प्रखर प्रहरी डेस्क

दिल्लीः सरकार ने विमान सेवा कंपनियों पर नकेल कस दिया है। वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न स्थिति का विमान सेवा कंपनिया नाजायज फायदा ने उठाये इसके लिए सरकार ने उड़ाने की अधिकतम और न्यूनतम किराये तय कर दिये हैं।

नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21 मई को उड़ान के समय के हिसाब से सात श्रेणियों में अधिकतम और न्यूनतम किराया तय किये। चालीस मिनट से कम की उड़ान के लिए न्यूनतम किराया दो हजार रुपये और अधिकतम छह हज़ार रुपये किराया तय किय है। सबसे लंबी उड़ान की तीन से साढ़े तीन घंटे की श्रेणी के लिए अधिकतम किराया 18,600 रुपये और न्यूनतम 6,500 रुपये किराया होगा। इसमें यूडीएफ यानी उपभोक्ता विकास शुल्क , सीएसएप यानी यात्री सेवा शुल्क  और जीएसटी यानी वस्तु एवं सेवा कर शामिल नहीं हैं। ये तीनों शुल्क अलग से देने होंगे। क्षेत्रीय संपर्क योजना की उड़ानों के किराये पर यह सीमा लागू नहीं होगी।
नागरिक उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संवाददाताओं को बताया कि महामारी के दौरान सीमित उड़ानों के साथ विमान सेवा 25 मई से दोबारा शुरू की जा रही हैं। उड़ानें कम होने से सीटों की उपलब्धता घटेगी जबकि मांग अधिक है। ऐसे में किराये में तेज बढ़ोतरी की आशंका थी। इस बात को ध्यान में रख कर सरकार ने उड़ान के समय के हिसाब से अधिकतम और न्यूनतम किराया तय करने का फैसला किया है। दिल्ली-मुंबई मार्ग पर न्यूनतम किराया 3,500 रुपये और अधिकतम किराया 10,000 रुपये होगा। उन्होंने बताया कि न्यूनतम किराया तय करने के लिए संबंधित मार्गों पर रेलवे के किराये को आधार बनाया गया है। एयरलाइंस के लिए किसी मार्ग पर अधिकतम और न्यूनतम किराये के औसत से कम दाम पर कम से कम 40 प्रतिशत सीटों की बुकिंग करनी होगी। इसे अनिवार्य बनाया गया है।
सातों श्रेणियों में न्यूनतम और अधिकतम किराया निम्नलिखित प्रकार से हैः-
समय————–न्यूनतम किराया————-अधिकतम किराया
40 मिनट से कम———2,000——————-6,000
40 से 60 मिनट———-2,500——————-7,500
1 घंटा से 1.5 घंटा——–3,000——————-9,000
1.5 घटा से 2 घंटा——–3,500——————-10,000
2 घंटा से 2.5 घंटा ——-4,500——————-13,000
2.5 घंटा से 3 घंटा———5,500——————-15,700
3 घंटा से 3.5 घंटा———6,500——————-18,600

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