दिल्लीः दुनिया में एक और युद्ध की आहट सुनाई पड़ने लगी है। रूस और यूक्रेन के बीच जंग का खतरे के मद्देनजर अमेरिका ने अपने 8500 सैनिकों को अलर्ट रहने को कहा है। अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन ने 8,500 अमेरिकी सैनिकों को पूर्वी यूरोप में तैनाती के लिए ‘हाई अलर्ट’ पर रखा है। पेंटागन के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि इन सैनिकों में कॉम्बेट टीम, हेल्थ वर्कर्स, इंटेलिजेंस और सर्विलांस टीम के मेंबर्स शामिल हैं।

किर्बी ने कहा, “अभी तक इन सैनिकों की तैनाती के लिए न तो कोई आदेश जारी किया गया है और न ही इन्हें कोई मिशन सौंपा गया है। हालांकि, पूर्वी यूरोप में नाटो को मजबूत करने के लिए अमेरिकी सैनिकों को तैनात किया जा सकता है। यूरोप में अतिरिक्त अमेरिकी फोर्सेस की तैनाती नाटो के फैसले पर ही होगी।“

उधर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रूसी राष्ट्रपति पुतिन को यूक्रेन पर हमले की स्थिति में गंभीर नतीजे भुगतने की चेतावनी दी है। जॉनसन का ये बयान रूसी सेना द्वारा फरवरी में आयरलैंड के तट से 150 मील दूर समुद्री सैन्य अभ्यास करने के ऐलान के बाद आया है। रूस ने एटलांटिक, प्रशांत, भूमध्यसागर तथा उत्तरी सागर में अपने 140 वॉरशिप के साथ युद्धाभ्यास का ऐलान किया है।

वहीं, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने यूक्रेन और रूस में तनाव कम करने के लिए राजनीतिक बातचीत शुरू करने की अपील की है। संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र दोनों देशों के बीच जंग की जगह बातचीत से मसलों का हल चाहता है। हम सभी पक्षों से अपील करते हैं कि वे युद्ध के हालात खत्म करने और बॉर्डर को डी-एस्केलेट करने के लिए जल्द कदम उठाएं।“

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