दिल्ली डेस्क

दिल्लीः देश में कोरोना से होने वाली मृत्यु की दर दुनिया में इस संक्रमण से सबसे अधिक प्रभावित होने वाले देशों में सबसे कम है। विश्वभर में जहां इस जानलेवा विषाणु से प्रति लाख पर 4.1 लोगों की मौत हो रही है। वहीं भारत में यह आंकड़ा महज 0.2 प्रतिशत है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से  19 मई की शाम जारी बयान में यह जानकारी दी गई।  स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि कोविड-19 से होने वाली मौत को लेकर भारत और विश्व के अन्य देशों के आंकड़ों की तुलना की जाए तो पता चलता है कि दुनिया के अन्य देशों में जहां इस संक्रमण से जहां प्रति लाख 4.1 लोगों की मौत हो रही है। वहीं हमारे देश में यह आंकड़ा महज प्रति लाख  0.2 मौत है। देश में अब तक कुल 24,25,742 सैंपलों की कोविड-19 जांच हो चुकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि जनवरी में देश में मात्र एक प्रयोगशाला में कोरेाना की जांच हो रही थी, अब यह संख्या बढ़कर 543 हो गई है। इनमें  385 सरकारी और 158 निजी क्षेत्र की लैब हैं।

स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि देश में कोरोना से होने वाली मौत और इसके संक्रमण की दर में कमी की मुख्य वजह शुरू से ही उठाए गए कड़े कदम रहे हैं। देश में  इस समय प्रतिदिन एक लाख कोराना की जांच करने की क्षमता हासिल की जा चुकी है। देश में अभी तक कोरेाना के 24 लाख  से अधिक टेस्ट हो चुके हैं। इसके अलावा विदेश से एक उच्च गुणवत्ता युक्त कोबास 6800 मशीन को एनसीडीसी यानी नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल में लगाया गया है। यह मशीन पूरी तरह ऑटोमेटिक है। यह24 घंटे में 1200 टेस्ट करने में सक्षम है। देश में कोरोना जांच की किट पर्याप्त मात्रा में है। राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेश में आईसीएमआर के 15 डिपों में वितरित की जा रही है। देश में इस समय रोजाना तीन लाख पीपीई  प्रतिदिन बनाने की क्षमता हासिल की जा चुकी है। तीन लाख एन 95 मॉस्क बनाए  जा रहे हैं जो निकट भविष्य में देश की जरूरतों के लिए पर्याप्त है। इसके  अलावा देश में घरेलू स्तर पर वेंटीलेटर का निर्माण शुरू हो चुका है और  आर्डर भी दिए जा चुके हैं।

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