GST

दिल्लीः आज से पांच दिन बाद नया साल यानी 2022 शुरू होने जा रहा है। जनवरी माह की पहली तारीख या यूं कहें कि नए साल की पहली तारीख भी कुछ नए नियमों या बदलावों की गवाह बनेगी। ये बदलाव रुपये पैसों से जुड़े हैं और आम लोगों से लेकर कारोबारियों तक को प्रभावित करेंगे। तो चलिए आपको बताते हैं कि 1 जनवरी 2022 से क्या नया होने वाला है और उसका आपके जीवन पर क्या असर पड़ने वाला है।

​इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों को देना पड़ेगा चार्जः

आईपीपीबी (IPPB) यानी इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक के ग्राहकों को एक लिमिट से अधिक कैश निकालने और डिपॉजिट करने पर अब चार्ज देना होगा। यह नियम 1 जनवरी से लागू होने जा रहा है। सेविंग्स और करंट अकाउंट में बिना चार्ज के महीने में आप केवल 10,000 रुपये ही जमा कर पाएंगे। इस लिमिट से ज्यादा रकम डिपॉजिट करने पर ग्राहकों को अतिरिक्त चार्ज देना पड़ेगा। इसी तरह सेविंग्स और करंट अकाउंट से हर महीने 25 हजार रुपये तक का कैश विदड्रॉल मुफ्त में होगा और उसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर 0.50 फीसदी चार्ज देना होगा।

​एटीएम (ATM) से कैश निकालना होगा महंगाः

नया साल के पहले दिन यानी 1 जनवरी 2022 से एटीएम से कैश निकालना (Cash ATM Transaction) महंगा हो जाएगा। एक जनवरी से, ग्राहकों को फ्री एटीएम ट्रांजेक्शन (Non-Cash ATM Transaction) की सीमा खत्म होने के बाद किए जाने वाले ट्रांजेक्शन पर अभी की तुलना में अधिक शुल्क देना होगा। जून के महीने में ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने इसे लेकर शुल्क बढ़ाने की इजाजत दे दी थी।

​महेंगे होंगे कपड़े और जूतेः

आगामी साल के पहले दिन यानी एक जनवरी 2022 से कपड़े और जूते महंगे होने वाले हैं। इसकी वजह है कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने विभिन्न प्रकार के वस्त्र, परिधान और जूतों के लिए वस्तु एवं सेवा कर की दर को 12% कर दिया है। पहले यह दर 5 फीसदी थी। नई जीएसटी दर 1 जनवरी 2022 से प्रभावी होगी। हालांकि, कुछ सिंथेटिक फाइबर और यार्न के लिए जीएसटी दरों को 18% से घटाकर 12% कर दिया गया है।

जीएसटी कानून में बदलावः

जीएसटी (Goods & Service Tax) यानी वस्तु एवं सेवा कर के गलत रिटर्न (GST Return) भरना नए साल में महंगा पड़ने वाला है। एक जनवरी से वस्तु एवं सेवा कर (GST) अधिकारी गलत जीएसटी रिटर्न भरने वाले व्यापारियों के खिलाफ वसूली के लिए सीधे कदम उठा सकेंगे। अक्सर यह शिकायत मिलती है कि अपने मासिक जीएसटीआर-1 फॉर्म में ज्यादा बिक्री दिखाने वाले कारोबारी कर देनदारी को कम करने के लिए भुगतान से संबंधित जीएसटीआर-3बी फॉर्म में इसे कम करके दिखाते हैं।

 

 

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