बेंगलुरुः दुश्मनो के छक्के छुड़ा देने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह आखिरकार जिंदगी की जंग हार गए। सात दिनों तक बेंगलुरु की अस्पताल में मौत से लड़ाई लड़ने के बाद बुधवार को उनका निधन हो गया। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह देश के पहले सीडीएस (CDS) जनरल रावत के साथ हेलिकॉप्टर हादसे में घायल हुए थे।
भारतीय वायु सेना ने ट्वीट कर उनके निधन की पुष्टि की। एयरफोर्स ने कहा कि ग्रुप कैप्टन वरुण ने गंभीर चोटों की वजह से दम तोड़ दिया। तमिलनाडु के कुन्नूर में 8 दिसंबर को हेलिकॉप्टर हादसे में घायल होने के बाद पहले उन्हें वेलिंगटन के आर्मी अस्पताल में भर्ती किया गया था। बाद में उनकी गंभीर हालत को देखते हुए उन्हें बेंगलुरु शिफ्ट किया गया था। वे पिछले 7 दिन से जिंदगी की जंग लड़ रहे थे।
IAF is deeply saddened to inform the passing away of braveheart Group Captain Varun Singh, who succumbed this morning to the injuries sustained in the helicopter accident on 08 Dec 21. IAF offers sincere condolences and stands firmly with the bereaved family.
— Indian Air Force (@IAF_MCC) December 15, 2021
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह गैलेंट्री अवॉर्ड विनर थे और वे सैन्य परिवार से आते हैं। उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी वरुण सिंह का परिवार तीनों सेनाओं से जुड़ा है- जल, थल और नभ। ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह इंडियन एयरफोर्स (IAF) से थे। उनके पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह आर्मी एयर डिफेंस (AAD) की रेजिमेंट में थे। कर्नल केपी सिंह के दूसरे बेटे और ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के छोटे भाई लेफ्टिनेंट कमांडर तनुज सिंह इंडियन नेवी में हैं। इन दिनों वरुण का परिवार भोपाल में रहता है।
उत्तर प्रदेश के देवरिया निवासी ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को इसी साल स्वतंत्रता दिवस पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शौर्य चक्र से सम्मानित किया था। उन्हें यह अवॉर्ड फ्लाइंग कंट्रोल सिस्टम खराब होने के बाद भी 10 हजार फीट की ऊंचाई से तेजस विमान की सफल लैंडिंग कराने पर दिया था। वरुण ने आपदा के समय धैर्य नहीं खोया और आबादी से दूर ले जाकर विमान की सफल लैंडिंग कराई थी। इस काम के लिए उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था।
आपको बता दें कि ग्रुप कैप्टन वरुण ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्तमान के बैचमेट थे। अभिनंदन ने 27 फरवरी 2019 को भारत की सीमा में घुसने वाले पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ा था। उन्होंने इस दौरान पुराने MIG-21 से अमेरिकन मेड F-16 मार गिराया था। ग्रुप कैप्टन वरुण बेस्ट पायलट अवॉर्ड से भी सम्मानित हुए थे।
ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के परिवार में पत्नी और एक बेटा-बेटी है। उन्हें सीडीएस बिपिन रावत को रिसीव करने के लिए प्रोटोकॉल ऑफिसर बनाया गया था। वरुण ने चंडीगढ़ के चंडी मंदिर स्कूल से 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की। 2004 में उनका एनडीए (NDA) में चयन हुआ था।
ग्रुप कैप्टन वरुण के पिता केपी सिंह अपनी पत्नी उमा सिंह के साथ वहीं रहते हैं। वहीं, ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ वेलिंग्टन में रहते थे।