दिल्ली
दिल्ली स्थित 3 कामराज मार्ग, यह पता है देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का घर। जिस घर से जनरल रावत देश की सीमाओं की चौकसी की निगरानी करने के लिए निकला करते थे, आज उसी आवास पर तिरंगे में लिपटा उनका शव पहुंचा, तो सबकी आंखें नम हो गई। लोग उन्हें आखिरी सलाम और श्रद्धांजलि अर्पित कर रहे हैं। यहां पर तिरंगे में लिपटे एक ताबूत में देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत चिर निंद्रा में सोए हैं। बगल में दूसरे ताबूत में उनकी पत्नी मधुलिका रावत का पार्थिव शरीर है। इसी घर से सीडीएस रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत बुधवार सुबह एयरपोर्ट के लिए निकले थे। तब किसे पता था कि दोनों तिरंगे में लिपटकर लौटेंगे।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, एनएसए अजीत डोभाल, राहुल गांधी, हरियाणा के सीएम मनोजर खट्टर, उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी, एनसीपी चीफ शरद पवार, तीनों सेनाओं के बड़े अफसर…चिर निंद्रा में लेटे जनरल के आगे एक के बाद एक लोग नतमस्तक हो रहे हैं। आम लोग भी अपने देश के हीरो का अंतिम झलक देखने को बेताब हैं।
एक झटके में और एक साथ अपने माता-पिता और देश को कोहिनूर को खो देने वालीं सीडीएस रावत की दोनों बेटियों का दर्द कल्पनाओं से परे है। यहां पर एक बेटी की गोद में 4-5 साल का मासूम है।, जिसकी नजरों के सामने तिरंगे में देश का हीरो चिर निंद्रा में लेटा है। बच्चे की आंखें कौतूहल में आस-पास देख रही हैं।
इस मासूम को तो यह भी नहीं पता कि तिरंगे में कौन लिपटा है। उसे नहीं पता कि इतनी भीड़ क्यों हैं। इस दौरान उसे फूल दिया जाता है देश के हीरे को चढ़ाने के लिए और कहा जाता है कि इन्हें नमन करने को। इस स्थिति की आप कल्पना भी नहीं कर सकते हैं। सीडीएस रावत को श्रद्धांजलि देते इस मासूम का दृश्य कलेजे को चीर देने वाला है। टीवी पर इस दृश्य को करोड़ों लोग देख रहे हैं। करोड़ों आंखें नम हैं।
देश के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत बुधवार सुबह दिल्ली के इसी घर से पालम एयरपोर्ट के लिए निकले थे। उन्हें तमिलनाडु के वेलिंगटन स्थित डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज में लेक्चर देने जाना था। पालम एयर पोर्ट से एयर फोर्स के एक विमान से सीडीएस रावत सुलुर एयर बेस पहुंचते हैं। वहां से वह, उनकी पत्नी और 12 अन्य अफसर हेलिकॉप्टर से वेलिंगटन के लिए रवाना होते हैं, लेकिन मंजिल से महज 10-15 किलोमीटर पहले हेलिकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो जाता है और जनरल रावत को हमेशा-हमेशा के लिए हम सभी से छीन लेता है। आज पूरा देश उस मनहूस घड़ी को कोस रहा है। अपने हीरो को आखिरी विदाई दे रहा है। अलविदा जनरल।