दिल्लीः सरकार ने गरीबों को चार महीने और मुफ्त में राशन देने का फैसला लिया है। केंद्रीय कैबिनेट ने गरीब कल्याण अन्न योजना को 4 महीने यानी 31 मार्च, 2022 तक बढ़ाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी है। आपको बता दें कि इस योजना के तहत गरीबों को मुफ्त राशन बांटा जा रहा है। कोरोना के दौरान इस योजना को शुरू किया गया था। बाद में इसे 31 दिसंबर तक बढ़ा दिया गया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई। इसके बाद बैठक में लिए निर्णयों के जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया कि कोविड महामारी के दौरान प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत लोगों तक मुफ्त राशन पहुंचाने के काम को चार महीने बढ़ाकर मार्च 2022 तक जारी रखने का निर्णय किया गया है।
उन्होंने कहा, “ पूरी दुनिया में शायद ही कोई देश हो जो महीनों तक 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन उपलब्ध कराया हो।” उन्होंने कहा कि यह योजना 15 महीने से चलायी जा रही है, सरकार ने इसे चार महीने और बढ़ाकर 31 मार्च 2022 तक जारी रखने का फैसला किया है।
आपको बता दें कि इस योजना के तहत लक्षित लोगों को सस्ते राशन की सरकारी दुकानों से मुफ्त अनाज वितरित किया जाता है। एक सरकारी बयान के अनुसार मंत्रिमंडल ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) को चार महीने और (दिसंबर 2021-मार्च 2022) बढ़ाने का फैसला किया है। इस योजना के पांचवे चरण में खाद्य सब्सिडी पर अनुमानित 53342.52 करोड़ रुपये खर्च होंगे। कार्यक्रम के पांचवें चरण में कुल 16.3 करोड़ टन अनाज की आवश्यकता होगी।
अनुराग ने बताया कि मार्च 2022 तक इस योजना के तहत कुल खर्च 2.60 लाख करोड़ रुपये होगा। इस योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून (एनएफएसए) के तहत आने वाले लाभार्थियों को प्रति व्यक्ति पांच किलोग्राम अनाज मुफ्त प्रदान किया जाता है।
Under the leadership of PM @narendramodi, #Cabinet has decided to further extend the 'PM Garib Kalyan Anna Yojana' to provide free ration till March 2022: Union Minister @ianuragthakur #CabinetDecisions pic.twitter.com/27dwgO439d
— PIB India (@PIB_India) November 24, 2021
देश में कोरोना संक्रमण के मामलों में लागातार कमी हो रही है और दैनिक नये मामले 10 हजार से नीचे आ गये हैं। भारत में 118 करोड़ लोगों को टीके लग चुके हैं और इस तरह 80 प्रतिशत पात्र आबादी को कोरोना का कम से कम एक टीका लग चुका है।
कुछ राजनीतिक दलों ने इस योजना की अवधि समाप्त होने को लेकर राजनीतिक बयानबाजी शुरू कर दी थी। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक इस योजना को और आठ महीने बढ़ाने के लिये प्रधानमंत्री को पत्र लिखा था।