दिल्लीः कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट को लेकर की गई एक नई स्टडी चिंता बढ़ाने वाली है। ब्रिटेन और साउथ अफ्रीका के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि यदि सावधानियां नहीं बरती गईं, तो ब्रिटेन में अगले साल अप्रैल तक इससे 25 से 75 हजार मौतें हो सकती हैं। आपको बता दें कि ब्रिटेन पहले से ही इस जानलेवा विषाणु के बढ़ते मामलों से जूझ रहा है। ब्रटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को कहा कि दिसंबर अंत तक 18+ आबादी को बूस्टर डोज देने का टारगेट सेट किया है।
वहीं लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन और स्टेलेनबोश यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा है कि ओमिक्रॉन पर वैक्सीन के बेअसर होने का खतरा है और इस पर बूस्टर डोज कितना कारगर होगा ये भी अभी पता नहीं चल पाया है। शोधकर्ताओं ने इन्हीं दो पैमानों के आधार पर अलग-अलग परिस्थितियों में ओमिक्रॉन किस तरह नए केसेज और मौतों को बढ़ा सकता है, इसका आकलन किया है। शोधकर्ताओं ने चार पैमानों पर की है स्टडीः
- वैक्सीन और बूस्टर डोज दोनों ओमिक्रॉन पर ज्यादा असरदार रहे।
- वैक्सीन ओमिक्रॉन पर ज्यादा असरदार हो लेकिन लेकिन बूस्टर डोज कम।
- वैक्सीन ओमिक्रॉन पर कम असरदार रहे लेकिन बूस्टर डोज ज्यादा।
- वैक्सीन और बूस्टर डोज दोनों ओमिक्रॉन पर कम असरदार रहे।
स्टडी में सामने आई हैं ये:
- बेहतर से बेहतर परिस्थिति में जब ओमिक्रॉन पर वैक्सीन कारगर भी रहीं और बूस्टर डोज भी असरदार रहे तब भी हॉस्पिटलाइजेशन रेट में इसी साल जनवरी के मुकाबले 60 प्रतिशत तक बढ़ सकती है। तब हर रोज करीब 3570 मरीजों को हॉस्पिटल में एडमिट करना होगा।
- खराब से खराब स्थिति में यानी जब ओमिक्रॉन पर वैक्सीन कारगर भी न रहे और बूस्टर डोज भी असरदार न रहे तब हर रोजाना 7100 से ज्यादा नए केसेज आ सकते हैं।
- जब वैक्सीन ओमिक्रॉन पर ज्यादा असरदार हो लेकिन लेकिन बूस्टर डोज कम तब भी रोजाना 4350 लोगों को हॉस्पिटलाइज करना होगा।
- जब वैक्सीन ओमिक्रॉन पर कम असरदार रहे लेकिन बूस्टर डोज ज्यादा तब 4500 लोगों को हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत हो सकती है।
- अगर अतिरिक्त सावधानियां नहीं बरती गई तो ओमिक्रॉन की वजह से अप्रैल 2022 तक ब्रिटेन में 25 से 75 हजार मौतें हो सकती हैं।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों से ब्रिटेन समेत यूरोप के कई देश परेशान हैं। ब्रिटेन में ओमिक्रॉन के अब तक 3 हजार से भी ज्यादा मामले दर्ज किये जा चुके हैं। इसकी रोकथाम के लिए ब्रिटेन ने रविवार को कोरोना के अलर्ट लेवल को 3 से बढ़ाकर 4 लेवल पर कर दिया है। आपको बता दें कि अलर्ट लेवल 4 का मतलब है कि कोरोना का ट्रांसमिशन ज्यादा है जिसका सीधा असर स्वास्थ्य सेवाओं पर पड़ रहा है।
यहां पर स्वास्थ्य विशेषज्ञ चेतावनी दे चुके हैं कि अगर इसी तरह से बढ़ते रहे तो स्वास्थ्य सेवाएं घुटनों पर आ जाएंगी। कोरोना की वजह से ब्रिटेन में नॉर्मल बीमारियों के इलाज की वेटिंग लिस्ट 50 लाख से ऊपर जा चुकी है।
इस संक्रमण के दुनियाभर में मिल रहे हर 100 नए मामलों में से करीब 64 केस अकेले यूरोप में आ रहे हैं। हर 3 दिन में करीब 10 लाख नए मामले मिल रहे हैं। मोनाको, फिनलैंड, फ्रांस और डेनमार्क समेत यूरोप के 7 देश ऐसे हैं, जहां नए केसेज अपने पीक पर हैं। यूरोप में नए कोरोना केसेज का सात दिन का औसत भी अब तक के पीक पर पहुंच चुका है।
- फ्रांस में हर दिन 48 हजार से ज्यादा नए केसेज आ रहे हैं। ये पिछले साल 7 नवंबर के बाद से अब तक के सबसे ज्यादा केसेज हैं।
- पोलैंड में नए केसेज के साथ मौतें भी बढ़ी हैं। यहां पिछले 3 हफ्तों से हर दिन औसतन 120 से भी ज्यादा मौतें हो रही हैं। हर दिन औसतन 22 हजार नए मामले मिल रहे हैं, जो अप्रैल के बाद सबसे ज्यादा है।
- जर्मनी में नवंबर के आखिरी हफ्ते के बाद केसेज कम होने लगे हैं। नवंबर के आखिरी हफ्ते में जहां हर रोज औसतन 58 हजार केसेज आ रहे थे जो अब कम होकर 50 हजार के आसपास आ गए हैं। हालांकि, केसेज की रफ्तार अभी भी सबसे ज्यादा है।
क्या है भारत का हालः
भारत में ओमिक्रॉन से ग्रसित मरीजों की संख्या 41 हो गई है। महाराष्ट्र में सोमवार को कोनोना के इस वैरिएंट के दो नए केस मिले हैं। इसके साथ ही राज्य में कुल मामलों की संख्या बढ़कर 20 हो गई है। इस तरह ओमिक्रॉन वैरिएंट के देश के आधे केस महाराष्ट्र में ही हैं। वहीं, गुजरात के सूरत में 1 ओमिक्रॉन के मामले की पुष्टि हुई है। संक्रमित व्यक्ति हाल ही में साउथ अफ्रीका से लौटा है।
इससे पहले रविवार को देश के 5 राज्यों में 5 नए केस मिले थे। केरल के कोच्चि में ओमिक्रॉन का पहला मामला सामने आया। केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज बताया कि संक्रमित व्यक्ति 6 दिसंबर को ब्रिटेन से कोच्चि लौटा था। वह 8 दिसंबर को हुए कोविड टेस्ट में पॉजिटिव पाया गया था। वहीं, उसकी पत्नी और मां की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। सभी को आइसोलेशन वार्ड में शिफ्ट कर दिया गया है।
वहीं, महाराष्ट्र के नागपुर में रविवार को ओमिक्रॉन के पहले और कर्नाटक में तीसरे केस की पुष्टि हुई है। चंडीगढ़ और आंध्र प्रदेश में भी ओमिक्रॉन के नए संक्रमितों की पहचान हुई है।