दिल्लीः भारत ने कर्नाटक में हिजाब विवाद को लेकर कुछ देशों की टिप्पणियों को देश के आंतरिक मामलों में अवांछित दखल करार दिया है और कहा है कि भारत की संवैधानिक और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ऐसे मुद्दों के समाधान की व्यवस्था है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने आज यहां मीडिया के सवालों के जवाब में कहा कि कर्नाटक में कुछ शैक्षणिक संस्थानों में पहनावे का मुद्दा कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायिक समीक्षा के अधीन है। हमारी संवैधानिक प्रणाली और लोकतांत्रिक प्रक्रिया में ऐसे मुद्दों पर समुचित विचार- विमर्श और समाधान की कारगर व्यवस्था है।
उन्होंने कहा, “ जो भारत को जानते हैं, वे इन वास्तविकताओं की सराहना करते हैं। भारत के आंतरिक मामलों में किसी भावना से प्रेरित टिप्पणियों का हम कतई स्वागत नहीं करते हैं।
इस विवाद के बीच कर्नाटक में 14 फरवरी से 9वीं और 10वीं तक के स्कूल खोल दिए जाएंगे। उच्च न्यायालय के आदेश के बाद मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने गुरुवार को उच्चाधिकारियों के साथ हाई लेवल मीटिंग में यह फैसला लिया। अब अधिकारी स्कूल कैंपस को दौरा करेंगे। इस दौरान वे छात्रों के पेरेंट्स से भी मिलेंगे। इस दौरान मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे इस बात का ध्या रखें कि स्कूल खोलने पर कोई अप्रिय घटना न हो। उन्होंने उपायुक्तों तथा पुलिस अधीक्षकों को राज्य में शांति स्थापित करने और किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों का दौरा करने का निर्देश दिया। इसके साथ ही अधिकारियों को सोशल मीडिया पर सख्त निगरानी रखने के लिए कहा गया है, ताकि अफवाहों को बढ़ावा देने वाले और उकसाने वाले मैसेज न फैलें। दोषियों पर जल्द कार्रवाई की जानी चाहिए और हाईकोर्ट के आदेश का कानूनी तौर पालन होना चाहिए। सभी राजनीतिक नेताओं, धर्मगुरुओं, संगठनों के प्रमुखों को विश्वास में लिया जाए और जरूरत पड़ने पर उनका सहयोग मांगा जाए। इसके अलावा स्थानीय प्रशासन ऊपर से आदेश की प्रतीक्षा न करे। परिस्थिति के अनुसार, किसी अप्रिय घटना को तुरंत रोकने के उपाय तलाशने का निर्देश दिया गया।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री बोम्मई ने कहा, “पिछले दो दिन बेहद शांतिपूर्ण रहे हैं। मैं सभी से एक साथ काम करने और कॉलेजों में शांति बनाए रखने की अपील करता हूं। सोमवार से 10वीं तक की कक्षाओं के लिए स्कूल खुलेंगे। दूसरे चरण में, हम स्थिति के अनुसार, कक्षा 11वीं-12वीं और अन्य डिग्री कॉलेजों को फिर से खोलने के बारे में निर्णय लेंगे।“
वहीं कर्नाटक के शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने ट्वीट कर कहा, “यूनिफॉर्म के जुड़े नियमों को चुनौती देने वाली कुछ छात्रों की याचिका पर सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने कक्षाएं दोबारा शुरू करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट के आदेश के बाद मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में यह निर्णय लिया गया कि नौवीं और दसवीं की नियमित कक्षाएं 14 फरवरी से शुरू होंगी।“
हिजाब विवाद के कारण कर्नाटक में 11वीं और 12वीं के स्कूल-कॉलेज बुधवार तक बंद रहेंगे। कर्नाटक सरकार ने शुक्रवार को घोषणा की कि कक्षाएं बंद रहेंगी क्योंकि हाईकोर्ट सोमवार को हिजाब प्रतिबंध को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई जारी रखेगा।
इस बीच पुलिस ने हिजाब विवाद के कारण सबसे ज्यादा तनावग्रस्त तीन शहरों में फ्लैग मार्च किया। आपको बता दें कि कर्नाटक उच्च न्यायालय ने गुरुवार को स्कूल-कॉलेजों में फिलहाल धार्मिक पहचान वाले कपड़े, चाहे वह भगवा शॉल हों या हिजाब, नहीं पहनने का अंतिरम आदेश जारी किया था।
तीन जजों वाली बेंच ने कहा, “हम जल्द से जल्द फैसला सुनाएंगे, लेकिन शांति कायम करना जरूरी है। कोर्ट इस मामले में सोमवार को अगली सुनवाई करेगा। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने पहले कहा कि हम देखेंगे कि हिजाब पहनना मौलिक अधिकार है या नहीं।“
कर्नाटक में हिजाब विवाद उडुपी के ही एक सरकारी कॉलेज से शुरू हुआ था, जहां मुस्लिम लड़कियों को हिजाब पहनकर आने से रोका गया था। स्कूल मैनेजमेंट ने इसे यूनिफॉर्म कोड के खिलाफ बताया था। इसके बाद अन्य शहरों में भी यह विवाद फैल गया।
मुस्लिम लड़कियां इसका विरोध कर रही हैं, जिसके खिलाफ हिंदू संगठनों से जुड़े युवकों ने भी भगवा शॉल पहनकर जवाबी विरोध शुरू कर दिया था। एक कॉलेज में यह विरोध हिंसक झड़प में बदल गया था, जहां पुलिस को सिचुएशन कंट्रोल करने के लिए टियर गैस छोड़नी पड़ी थी।