम कलेक्टर ने एक दिन में ही एक जनवरी को राम रहीम को फरलो देने की सिफारिश करते हुए वापस रोहतक प्रशासन को पत्र का जवाब भेज दिया था। गुरुग्राम कलेक्टर ने यह भी लिखा कि राम रहीम का परिवार यहीं पर रहता है, इस बात को कंफर्म कर लिया गया है।

अगर राम रहीम फरलो के दौरान यहां आना चाहता है तो स्थानीय लोगों व पुलिस को इससे कोई ऐतराज नहीं है। राम रहीम ने जेल में सजा के दौरान कोई अपराध नहीं किया है और वह हार्डकोर अपराधी की श्रेणी में नहीं आता है, इस कारण फरलो पर रिहाई की सिफारिश की जाती है।

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