मुंबईः दक्षिण अफ्रीका में मिले कोरोना वायरस के खरनाक ओमिक्रॉन वैरिएंट ने देश की चिंता बढ़ा दी है। रिस्क वाले देशों से आए 6 लोगों के कोरोना पॉजिटिव मिलने के बाद उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दरअसल देश के 11 एयरपोर्ट से एट रिस्क वाले देशों से आए 3476 लोगों का कोविड टेस्ट करवाया गया था। अब उसका नतीजा सामने आ गया है और 6 लोग पॉजिटिव निकले हैं। अब इन सभी सैंपल को जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेजा जाएगा। जीनोम के जरिए इस बात की पुष्टि हो पाएगी कि ये लोग कोविड के किस वेरिएंट से संक्रमित हैं।

आपको बता दें कि देश में इंटरनेशनल फ्लाइट से लौटने वालों का RT-PCR टेस्ट करने की गाइडलाइंस लागू होने के बाद बुधवार को मुंबई में तीन पैसेंजर पॉजिटिव मिले। ये पैसेंजर मॉरीशस और लंदन से लौटे थे। इनके अलावा मंगलवार को आइसोलेट किए गए एक विदेशी यात्री की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट भी बुधवार को पॉजिटिव आई है।

इन चार नए मामलों के साथ ही अब मुंबई में नए कोरोना वैरिएंट ओमिक्रॉन के संदिग्ध केस की संख्या पांच हो गई है। इन चारों के सैंपल भी जीनोम सीक्वेंसिंग के लिए भेज दिए गए हैं

केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि उनके मंत्रालय ने कोरोना वायरस के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन से निपटने की पूरी तैयार कर ली है तथा संवेदनशील माने जा रहे 12 देशों से आने वाले यात्रियों पर कड़ी निगाह रखी जा रही है। ससिंधिया ने कहा, ”12 देशों से आने वाले यात्रियों पर नजर, सावधानी और सतर्कता रखी जा रही है। हालांकि यह देश से उड़ानों की आवाजाही को प्रभावित करेगा लेकिन एहतियात भी जरुरी है।”

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने हवाई अड्डे पर दक्षिण अफ्रीका, हांगकांग, बोत्सवाना और इजराइल से आने वाले यात्रियों की विशेष जांच करने के निर्देश जारी किए हैं। इसके साथ ही राज्यों को नए स्वरूप के खतरे को देखते हुए सतर्क रहने का भी निर्देश दिया गया है। कोविड-19 के ओमिक्रॉन स्वरूप ने बुधवार को विश्व की परेशानी और बढ़ा दी क्योंकि जापान ने यात्रा प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया। वहीं, वायरस के नये स्वरूप से संक्रमण के मामले कुछ और स्थानों पर सामने आए हैं और नये साक्ष्य से यह स्पष्ट हो गया है कि यह स्वरूप सोचे गये समय से हफ्तों पहले से व्याप्त था।

हालांकि ओमिक्रॉन के बारे में ज्यादा जानकारी अभी नहीं है। मसलन यह कितना संक्रामक है, क्या यह टीकों को चकमा दे सकता है आदि। हालांकि,यूरोपीय आयोग प्रमुख ने स्वीकार किया है कि विश्व को इस बारे में वैज्ञानिकों का और जवाब देना लंबा खींच सकता है।  इस बीच, यूरोप के कई देश अब भी कोविड के पुराने स्वरूप डेल्टा से जूझ रहे हैं। वहां संक्रमण के मामले तीव्र गति से बढ़ रहे हैं और अस्पतालों में मरीजों के भर्ती होने की दर भी बढ़ी है।

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